अब कॉलेज में गर्ल्स की सुरक्षा 'सक्षम' पर
-- 250 पेज की रिपोर्ट में कॉलेजेज और इंस्टीट्यूशन के लिए कई गाइडलाइंस
-- देश भर में सर्वे कराकर एकत्रित की गई जानकारियां, मिला अच्छा रिस्पॉन्स BAREILLY: अब यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंपस में छात्रों के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए 'सक्षम' व्यवस्था होगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने सभी इंस्टीट्यूशन को यह निर्देश जारी करते हुए टास्क फोर्स सक्षम की रिपोर्ट अपने पास रखने और उसके अनुसार गाइडलाइंस इंप्लीमेंट करने के आदेश दिए हैं। कैंपस में छात्राओं व महिलाओं और सामान्य युवा वर्ग की सुरक्षा के इंतजामात को परखने के लिए यूजीसी ने टास्क फोर्स का गठन किया था। जिसकी रिपोर्ट सक्षम के नाम से रिलीज की गई है। सभी एजूकेशन इंस्टीट्यूशंस को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे किसी सीनियर टीचर को जिम्मेदारी सौंप कर सक्षम के गाइडलाइंस को इंप्लीमेंट करने का दायित्व सौंपा जाए।कैसे उपजी यह सोच
टीचर्स ऐसे केसेज के प्रति गंभीरता बरतें और उन्हें सहजता से हैंडल करें। इसके लिए कमेटी ने यूजीसी एकेडमिक स्टाफ कॉलेजेज को दो मॉड्यूल का रिफ्रेशर कोर्स और वर्कशॉप लागू करने के भी निर्देश दिए हैं। इंस्टीट्यूशंस में वर्कशॉप और फोरम ऑर्गनाइज कर अवेयरनेस भी फैला सकें। यही नहीं कमेटी ने नैक ग्रेडिंग वाले सभी इंस्टीट्शंस में रिपोर्ट के रिकमेंडेशंस लागू करने के निर्देश हैं। वहीं यूजीसी पहले ही सभी इंस्टीट्यूशंस के लिए नैक की ग्रेडिंग कंपलसरी कर चुकी है। रिपोर्ट की चौंकाने वाली बात -- 8फ्.भ् परसेंट ने सेक्सुअल हैरेसमेंट से किया इन्कार -- क्0.9 परसेंट कैंपस में पेट्रोलिंग गार्ड्स की सुविधा -- ख्म्.म् परसेंट कैंपस के पास विजिलेंस कमेटी है -- क्8.भ् परसेंट कैंपस में फीमेल सिक्योरिटी गार्ड्स -- क्0 परसेंट कैंपस में ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गएनई दिल्ली में क्म् दिसम्बर ख्0क्ख् को हुए निर्भया रेप कांड की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। यह घटना ना केवल नेशनल मीडिया बल्कि इंटरनेशनल मीडिया में खूब चर्चित हुआ और ऐसी विभत्स घटनाओं को रोकने के लिए स्ट्रिक्ट कदम उठाने की जरूरतों पर चर्चाएं भी शुरू हो गई। इसी के मद्देनजर यूजीसी ने क्0 मेंबर्स की एक टास्क फोर्स का गठन किया। इसका मोटिव यह पता लगाना था कि देश भर के एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस में यूथ खासकर गर्ल्स की फ्रीडम, सिक्योरिटी और सेफ्टी को इन्श्योर करने के लिए किस तरह के इंतजामात किए गए हैं। यूजीसी ने यह कदम कैंपस में होने वाले किसी भी तरह के हैरेसमेंट के प्रति जीरो टोलरेंस को ध्यान में केंद्रित कर उठाया था।
सर्वे में क्,फ्00 क्वेश्चनायर इससे रिलेटेड टास्क फोर्स ने क्,फ्00 क्वेश्चनायर तैयार किया था। साउथ के इंस्टीट्यूशंस ने इस सर्वे को सबसे बेहतर तरीके से रिस्पोंस दिया। नॉर्थ ने इंस्टीट्यूशंस कतराते हुए दिखाई दिए। देश भर में यह सर्वे कराया गया था। रिपोर्ट के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि 8फ्.भ् परसेंट ने इससे साफ इंकार कर दिया कि उनके यहां पर सेक्सुअल हैरेसमेंट की किसी भी तरह की कंप्लेंट रिसीव हुई है। क्ख् फरवरी को एमएचआरडी मिनिस्टर पल्लम राजू ने सक्षम के इस ख्भ्0 पेज की रिपोर्ट को जारी किया। स्ट्रिक्ट रिकमेंडेंशंस करने होंगे फॉलोरिपोर्ट जारी होने के बाद यूजीसी के चेयरमैन वेद प्रकाश ने क्8 फरवरी को देश के सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को लेटर भेजकर सक्षम के रिकमेंडेशंस और गाइडलाइंस को फॉलो करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सक्षम की रिपोर्ट भी भेजी है। उन्होंने अपील की है कि इंस्टीट्यूशंस किसी एक सीनियर टीचर को गाइडलाइंस को लागू कराने व मॉनीटरिंग के लिए दायित्व सौंपें। इसके साथ ही उनके पास भी सक्षम की रिपोर्ट की कॉपी होनी चाहिए। रिपोर्ट में जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी और विशाखा गाइडलाइंस के रिकमेंडेशंस को स्ट्रिक्टली फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ होने वाले सेक्सुअल हैरेसमेंट के प्रति सुप्रीम कोर्ट ने भी इन गाइडलाइंस को जारी किया है।
8.फ् परसेंट कैंपस में है कंप्लेंट बॉक्स रिपोर्ट के अनुसार केवल 8.फ् परसेंट कैंपस में ही कंप्लेंट बॉक्स है। जहां पर गर्ल्स व महिलाएं कंप्लेंट कर सकती हैं। वहीं केवल ब् परसेंट कैंपस में ही उनके लिए हेल्पलाइन नम्बर उपलब्ध है। क्0.9 परसेंट कैंपस में पेट्रोलिंग गार्ड्स की सुविधा उपलब्ध है। इनका काम यह गार्ड्स गर्ल्स हॉस्टल और डिपार्टमेंट पर नजर रखना है। ख्म्.म् परसेंट कैंपस के पास विजिलेंस कमेटी है। यह कमेटी ऐसी घटनाओं की जांच के लिए गठित की जाती है। क्8.भ् परसेंट कैंपस में फीमेल सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात किए गए हैं। यही कैंपस तीसरी आंख की व्यवस्था को लेकर भी गैरजिम्मेदार हैं। केवल क्0 परसेंट कैंपस में ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।प्राथमिकताएं गलत पाई गई
रिपोर्ट में इंस्टीट्यूशंस की भटकी हुई दिशा और दशा भी उजागर हुई है। इंस्टीट्यूशंस ने अपनी जो प्राथमिकताएं गिनाई हैं वे कैंपस में मौजूद ही नहीं है। केवल 9 परसेंट कैंपस में ही गर्ल्स के लिए सेपरेट कॉमन रूम की व्यवस्था दी गई है। हालांकि सेक्सुअल हैरेसमेंट को रोकने के लिए उन्होंने सिक्योरिटी, सर्विलांस, बाउंड्री वॉल को ऊंचा करने, सीसीटीवी कैमरे लगाने के सुझाव जरूर दिए हैं। रहते हैं साख बचाने में कैंपस की सत्यतता जाने के लिए टास्क फोर्स ने केवल स्टूडेंट्स के साथ ओपन फोरम्स भी ऑर्गनाइज किया, जिसमें गर्ल्स ने इंस्टीट्यूशंस के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी। रिपोर्ट के अनुसार इंस्टीट्यूशंस की तरफ से जो भी इंटरनल जांच कमेटी बिठाई जाती है, उसका ध्येय केवल साख को ध्यान में रखते हुए फैकल्टी मेंबर्स को बचाना होता है। गर्ल्स की तरफ से कोई खड़ा नहीं होता है तो आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जाती। यहीं नहीं गर्ल्स ने यह भी बताया कि उन पर पेरेंट्स व पीयर ग्रुप की तरफ से प्रेशर बिल्डअप कराया जाता है, ताकि वे अपनी कंप्लेंट वापस ले सकें। टीचर्स को लेनी होगी क्लास