आरयू ने प्राइवेट एग्जाम के लिए नए सेंटर्स बनाए जाने का कॉलेजेज से मांगा था प्रपोजल

अधिकांश कॉलेज सेंटर्स बनने में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे

BAREILLY: गुड़ खाए और गुलगुले से परहेजआरयू पर यह कहावत सटीक बैठती है। खासकर प्राइवेट स्टूडेंट्स को लेकर इसकी यही सिचुएशन है। प्राइवेट स्टूडेंट्स के जरिए आरयू हर साल लाखों रुपए कमाता है, लेकिन उसे इन प्राइवेट स्टूडेंट्स से सबसे ज्यादा प्रॉब्लम भी होती है। यही वजह है वह खुद इन्हें गले भी लगाना नहीं चाहता और लाखों रुपए कमाने के चक्कर में वह चाहकर भी इनसे किनारा नहीं कर सकता। आरयू प्राइवेट एग्जाम कंडक्ट तो कराता है लेकिन अपने यहां पर सेंटर नहीं बनाता। कॉलेजेज में ही सेंटर बनवाता है। प्राइवेट स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालत यह है कि मेन एग्जाम के समय सेंटर्स कम पड़ जाते हैं। आरयू ने इसके लिए नए सेंटर्स बनाए जाने का प्रपोजल मांगा था, लेकिन अधिकांश कॉलेज इनके लिए सेंटर्स बनने में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

एडेड कॉलेज बनते हैं सेंटर्स

इग्नू और राजर्षी टंडन मुक्त विश्वद्यालय के कोर्सेज कंडक्ट होने के बावजूद आरयू अपने यहां पर प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम कंडक्ट कराता है। यूजी और पीजी वे रेगुलर कोर्सेज, जिसमें प्रैक्टिकल्स नहीं होते हैं, उनके प्राइवेट एग्जाम कंडक्ट कराए जाते हैं। बीए, बीकॉम और एमए के कई कोर्सेज में करीब दो लाख से ज्यादा प्राइवेट स्टूडेंट्स हर वर्ष मेन एग्जाम में बैठते हैं। इन स्टूडेंट्स के लिए फिलहाल गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजेज में ही सेंटर्स बनाए जाते हैं। सरकारी और प्राइवेट कॉलेजेज में इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

सेंटर्स कम सबसे बड़ी प्रॉब्लम

प्राइवेट स्टूडेंट्स बढ़ते जा रहे हैं जबकि उसके मुकाबले सेंटर्स जितने पहले थे उतने ही हैं। एक कॉलेज तक नहीं बढ़ा। बरेली में केवल बरेली कॉलेज ही सेंटर है। वह भी सबसे बड़े सेंटर के रूप में। यहां पर प्राइवेट स्टूडेंट्स की संख्या करीब म्0 हजार को भी पार कर जाती है। जबकि कॉलेज में एक समय में भ्,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को एग्जाम में नहीं बिठा सकते। मेन एग्जाम में इंटर कॉलेजेज में सेंटर्स बनाकर इनको बैठाने की व्यवस्था की जाती है। ज्यादा स्टूडेंट्स की संख्या को देखते हुए अन्य सेंटर्स भी बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी।

आरयू ने मांगे प्रस्ताव

आरयू प्राइवेट स्टूडेंट्स को रिस्ट्रिक्ट नहीं कर रहा, ज्यादा से ज्यादा सेंटर्स बनाने का मन बना चुका है। इसी वजह से आरयू ने पहली बार प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए सेंटर खोलने के मकसद से कॉलेजेज से प्रपोजल मांगे थे। लेकिन प्राइवेट स्टूडेंट्स के एग्जाम कंडक्ट कराने की सिरदर्दी को देखते हुए कॉलेजेज ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। आरयू के रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि जिन कॉलेजेज में प्राइवेट स्टूडेंट्स का सेंटर होता है उन पर काफी दबाव है। ज्यादा सेंटर्स खोले जाने से स्टूडेंट्स की संख्या बंट जाएगी और एग्जाम कंडक्ट कराने में भी आसानी होगी। आरयू ने प्रपोजल भेजने की लास्ट डेट को बढ़ाकर क्8 अक्टूबर कर दिया। बावजूद इसके सेंटर बनने के लिए कॉलेजेज कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। खासकर प्राइवेट कॉलेजेज तो कोसों दूर भाग रहे हैं। प्राइवेट स्टूडेंट्स के फॉर्म भराना, एग्जाम के समय उन्हें मैनेज करने में काफी स्टाफ की जरूरत होती है। यही वजह है कि प्राइवेट कॉलेजेज तो अपने यहां पर इनका सेंटर चाहते ही नहीं।

Posted By: Inextlive