ऑफलाइन मोड में पहुंची ऑनलाइन एफआईआर
-कप्तान के ट्रांसफर होते ही ज्यादातर थानों में बंद हो गई ऑनलाइन एफआईआर
-पहले से ही कई प्रॉब्लम जताकर मुंशियों ने काम में की थी आनाकानी BAREILLY: कप्तान के ट्रांसफर होते ही इसका असर विभाग में दिखने लगा है। सबसे ज्यादा असर सीसीटीएनएस योजना के तहत चालू किए गये ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम पर दिखा। कप्तान के ट्रांसफर की खबर मिलते ही ऑनलाइन एफआईआर फिर से ऑफलाइन मोड में चली गई। वहीं कई थानों के मुंशियों ने राहत की सांस ली। वेडनसडे को कुछ थानों में ही ऑनलाइन एफआईआर लिखी गई। इस बदलाव की दूसरी सबसे बड़ी वजह जल्दबाजी में आधी-अधूरी तैयारियों के साथ प्रोसेस को शुरू करना है। यहां दर्ज हुई ऑफलाइन एफआईआरइज्जतनगर थाने में फिर से ऑफलाइन एफआईआर दर्ज होना शुरू हो गया है। टयूजडे रात में एक साथ दो एफआईआर लिखी गई। इसके अलावा प्रेमनगर थाना में भी ऑफलाइन एफआईआर दर्ज की गई। बारादरी थाने की बात करें तो यहां ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से एफआईआर दजर्1 की गई।
इनको दी गई है जिम्मेदारीक्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएसस) के तहत एसएसपी ने क्0 अक्टूबर को सिटी के 9 थानों समेत क्भ् थानों में आनलाइन एफआईआर दर्ज करना शुरू कराया था। हालांकि अभी ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने के फेज में बरेली का नंबर नहीं आया है। लेकिन एसएसपी ने बेहतर पहले करते हुए सिर्फ आनलाइन एफआईआर और जीडी शुरू करायी। इसके लिए एसपी रुरल बृजेश श्रीवास्तव, सीओ पुलिस आफिस हेमंत कुटियाल और सीओ फोर अरुण कुमार को पांच-पांच थानों का जिम्मा सौंपा गया।
पहले ही दिन शुरू हो गई प्रॉब्लम पहले दिन पुलिस अधिकारियों के डर से सभी थानों में कंप्यूटर पर ही एफआईआर लिखकर ऑनलाइन दर्ज हुई। लेकिन शाम तक पूरे सिस्टम में दिक्कतें आना स्टार्ट हो गई। किसी थाना में कंप्यूटर हैंग होने की शिकायत मिली तो कहीं साफ्टवेयर की। वहीं कई मुंशी तो नया काम देखकर काम छोड़ने की बात कहने लगे। उनका कहना था की ट्रेनिंग के दौरान बस औपचारिकता निभाई गई थी। उन्हें कुछ सिखाया नहीं गया।