जज्बे और जुनून से जीती 'जंग'
-यूपीसीपीएमटी में बरेली के होनहारों ने दिखाया दम
BAREILLY: यूपी कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (यूपीसीपीएमटी) ख्0क्ब् को सक्सेसफुली क्वालीफाई करने वाले सिटी के होनहारों की यह महज एक वर्ष की मेहनत नहीं है, बल्कि फ्0 वर्षो से ज्यादा की अथक प्रयासों का नतीजा है। दरअसल इन होनहारों ने यूपीसीपीएमटी को क्लियर करने में जी-जान लगा दिया। पूरे जुनून और जज्बे के साथ जुटे रहे। पेपर लीक होने की संभावना से टेस्ट रद हुआ तो उन्हें एक्स्ट्रा टाइम मिल गया। जिसने सोने पर सुहागा का काम किया। इन होनहारों ने पिछले फ्0 वर्षो के ज्यादा के टेस्ट पेपर्स सॉल्व कर लिए। प्रैक्टिस ऐसी की जिसने टाइम मैनेजमेंट और सब्जेक्ट में परफेक्ट बना दिया। स्टेट में बरेली ने बनाई धमकयूपीसीपीएमटी में इस बार बरेली ने भी अपनी अलग पहचान बनाई है। काफी समय बाद टॉपर्स की लिस्ट में बरेली भी शुमार है। सिक्स रैंक पर काबिज शोभित गंगवार ने ख्00 में से क्7भ् मार्क्स स्कोर किया है। फिजिक्स में तो फुल मार्क्स लेने से महज फ् मार्क्स से चूक गए। इसमें ब्7 मार्क्स हासिल किए हैं। इसके अलावा जूलॉजी में ब्ब्, बॉटनी में ब्0 और केमेस्ट्री में ब्ब् मार्क्स स्कोर किया है। एमबीबीएस के बाद शोभित एमडी और डीएम करने की इच्छा रखते हैं। पिता डॉ। सुधीर कुमार गर्ग और माता डॉ। साधना दोनों ही स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट में अधिकारी हैं। अपने सक्सेज का फंडा शेयर करते हुए शोभित ने बताया कि जो भी कोचिंग पढ़ा उसे रेगुलर रिवाइज किया। साथ ही प्रैक्टिस और कॉन्सेप्ट पर पकड़ बनाने के लिए कई सप्लीमेंट्री बुक्स का सहारा भी लिया। इसी वर्ष उन्होंने जीआरएम से 9ब्.8 परसेंट मार्क्स के साथ इंटर क्लियर किया है। बोर्ड तक तो एनसीईआरटी बुक्स और इसी पैटर्न पर तैयारी किया। उसके बाद उनकी मेजर तैयारी शुरू हुई। कई सारे मॉडल टेस्ट पेपर्स सॉल्व किए और पिछले क्भ् वर्षो के टेस्ट पेपर्स भी सॉल्व किए। टेस्ट रद होने के बाद उन्हें प्रैक्टिस करने और मौका मिला और टाइम मैनेजमेंट पर पकड़ बनाई। प्रैक्सि मेक्स दी मैन परफेक्ट और इसी परफेक्शन ने उन्हें स्टेट में सिक्स्थ रैंक दिलाई।
हर वर्ष स्ट्रैटजी बदलीक्फ्7 मार्क्स स्कोर करने वाली रूबी बाला की जनरल रैंक ब्,0फ्7 है और कैटेगरी रैंक ब्भ्। रूबी को यकीन है कि उनको केजीएमयू में एडमिशन मिल जाएगा। रूबी ने तीसरी अटेंप्ट में यूपीसीपीएमटी क्लियर किया। इसके लिए हर वर्ष अपनी स्ट्रैटजी को बदला। राम भरोसे से 79 परसेंट मार्क्स के साथ इंटर पास करने के बाद पहले वर्ष सीपीएमटी अटेंप्ट कर पेपर पैटर्न को पूरी तरह से समझा। रूबी ने बताया कि उन्होंने कभी कोई भी इंट्रेंस नहीं दिया था। पहली बार सीपीएमटी में अपीयर होने से काफी कुछ कॉन्सेप्ट क्लियर हुआ। दूसरे वर्ष उन्होंने एनसीईआरटी बुक्स के साथ तैयारी की और इस वर्ष उन्होंने अपने दोनों वर्षो के अनुभवों को उपयोग कर टेस्ट क्लियर कर लिया। रूबी के फादर नन्हे बाबू पीलीभीत में हेड कॉनस्टेबल हैं। ब् भाई बहनो में सबसे छोटी रूबी को डॉक्टर बनता देख परिवार वाले फुले नहीं समा रहे।
