कॉलेजेज बनेंगे रिसर्च सेंटर
- यूजीसी ने आरयू से मांगा प्रस्ताव
- इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने के लिए मिलेगी ग्रांट BAREILLY: आरयू के डिग्री कॉलेजेज भी एकेडमिक एक्सिलेंस अचीव कर पाएंगे। उनकी टीचिंग, रिसर्च समेत तमाम एकेडमिक एक्टिविटीज हाई क्वालिटी की होंगी। यूजीसी ने आरयू से ऐसे कॉलेजेज का प्रस्ताव मांगा है, जहां पर एकेडमिक एक्सिलेंस के लिए बेहतर आधारभूत सुविधाओं को मुहैया कराया जा सके। यह योजना केवल डिग्री कॉलेजेज के लिए है, जिसमें सभी राजकीय, एडेड और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज आते हैं। इस स्कीम के तहत यूजीसी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए सेलेक्टेड कॉलेजेज को ग्रांट मुहैया कराएगा। हालांकि सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज को इस स्कीम के तहत ग्रांट नहीं मिलेगी। कॉलेजेज का चयन और उनकी मौजूदा संसाधनों का ब्योरा आरयू को यूजीसी भेजना होगा। केवल 8 कॉलेजेज को मिलेगी ग्रांटयूजीजी ने कॉलेजेज विद पोटेंशियल फॉर एक्सिलेंस (सीपीई) नाम से योजना शुरू की है। इसके तहत उन कॉलेजेज का चुनाव किया जाता है, जो उत्तम सुविधाओं को क्वालिटी एकेडमिक वर्क के लिए बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकें। जिन कॉलेजेज में रिसर्च वर्क की क्वालिटी बेहतर है, एक्सिलेंट टीचर्स की फैकल्टी है, जिनमें गुंजाइश है बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की, ऐसे कॉलेजेज को इस स्कीम के तहत लाभ दिया जाएगा। एक यूनिवर्सिटी के अंडर केवल 8 कॉलेजेज को इस स्कीम के तहत ग्रांट दी जाएगी।
योजना का मोटिव इस योजना को लागू करने के पीछे मोटिव कॉलेजेज को रिसर्च सेंटर के रूप में स्थापित करना है। टीचिंग और रिसर्च के स्टैंडर्ड को हाई लेवल तक ले जाने के लिए एकेडमिक और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। ताकि, यूजी व पीजी डिग्री कॉलेजेज में लर्निग और टीचिंग का प्रोसेस ग्लोबल स्टैंडर्ड को फॉलो कर सके। इस योजना के तहत स्किल्ड प्रोग्राम्स को प्रोमोशन मिलेगा। आरयू ने कॉलेजेज को भेजा यूजीसी का लेटर प्राप्त होने के बाद आरयू ने इसे सभी कॉलेजेज को भेजकर प्रस्ताव मांगा है। रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि यूजीसी के लेटर को कॉलेजेज तक भेजने के साथ ही यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है। प्रस्ताव आने के बाद डीन, कॉलेजेज के वरिष्ठ शिक्षक और एक्सपर्ट्स के साथ मीटिंग के बाद सेलेक्टेड कॉलेजेज का प्रस्ताव यूजीसी को भेजा जाएगा।