सीएनजी किट लगवाना है तो अलर्ट रहिए
- फर्जी ढंग से वाहनों में लगाई जा एलपीजी व सीएनजी किट
- सिटी में करीब एक दर्जन हैं अवैध किट लगाने की दुकानें - किट लगाने के लिए आरटीओ ऑफिस से मात्र चार रजिस्टर्ड pk.singh@inext.co.in BAREILLY: पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छूने के बाद बीते कुछ सालों से सीएनजी गाडि़यों का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। इसी बढ़ी डिमांड का फायदा उठाने के लिए मुनाफाखोरों ने अपनी दुकान भी चमकानी शुरू कर दी है। आलम यह कि लोगों की सुरक्षा को दरकिनार कर बरेली में सीएनजी किट लगाने वालों अवैध धंधेबाजों का खेल चरम पर है। कमाई के लिए लोगों की जिंदगी दांव पर पर लगा रहे ऐसे ही धंधेबाजों का आने वाले दिनों में आई नेक्स्ट चेहरा बेनकाब करेगा। बेरोकटोक चल रहा है खेलअवैध ढंग से किट लगाने के धंधेबाज खुलेआम खेल कर रहे हैं और जिम्मेदारों ने इस ओर से मुंह मोड़ रखा है। दरअसल, बरेली सिटी में आरटीओ विभाग से वाहन में किट लगाने और बेचने का परमीशन मात्र चार लोगों के पास है। पीलीभीत बाइपास स्थिति जनरल मोटर सेंटर, गांद्यी उद्यान के पास स्टार मोटर, रेलवे स्टेशन स्थिति भारत मोटर ट्रेनिंग सेंटर और सैटेलाइट के पास मैसर्स त्रिमूर्ति फ्यूल सिस्टम ही आरटीओ से रजिस्टर्ड हैं। लीगल तरीके से ये शॉप सीएनजी और एलपीजी किट वाहनों में लगाने के साथ किट बेच सकते हैं।
फर्जीवाड़े के बड़े बाजार किट का अवैध कारोबार पीलीभीत बाईपास, हिन्द टॉकिज के पीछे कार वाली गली, संजय नगर मोड़ सहित शहर में कई जगह फैला हुआ है। इनमें सबसे अधिक अवैध ढंग से सीएनजी और एलपीजी किट का कारोबार कार वाली गली में होता है। एक अनुमान के मुताबिक शहर में इल्लीगल शॉप की संख्या करीब एक दर्जन है लाइसेंस के नाम पर कर रहे कमाईसिटी में जिन चार लोगों को किट लगाने का लाइसेंस मिला है उनमें से दो अपना काम महीनों पहले बंद कर चुके है। मगर आरटीओ विभाग से रजिस्ट्रेशन का कैंसिलेशन नहीं कराए है। आई नेक्स्ट की पड़ताल में पता चला कि इनकी दुकान भले ही बंद रहती हो लेकिन इनके नाम पर खेल बदस्तूर जारी है। असल में ये लोग अवैध धंधेबाजों के काम को वैध करने के नाम पर कमाई कर रहे हैं। वाहनों में कमीशन लेकर किट लगाने का काम किया जा रहा है। भारत मोटर और स्टार ऑटो गैस कनबेसन सेंटर नाम से अप्रूव्ड ये शॉप इस काम के बदले लोगों से खासी कमाई करती हैं। शहर में अनऑथराइज्ड तरीके से वर्क कर रहे शॉप इन्हीं के माध्यम ये आरटीओ विभाग से वाहनों में लगे किट पास कराते है।
सरकार को भी लगा रहे फटका आरटीओ विभाग से किट लगाने की परमीशन शॉप ओनर्स को एक निर्धारित समय सीमा तक के लिए दी जाती है। ऑफिसर्स ने बताया कि, सीएनजी और एलपीजी किट लगाने वाले शॉप विभाग से तीन साल के लिए रजिस्टर्ड होते हैं। तीन साल के बाद विभाग से दोबारा रीन्यूवल कराना होता है। रीन्यूवल नहीं कराने की स्थिति में रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाता है। फर्जी ढंग से किट लगाने का काम कानूनन जुर्म है। ऐसे शॉप ओनर पर बकायदा आईपीसी की धारा ब्ख्0 के तहत केस दर्ज होता है। आरटीओ विभाग से अप्रूव्ड न होना टैक्स की चोरी की जाती है। जो शॉप्स रजिस्टर्ड है वहीं वाहन में किट लगाने और बेचने का काम कर सकते है। वाहन में किट लगने के बाद रजिस्टर्ड शॉप लेटर लिखकर देते है। जिसके बाद आरआई जांच कर किट लगा वाहन चलाने की परमीशन देते है। आरआर सोनी, आरटीओसिटी में कुछ लोग ऐसे है जो वाहनों में गलत ढंग से किट लगाने का काम कर रहे है। ऐसे लोग किट लगाने के नाम पर वाहन ओनर से मोटी रकम वसूल रहे है।
मनोज, जनरल मोटर सेंटर अवैध तरीके से काम कर रहे लोगों की वजह से हम लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ओरीजनल के नाम पर इनके द्वारा डुप्लीकेट किट लगाए जाते हैं। पंकज, त्रिमूर्ति फ्यूल सिस्टम