अपने और हाडवर्क पर भरोसा करेंयूपीसीपीएमटी में ख्भ्भ् रैंक हासिल करने वाले उत्कर्ष बंसल ने क्म्क् मार्क्स स्कोर किया है। फादर डॉ। जगत मोहन बंसल पेशे से सर्जन हैं। घर में मेडिकल का एनवायरमेंट होने की वजह से उन्हें कॉन्सेप्ट क्लिर करने में कोई परेशानी नहीं हुई। इसी वर्ष हार्टमन से 9भ् परसेंट के साथ इंटर पास किया और बायो ग्रुप में टॉप भी किया। सक्सेज मंत्रा को शेयर करते हुए बताया कि कोचिंग में एक बार पढ़कर टॉपिक पर पकड़ बनाने के लिए साथ-साथ कई क्वेश्चन बुक्स सॉल्व किए। बोर्ड एग्जाम के बाद क्वेश्चन पेपर्स बुक्स और पुराने टेस्ट पेपर्स से जमकर प्रैक्टिस की। उन्होंने बताय कि करीब फ्ख् वर्षो के टेस्ट पेपर्स को सॉल्व किया। एआईपीएमटी में उनकी रैंक अच्छी नहीं आई थी। जिसके बाद थोड़ा कॉन्फिडेंस डगमगाया लेकिन अपने और अपनी मेहनत पर भरोसा रखा और कॉन्फिडेंस को मजबूत किया।
टाइम मैनेजमेंट को फॉलो करें फादर उदयवीर गंगवार भोजीपुरा में और मदर गीतांजलि गंगवार नवाबगंज में बेसिक टीचर हैं। अपने गुरु समान पैरेंट्स के दिखाए रास्ते पर चलते हुए रचित गंगवार ने क्भ्7 मार्क्स हासिल किया। जनरल रैंक भ्म्क् है। हार्टमन से 9ख्.भ् परसेंट के साथ इंटर पास करने के बाद रचित ने फर्स्ट अटेंप्ट में ही यह रैंक हासिल की है। फिलहाल काउंसलिंग के बाद ही पता चलेगा कि कौन सा मेडिकल कॉलेज मिला है। रचित से शुरू से ही टाइम मैनेजमेंट पर जोर दिया। इंटर की पढ़ाई के साथ ही टाइम टेबल डिसाइड कर लिया। हर सब्जेक्ट को टाइम देते थे। बोर्ड एग्जाम के बाद पूरी तरह फोकस होकर यूपी बोर्ड की बुक्स से प्रिपरेशन की। साथ ही प्रैक्टिस करने और टाइम मैनेजमेंट पर पकड़ बनाने के लिए करीब फ्ख् वर्षो के टेस्ट पेपर्स को भी सॉल्व किया। प्रिपरेशन में लगे स्टूडेंट्स को बस एक ही सीख देते हैं खूब प्रैक्टिस करो लेकिन टाइम को ध्यान में रखो। मन के साथ तैयारी करते रहेंजीजीआईसी से म्8.ख् परसेंट मार्क्स के साथ इंटर पास करने वाली शेफाली भारती को अपने फादर सुभाष बाबू का सपना पूरा करना था। वे बैंक में क्लर्क हैं और बेटी के गले में आला देखना चाहता थे। सो शेफाली जुट गई अपने पिता का सपना साकार करने के लिए। पहले वर्ष सीपीएमटी क्लियर नहीं कर पाई तो कॉन्फिडेंस लूज हो गया। टीचर्स और पेरेंट्स ने एनक्रेज किया। उसे भरोसा दिलाया कि वह टेस्ट क्लियर कर सकती है। उसी भरोसे को कायम रखते हुए उसने क्ब्क् मार्क्स के साथ सीपीएमटी क्लियर कर लिया। जनरल रैंक फ्,क्99 है ओर कैटेगरी रैंक ख्7. लखनऊ स्थित केजीएमयू में अपना एडमिशन पक्का मानकर एक पल तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। शेफाली ने बताया कि उसका केवल एक ही ध्येय था अपने पिता की ख्वाहिशों को पूरा करना और उसीके लिए पूरे मन के साथ तैयारी करती रही।