Bareilly:बरेली में अचानक बढ़ी चोरी की वारदातों ने बरेलियंस के माथे पर चिंता की लकीरें और गहरी कर दी हैं. घरों में घुसकर उनकी गाढ़ी कमाई चोर उड़ा ले जाते हैं और पुलिस लकीर पीटती रहती है. ऐसे में पुलिस की बढ़ती नाकामी ने बैंक लॉकर्स पर बरेलियंस की डिपेंडेंसी अधिक कर दी है. बीते कुछ दिनों में ही सिटी के बैंकों में लॉकर्स की बढ़ी डिमांड बरेलियंस के डर की गवाही दे रही है. पॉश इलाकों में शुमार ग्रीन पार्क के रेजीडेंट्स पर चोरों का डर सबसे ज्यादा हावी है. आई नेक्स्ट रिपोर्टर निधि गुप्ता की रिपोर्ट.


चोरों का खौफ, lockers लगे safeलास्ट थ्री मंथ्स में बढ़ी चोरियों ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। इसलिए अब बरेलियंस ने पुलिस की बजाय बैंक पर भरोसा जताया है। चोरों की निगाह से अपनी कीमती चीजों को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने बैंक लॉकर्स को चुन लिया है। यहां कम खर्च में बरेलियंस का सामान सेफ रहता है, वहीं इंटरटेनमेंट के लिए घर से बाहर निकलने में भी खुद को टेंशन फ्री फील करते हैं। वास्तव में, चोरियों के बढ़ते ग्राफ ने बरेलियंस का झुकाव बैंक लॉकर्स की ओर बढ़ाया है। इस बात को हाल ही में बैंक लॉकर्स हायर करने वालों के नंबर को देखकर ज्यादा अच्छे से समझा जा सकता है। अब नेशनलाइज बैंक  ही नहीं बल्कि प्राइवेट बैंक्स में भी लोग लॉकर्स लेने पहुंच रहे हैं।Daily हो रही हैं queries


बरेली में बैंक लॉकर्स हायर करने वालों की संख्या बढ़ गई है। पीएनबी की ब्रांचेज में लास्ट फाइनेंशियल ईयर में जहां 47 लॉकर्स हायर किए गए थे, वहीं प्रेजेंट फाइनेंशियल ईयर के अभी 8 महीने ही बीते हैं और लॉकर हायर करने वालों की संख्या 101 पहुंच चुकी है। इसक अलावा, डेली तमाम कस्टमर्स ब्रांच में लॉकर्स के लिए क्वेरी कर रहे हैं। इलाहाबाद बैंक में लास्ट फाइनेंशियल ईयर में जहां पूरे साल में 25 लॉक र्स हायर किए गए थे, वहीं इस बार लास्ट थ्री मंथ्स में ही तकरीबन 25 लॉकर्स हायर किए जा चुके हैं। जाहिर है कि यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले कहीं ज्यादा है।यहां है demandसिटी में बैंक लॉकर्स की सबसे ज्यादा डिमांड आम तौर पर रेजीडेंशियल एरियाज में ही हैं। यहां चोरियां जो ज्यादा होती रहती हैं। इसी से डरकर लोग लॉकर्स की सुविधा ले रहे हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा की ग्रीन पार्क  ब्रांच लास्ट ईयर ही खोली गई थी। इसमें 75 लॉकर्स हैं, जिनमें से 73 लॉकर फुल हो चुके हैं। वहीं इसके अलावा राजेंद्र नगर में एक और स्टेशन रोड पर केवल 3 लॉकर्स ही खाली बचे हैं। जबकि बीओबी ने इस साल ही 500 ऐसे लॉकर्स फ्री करवाए हैं, जिनका किराया जमा नहीं था। इलाहाबाद बैंक की कुतुबखाना ब्रांच में लॉकर्स की सबसे ज्यादा डिमांड बनी हुई है। पीएनबी में भी लॉकर्स की सबसे ज्यादा डिमांड राजेंद्र नगर और केन सोसायटी ब्रांच में है।ऐसे safe हैं lockers

-बैंक लॉकर की दो चाबियां होती हैं। लॉकर हायर करने के बाद ओनर को बैंक लॉकर की एक चाबी दी जाती है। लॉकर खोलने के लिए दोनों चाबियां लगाना जरूरी होता है। एक चाबी से लॉकर नहीं खोला जा सकता है।-बैंक लॉकर क ो जिसके नाम पर दिया जाता है, उनके साइन होने के बाद ही लॉकर खोला जा सकता है। इसे ज्वाइंट भी लिया जा सकता है।-बैंक लॉकर ऑपरेट करने से पहले बैंक रजिस्टर में लॉकर खोलने का समय, दिन, लॉकर खोलने और खुलवाने वाले ऑफीसर के साइन किए जाते हैं। -एक समय में एक ही व्यक्ति लॉकर ऑपरेट कर सकता है।ऐसे मिलता है locker

