बरेली एसआरएमएस में हुआ कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी
बरेली (ब्यूरो)। आंखों की रोशनी के बिना जिस तरह ङ्क्षजदगी अंधेरी हो जाती है वैसी ही स्थिति आवाज के बिना भी होती है। किसी की आवाज न सुन पाना या साफ न सुनने की दिक्कत ङ्क्षजदगी को बेरौनक बना सकती है। ऐसे में आंखों के साथ कानों पर ध्यान देना जरूरी है। यह बात एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने एसआरएमएस मेडिकल कालेज में शुक्रवार से शुरू हुई दो दिवसीय चतुर्थ कोक्लियर इंप्लांट वर्कशॉप और लाइव सर्जरी के उद्घाटन सत्र में कही। उन्होंने बताया कि एसआरएमएस मेडिकल कालेज पिछले पांच वर्ष से कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी करता आ रहा है। मरीजों के इस महंगे ऑपरेशन का सारा खर्च एसआरएमएस ट्रस्ट खुद वहन करता है। देवमूर्ति ने मेडिकल कालेज में संचालित एक रुपये प्रतिदिन के खर्च पर इलाज की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा इस खर्च पर 50 हजार तक के आपरेशन यहां पर फ्री किए जाते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। ईएनटी, हेड एंड नेक सर्जरी डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप में कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी भी की गई और मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए इसका लाइव प्रसारण भी किया गया।
छह बच्चों की कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी
दो दिनी लाइव सर्जरी में छह बच्चों के ऑपरेशन किए जाने हैं। पहले दिन आज तीन बच्चों अवंतिका (तीन वर्ष, नवाबगंज), संचिता (दो वर्ष, खीरी) और शाद मुस्तफा (पांच वर्ष, रामपुर) के ऑपरेशन किए गए। ईएनटी, हेड एंड नेक सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रमुख डा.रोहित शर्मा ने कहा कि यहां हम पिछले पांच वर्ष में एसआरएमएस ट्रस्ट के सहयोग से कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी करते आ रहे हैं। इसी वर्ष केंद्र और राज्य सरकार ने एसआरएमएस को पैनल में शामिल किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद बच्चों की सर्जरी संभव हुई है। उद्घाटन सत्र को फोर्टिस मोहाली के डायरेक्टर डा.अशोक गुप्ता ने भी संबोधित किया। करीब 11 सौ से ज्यादा कोक्लियर इंप्लांट आपरेशन कर चुके डा.गुप्ता ने कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी की सर्जिकल एप्रोच, मरीज की पहचान, तकनीक और बदलावों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही रिसर्च से मेडिकल साइंस में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, जिसका फायदा कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी में भी मिल रहा है।
प्रदेश में कुल सात सेंटर
कोक्लियर इंप्लांट वर्कशाप और लाइव सर्जरी के दौरान बताया गया कि प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार ने केवल सात सेंटर को ही कोक्लियर इंप्लांट की मान्यता दी है। इनमें से निजी क्षेत्र में प्रदेश में सिर्फ एसआरएमएस मेडिकल कालेज को ही कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी की अनुमति मिली है। इस मौके पर एसआरएमएस मेडिकल कालेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति, एलएलआरएम मेरठ के डा.विनीत शर्मा, रुहेलखंड मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के डीन डा.चंद्रमोहन, डा.पीएल प्रसाद, डा.नीलिमा मेहरोत्रा, डा.पियूष कुमार मेडिकल स्टूडेंट शामिल हुए।