वंदना अड़ीं, अब कैंपस से निकलकर थाने पहुंच गई जंग
कॉलेज ने झुठलाए आरोप21 को हुई घटना में डॉ। वंदना ने डॉ। डीआर यादव और महेंद्र यादव के खिलाफ जो भी आरोप लगाए थे, उन्हें चीफ प्रॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में झुठला दिया था। चीफ प्रॉक्टर ने प्रिंसिपल को सौंपी अपनी रिपार्ट में डॉ। वंदना के खिलाफ किसी भी प्रकार की अभद्रता होने से साफ इंकार कर दिया था। जबकि डॉ। वंदना ने फोन पर देख लेने की धमकी और कंप्लेन वापस लेने का दबाव बनाए जाने का भी आरोप लगाया।बनाई जांच कमेटी
डॉ। वंदना के स्ट्रिक्ट स्टैंड को देखते हुए कॉलेज ने कुछ गंभीरता दिखाई और उनके प्रकरण में जांच कमेटी का गठन कर दिया। प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि डॉ। डीके गुप्ता, डॉ। आरबी सिंह और डॉ। उमा व्यास की तीन मेंबर की कमेटी का गठन कर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई का प्रारूप तय किया जाएगा।महेंद्र यादव होगा कॉलेज से बाहर
वहीं प्रिंसिपल ने महेंद्र यादव के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चीफ प्रॉक्टर डॉ। जोगा सिंह को महेंद्र की आईडी जब्त करने के साथ ही उसे हॉस्टल से बाहर करने का निर्देश दिया है। वहीं इस प्रकरण में टीचर्स की मीटिंग भी हुई। जिन्होंने डॉ। वंदना का समर्थन करते हुए इसमें कड़ी कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की।Students ने की complainवहीं बीए, बीकॉम और बीएससी की दो दर्जन से ज्यादा स्टूडेंट्स ने प्रिंसिपल से मिलकर अपनी कंप्लेन दर्ज कराई। श्रद्धा सिंह, मीनाक्षी, मोनिका, नमिता, श्रेया समेत कई गल्र्स पहले जीसीआर में इकट्ठा हुईं और बाद में प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि बैरियर के पास वाहन स्टैंड पर अक्सर लड़कों का झुंड खड़ा रहता है, जिससे वे अनकंफर्टेबल महसूस करती हैं। वे कमेंट पास करते हैं जिस वजह से कई गल्र्स कॉलेज भी नहीं आतीं। उधर एबीवीपी ने भी इस मैटर में डीएम की गैरमौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट से मिलकर ज्ञापन सौंपा और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो कॉलेज बंद करा दिया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में दीपक ऋषि, दुष्यंत गौड़, सुमित गुर्जर, यशवंत सिंह, सुमित सैनी, रवि, आकाश, अंशुमान, समेत कई मौजूद रहे।'पहले भी टीचर्स के साथ घटनाएं हुई हैं। तब भी कॉलेज चुप ही रहा। मेरे साथ अभद्र व्यवहार हुआ और उसके बाद धमकाया जा रहा है। मैं चुप नहीं बैठ सकती.' - डॉ। वंदना शर्मा, बीसीबी
'मैंने अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया। उस दिन वह अवकाश पर थीं, जिसकी इंफॉर्मेशन मुझे नहीं दी गई। मुझे पता होता तो मैं उनसे बात ही नहीं करता। मेरा पक्ष साफ और स्पष्ट है.' - डॉ। डीआर यादव, हेड पॉलिटिकल डिपार्टमेंट, बीसीबी