- पंजाबी मार्केट से प्रेमनगर मोड़ तक लगता है बेहद भीषण जाम

- प्रतिदिन करीब 6 हजार से ज्यादा बाइक्स करती हैं सफर

- प्रतिबंधित व्हीकल्स की इंट्री होने से भी लगता है जाम

BAREILLY: आप कुतुबखाना जाएं और वहां जाम में फंसे न ऐसा बहुत कम ही होता है। सुबह होते ही जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ती हैं। कुतुबखाना में जाम बढ़ता है और सूरज ढलने तक जाम जस का तस बना रहता है। राहगीरों के मुताबिक शहर को दो हिस्सों को जोड़ने वाली इस सड़क पर बेहतर ट्रैफिक इंतजाम का अभाव जाम की वजह है। आई नेक्स्ट कॉट इन ए जाम में आज हम आपको बताएंगे कुतुबखाना का हाल

देर तो हाे ही जाएगी

ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कुतुबखाना में सुबह 10 से शाम 7 बजे तक अक्सर जाम रहता है। इसमें कोतवाली अथवा नॉवेल्टी से जाम की शुरुआत होती है, जो पंजाबी मार्केट, कोहाड़ापीर, घंटाघर चौराहा से कुतुबखाना होते हुए प्रेमनगर तक करीब दो किमी से अधिक की दूरी तक लगा रहता है। ऐसे में अगर अलर्ट न रहा जाए तो रेंगते हुए ट्रैफिक से गुजरने में करीब घंटा भर लग सकता है।

व्हीलर्स नहीं अन्य हैं वजहें

ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय दुकानदारों के मुताबिक सैकड़ों की तादाद में मौजूद रिक्शा, ठेले, खुमचे और शॉपकीपर्स की ओर से किया गया एनक्रोचमेंट मुख्य वजहों में हैं। क्योंकि इस एरिया में बनीं ज्यादातर दुकानें वर्षों पुरानी हैं। उस दौरान जनसंख्या के अकॉर्डिंग सभी कुछ ठीक था। लेकिन धीरे धीरे खरीददार बढ़ने के साथ ही दुकानें भी बढ़ीं लेकिन सड़क की चौड़ाई करीब 30 फीट ही रही।

पार्किंग बड़ी समस्या

यहां भी पार्किंग का अभाव है। ज्यादातर खरीददार बाइक से अथवा रिक्शा से आते हैं। बाइक व रिक्शा को दुकान के सामने ही खड़ी कर देते हैं। वहीं, दुकानदारों के सामान से आधी घिरी हुई सड़क की बाकी की जगह पार्किंग बनती जाती है। कुतुबखाना के पास ही मोती पार्क है। जो कि पूरी तरह से पार्किंग जोन बन चुका है। लेकिन पार्क दुकानदारों की गाडि़यों से ही ठसाठस भरा रहता है।

सवालों के घेरे में ट्रैफिक पुलिस

गौरतलब है कि कुतुबखाना में ट्रैफिक की अनसुलझी समस्या को सुलझाने के लिए ऑटो, लोडर्स एवं अन्य फोर व्हीलर्स की आवाजाही पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके दो तीन दिन की सख्ती के बाद फिर से इन सभी व्हीकल्स की आवाजाही शुरू हो जाती है। वहीं, कोतवाली के ठीक सामने से एनक्रोचमेंट की शुरुआत होने लगती है।

मरीज होते हैं परेशान

पंजाबी मार्केट से कुछ ही दूरी पर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल है। जाम लगने की वजह से एंबुलेंस अथवा निजी साधनों से अस्पताल आने वाले पेशेंट्स एवं उनके तीमारदारों को काफी प्रॉब्लम होती है। अक्सर पेशेंट्स जाम के झाम में फंस जाते हैं।

यह की गई कवायद

- जाम न हो इसके लिए कोतवाली, बड़ा बाजार और कुतुबखाना चौराहे पर बैरियर लगाए गए

- प्रत्येक बैरियर पर इलीगल एंट्री रोकने के लिए दो शिफ्ट में होमगार्ड की तैनाती

- गिरिजा से बाटा रोड तक करीब 2 सौ मीटर तक वन-वे

- बड़ा बाजार से कुतुबखाना जाने वाले मार्ग पर वन-वे

- फोर व्हीलर, लोडर और ऑटो की इंट्री पर प्रतिबंध

- दो शिफ्टों में मुख्य चौराहे पर 3 होमगार्ड, 1 हेड कांस्टेबल, 2 कांस्टेबल की तैनाती

कुतुबखाना में जाम की समस्या अक्सर बनी रहती है। काम के सिलसिले में डीडीपुरम जाना होता है। ऐसे में आए दिन जाम में फंस जाता हूं।

राशु अग्रवाल, रामपुर गार्डेन

अक्सर डीडीपुरम से रामपुर गार्डेन तक का सफर तय करना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन जाम का सामना न करना पड़ता हो।

विशेष कुमार, डीडीपुरम

पुलिस की मुस्तैदी न होने एवं अतिक्रमण की वजह से कुतुबखाना में जाम का झाम बना ही रहता है। ट्रैफिक रूल्स न कोई फॉलो करता है और न पुलिस ही कराती है। राजेश कुमार सिंह, सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive