सिटी में पहुंचा ‘Interceptor’
रफ्तार पर बे्रक लगाएगा Speedometer
ट्रैफिक रूल्स को ताक पर रखकर रोड पर फर्राटा भरने वाले वाहन चालक अब सावधान हो जाएं । असल में इन पर लगाम कसने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए लेटेस्ट व मॉडर्न टेक्नोलॉजी का यूज किया जाएगा। स्पीडोमीटर से व्हीकल की स्पीड पता चल जाएगी और इसके बाद ऐसे चालकों पर क्विक एक्शन होगा। दरअसल, ये सब इंटरसेप्टर व्हीकल की मदद से किया जाएगा। इनोवा गाड़ी इंटरसेप्टर से लैस होगी। इसी कवायद के तहत बरेली में इनोवा गाड़ी पहुंच भी गई है। बस गाड़ी में इक्विपमेंट लगने की देरी है। इसके बाद गाड़ी को रोड पर उतार दिया जाएगा। इंटरसेप्टर के यूज के लिए 18 दिसंबर को बरेली से पांच पुलिसकर्मी ट्रेनिंग के लिए लखनऊ जा रहे हैं। इसकी मदद से स्पीड के साथ-साथ ड्रंक एंड ड्राइव, गाड़ी के शीशों पर ब्लैक फिल्म और कई अन्य ट्रैफिक वॉयलेसन के बारे में तुरंत पता लगा लिया जाएगा। एडीजी ट्रैफिक की अध्यक्षता में बनी कमेटी इस पर काम कर रही है और जल्द ही इसके शुरू होने की संभावना है। Metro cities की राह पर
दिल्ली, चंडीगढ़ व अन्य मेट्रो सिटीज में ट्रैफिक पुलिस के पास ये सुविधा पहले से मौजूद है। इसकी मदद से वहां की ट्रैफिक पुलिस हाई स्पीड व नशे में ड्राइव करने वालों का पता लगाकर क्विक एक्शन ले लेती है। मेट्रो सिटी की तर्ज पर यूपी ट्रैफिक पुलिस ने भी इस पर काम करना शुरू कर दिया गया है। वैसे तो इस सुविधा को काफी पहले शुरू हो जाना चाहिए था लेकिन तकनीकी वजहों से ऐसा नहीं हो सका। अब एक बार फिर से इसको लेकर कवायद तेज हो गई है। सुविधा को यूपी के 16 महानगरों में एक साथ शुरू किया जाना है। ये महानगर वही हैं जिनसे नेशनल हाइवे गुजरते हैं। बरेली महानगर भी इसमें शामिल है। तीन टीमें एक साथ करेंगी काम
इंटरसेप्टर टोयटा की इनोवा गाड़ी में लगाया जाएगा। इसके अंदर स्पीडोमीटर, ब्रीद-एनालाइजर, राडार, कैमरा, व प्रिंटर लगा होगा। स्पीडोमीटर से रोड पर गुजर रहे व्हीकल की स्पीड के बारे में पता लगा लिया जाएगा। तेज स्पीड में चल रहे व्हीकल को रोकने के लिए तीन टीमें एक साथ काम करेंगी। एक टीम इंटरसेप्टर व्हीकल में रहेगी। इसकी कमान राजपत्रित अफसरों के पास होगी। ये टीम तेज स्पीड में चल रहे व्हीकल्स के बारे में दूसरी टीम को वायरलेस से मैसेज देकर रोकने के लिए कहेगी। इसके वाबजूद भी व्हीकल चालक गाड़ी नहीं रोकता है तो जिप्सी में मौजूद तीसरी टीम व्हीकल का पीछा करके उसके खिलाफ एक्शन लेगी । Alcohol की भी होगी जांच गाड़ी में मौजूद ब्रीद-एनलाइजर की मदद से शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के बारे में तुरंत पता चल जाएगा। ब्रीद-एनलाइजर तुंरत बता देगा कि ड्राइवर के शरीर में एल्कोहल की कितनी मात्रा है। इसके अलावा कैमरे की मदद से गाड़ी के कलर व नंबर की पहचान की जा सकेगी । कैमरे की क्वालिटी इतनी अच्छी होगी कि ये नाइट में भी सब कुछ कैप्चर कर लेगा। यही नहीं इंटरसेप्टर गाड़ी में पॉल्यूशन व ब्लैक फिल्म की चेकिंग की भी व्यवस्था होगी । सिटी में गाड़ी का हो चुका registration
बरेली ट्रैफिक पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इंटरसेप्टर व्हीकल के लिए इनोवा गाड़ी भी कुछ दिन पहले बरेली पहुंच चुकी है। इसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया गया है। बस इक्विपमेंट लगने बाकी हैं। इक्विपमेंट से लैस होने के बाद गाड़ी एक बार लखनऊ जाएगी। इसके बाद शहर की सड़कों पर उतार दी जाएगी। इंटरसेप्टर को चलाने के लिए लखनऊ में ट्रेनिंग दी जा रही है। 18 दिसंबर को बरेली से पांच पुलिसकर्मी ट्रेनिंग के लिए जा रहे हैं। असल में हाइवे पर लिमिट स्पीड से भी तेज स्पीड में वाहन दौड़ते हैं। इन पर लगाम लगाना काफी मुश्किल होता है। कई बार स्पीड तेज होने पर जब ट्रैफिक पुलिस व्हीकल को रोक लेती है तो ड्राइवर स्पीड कम बताता है, जिससे काफी प्राब्लम होती है। सभी महानगरों में इनोवा गाड़ी भेज दी गई है। योजना पर काफी तेजी से काम चल रहा है। एडीजी ट्रैफिक की अध्यक्षा में बनी कमेटी इस पर काम कर रही है। इक्विपमेंट जल्द ही गाडिय़ों में लगाए जाएंगे और फिर इस पर काम शुरू हो जाएगा। - राकेश पुष्कर, डिप्टी डाइरेक्टर ट्रैफिक