अपने ही ढा रहे अबला पर जुल्म
- डीआईजी आरकेएस राठौर की ओर से जांच में पाए गए अपने ही दोषी
- सबसे ज्यादा प्रेम प्रसंग के चलते गर्ल्स होती हैं हैवानियत का शिकार BAREILLY: आज के दौर में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा पूरे देश में चिंता का विषय है। सिटी में भी वीमेन सेफ्टी को लेकर लोगों में खासा रोष है, लेकिन इसमें चौकाने वाला फैक्ट ये है कि उन्हें खतरा किसी और से नहीं बल्कि अपनों से ही है। जी हां इस कड़वी सच्चाई का खुलासा डीआईजी आएकेएस राठौर की ओर से जारी आंकड़े खुद कर रहे हैं। शहर में क्राइम अगेंस्ट वीमेन की वजह जानकर इन पर लगाम लगाने के लिए डीआईजी की ओर से पिछले पांच महीनों के केसेस की हिस्ट्री खंगाली गई। इस जांच रिपोर्ट में सबसे शॉकिंग फैक्ट यही रहा कि रेप, हत्या, अपहरण, छेड़छाड़ और नाबालिग को भगाने में अपने ही सबसे आगे हैं।अपने ही कर रहे अत्याचार
डीआईजी ने क् जनवरी से फ्क् मई तक रेंज में दर्ज होने वाली घटनाओं की सघन जांच का अभियान चलवाया था। इसके जरिए पकड़े गए अपराधियों की धरपकड़ से पता चला कि इसमें ज्यादातर दोषी महिलाओं के पड़ोसी, प्रेमी और रिलेटिव्स ही निकले। जारी रिपोर्ट के अनुसार महिला हत्या के मामलों रिश्तेदार और नाबालिग को गुमराह कर भगाने व छेड़छाड़ के केसेस में पड़ोसी सबसे ज्यादा दोषी रहे। जबकि रेप और अपहरण जैसे अपराधों में प्रेमप्रसंग का आंकड़ा सबसे अधिक है। डीआईजी आरकेएस राठौर के अनुसार पारिवारिक और सामाजिक ढंाचा बदल रहा है। बच्चों को पारिवारिक संस्कार सिखाने की परंपरा खत्म होती जा रही है। इसकी वजह से करीबी ही महिलाओं को हैवानियत का शिकार बना रहे हैं।
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