जिम्मेदारों ने मूंद रखी है आंखें, शहर में प्राइमरी स्कूलों की सफाई छात्रों के भरोसे
स्पष्ट शासनादेश न होने से जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ा रहे अधिकारी
BAREILLY: शहर के प्राइमरी स्कूलों की सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी शासन स्तर से स्पष्ट आदेश न होने को का बहाना बनाकर बैठे हुए हैं। जिस वजह से बच्चों को अनहेल्थी इंवायरंमेंट में बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा है। इसके साथ ही स्कूल के इंचार्ज अपनी जेब से रुपया खर्च कर सफाई कराना नहीं चाहते। नगरीय क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों की सफाई व्यवस्था बच्चों के भरोसे ही है। नहीं हैं सफाई कर्मचारीप्राइमरी स्कूलों में फोर्थ क्लास कर्मचारी का कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही इन स्कूलों को साफ-सफाई के लिए कोई अनुदान नहीं दिया जाता। ऐसे में नगर क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों में छात्रों को खुद सफाई का बीड़ा उठाना पड़ता है। बता दें कि चार साल पहले रूरल एरिया के लिए एक शासनादेश जारी हुआ था, जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत के स्कूलों की सफाई का जिम्मा ग्राम पंचायत के सफाई कर्मचारियों को सौंपा गया।
नगर आयुक्त ने खारिज किया सफाई का प्रस्तावपरिषदीय स्कूलों में सफाई के लिए नगर खंड शिक्षाधिकारी ने इस साल जून में नगर आयुक्त को एक पत्र लिखा, जिसमें इन स्कूलों की सफाई नगरनिगम के सफाई कर्मचारी द्वारा कराने का प्रस्ताव भेजा गया। नगर खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र पवार के मुताबिक नगर आयुक्त ने इन प्रस्ताव को मानने से ये कहते हुए इंकार कर दिया कि ऐसा शासनादेश में नगर क्षेत्र के लिए कोई आदेश नहीं है।
बंद कर दी सफाई की ग्रांट प्राइमरी स्कूलों के लिए पहले विद्यालय विकास फंड में सालाना पांच हजार रुपया आता था, लेकिन इन फंड को साल ख्0क्0 में बंद कर दिया गया। इसके अलावा प्राइमरी स्कूलों में जल सेवक नाम से एक कर्मचारी का पद होता था। लेकिन इस पद को खत्म कर दिया गया। अब नगर क्षेत्र के क्फ्ब् प्राइमरी स्कूलों में से इक्का-दुक्का स्कूलों में ही ये जल सेवक बचे हैं। मुझे परिषदीय स्कूलों में सफाई व्यवस्था के बारे में जानकारी नहीं थी, अब मैं ग्रामीण क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों की सफाई पर आये शासनादेश का हवाला देते हुए परिषदीय क्षेत्र के स्कूलों में सफाई कराने के लिए नगर आयुक्त को अनुरोध पत्र भेजूंगा। - देवेंद्र दत्त सचान, बीएसए हमारी जिम्मेदारी शहर की साफ-सफाई की है, जिसके लिए भी कर्मचारी पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं। स्कूलों की साफ-सफाई के लिए बीएसए स्तर से व्यवस्था करानी चाहिए। - एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारीक्या कहते हैं स्कूल के इंचार्ज और छात्र
कोई सफाईकर्मी नियुक्त नही है। मैंने अपनी सैलरी से एक सफाई कर्मचारी रखा है। विभाग स्कूल को जो अनुदान देता है उन्हे सफाई के लिए खर्च नही किया जा सकता।
- अंजुम, इंचार्ज-प्राइमरी स्कूल कालीबाड़ी-क् स्कूल की साफ सफाई के लिए कोई फोर्थ क्लास कर्मचारी नहीं है। ऐसे में क्लास रूम और टॉयलेट की सफाई के लिए प्राइवेट सफाई कर्मचारी ढूंढना पड़ता है। बच्चों के बैठने की पटिट्यां और कमरों को हम बच्चों की मदद से साफ करा लेते हैं। - ताइवा, इंचार्ज प्राइमरी स्कूल सूफीटोला, हमारे यहां फिलहाल जल सेविका नियुक्त है, लेकिन ये अगले साल अगस्त में रिटायर हो जाएंगी, तब स्कूल की सफाई एक समस्या के तौर पर खड़ी हो जाएगी। - शोभारानी अग्रवाल, इंचार्ज, प्राइमरी स्कूल कालीबाड़ी हमारे स्कूल में मैडम हम बच्चों से क्लास रूम और टॉयलेट की सफाई करवाते हैं, मना करों तो मारती है। - सलमान स्टूडेंट, प्राइमरी स्कूल कटघर-क्स्कूल में सफाई के लिए कोई है ही नही, सुबह स्कूल पहुंचकर हम सबको सर जी के साथ मिलकर क्लास साफ करनी पड़ती है। लेकिन टायलेट की सफाई के लिए कोई तैयार नही होता, इसलिए वो हमेशा गंदा रहता है। हम सब बच्चे टायलेट के लिए बाहर जाते है।
- तैयब, सूफी टोला-ख्