बैंक में लॉकर खोलने का प्रॉसेस बहुत ही ईजी है। इसके लिए कस्टमर का बैंक में अकाउंट होना जरूरी है। अगर नहीं है तो नया अकाउंट भी खोला जा सकता है। इसके अलावा कुछ बैंक एफडी की भी डिमांड करते हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में लॉकर लेने के लिए केवल अकाउंट होना जरूरी है, पर उस अकाउंट में मिनिमम बैंलेंस 5000 रहना चाहिए। पीएनबी के  लॉकर के लिए अकाउंट और एफडी दोनों की ही जरूरत होती है। वहीं इलाहाबाद बैंक  में लॉकर के लिए बैंक में अकाउंट होना चाहिए, साथ ही एफडी होने पर उसमें इतना अमाउंट होना चाहिए, जिसके इंट्रेस्ट से एक साल का रेंट मिलता रहे। वहीं यह सब न होने पर कस्टमर तीन साल का एडवांस रेंट जमा करके लॉकर कांटीन्यू कर सकता है। लॉकर खोलने के लिए 100 रुपए के स्टांप पेपर पर फॉर्मेलिटीज कंप्लीट की जाती हैं।एक दिन का किराया 1.60अलग-अलग बैंक में लॉकर का किराया भी अलग-अलग ही है। बैंक ऑफ बड़ौदा में यह किराया अलग-अलग साइज के लॉकर के अकॉर्डिंग अलग-अलग ही रहता है। यहां यह किराया 585-2000 रुपए तक है। इसमें छोटे लॉकर का एक दिन का किराया 1.60 रुपए है। पीएनबी में लॉकर का ईयरली रेंट 800-1500 रुपए तक है। इसका पर डे रेंट केवल 2.19 रुपए है। वहीं इलाहाबाद बैंक में लॉकर का ईयरली रेंट 1100 रुपए है, इसके हिसाब से पर डे रेंट केवल 3 रुपए ही पड़ता है। सिटी में बैंक की टोटल 15 में से 10 ब्रांच में लॉकर फै सिलिटी है, जिनमें तकरीबन 5000 लॉकर हैं। इनका पर डे रेंट 2.19 रुपए है। लास्ट थ्री मंथ्स में अचानक लॉकर की डिमांड बढ़ गई है। यह अभी लास्ट फाइनेंशियल ईयर के टोटल नंबर के डबल से भी ज्यादा हो चुकी है।-एनके मित्तल, डीजीएम, पीएनबी
कुछ एरियाज में लॉकर की डिमांड ज्यादा है। इनमें रेजीडेंशियल एरियाज शामिल हैं। सबसे ज्यादा डिमांड राजेंद्र नगर, ग्रीन पार्क, स्टेशन रोड ब्रांच पर है। ज्यादा जरूरत हुई तो डिमांड के आधार पर बैंक में लॉकर्स बढ़ाए भी जा सक ते हैं पर उससे पहले कुछ ब्रांच में अभी लॉकर खाली हैं, लोग उन्हें यूज कर सकते हैं।-आरके गोयल,  रीजनल मैनेजर, बैंक ऑफ बड़ौदालास्ट थ्री मंथ्स से लॉकर की डिमांड अचानक बढ़ गई है। लास्ट फाइनेंशियल ईयर में टोटल 25 लॉकर्स हायर किए गए थे, पर इस बार इन तीन महीनों में ही तकरीबन 25 लॉकर्स हायर हो चुके हैं। इलाहाबाद बैंक की कुतुबखाना ब्रांच में सबसे ज्यादा लॉकर की डिमांड होती है।-नवीन कुमार, चीफ मैनेजर, इलाहाबाद बैंककानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, ऐसे में अपने कीमती सामान सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकर्स एक अच्छा जरिया हैं। यहां एक तो मेरा सामान मुझे कभी भी मिल सकता है, वहीं घर से बाहर जाने पर किसी तरह की टेंशन नहीं होती है। एकल परिवार में कई बार घर में लॉक लगाना पड़ जाता है।-केके दीक्षित, लॉकर ओनरमेरे पास एक नेशनलाइज बैंक में लॉकर है, इससे मुझे घर से बाहर जाने में ज्यादा टेंशन नहीं होती है। घर का कीमती सामान मैं लॉकर में ही रखता हूं। इस बार तो वेडिंग सीजन में भी मैंने लॉकर नहीं खोला। कम से कम जिंदगी भर की कमाई लॉकर में सेफ तो रहती है।-आलोक सेठ,  लॉकर ओनर

Posted By: Inextlive