Bareilly: एक हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के दौरान एक साल की बच्ची की वेडनेसडे को मौत हो गई. नाराज परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर तोडफ़ोड़ की. उन्होंने हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को पुलिस बुलानी पड़ी.


 बदसलूकी का आरोपपरिजनों ने बताया कि डॉ। रवि अदला खां पूर्वी का ट्रीटमेंट कर रहे थे। उन्होंने हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पर मिसबिहैव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बच्ची के डेथ के बाद डॉक्टर्स ने उसकी बॉडी को बाहर फेंकवा दिया और बच्ची की मां से अभद्रता की। उन्होंने हॉस्पिटल पर पूर्वी की डेथ के बाद उसे दी गई दवाइयों तथा ट्रीटमेंट के पर्चों को हटाने का आरोप लगाया। मामला गंभीर होता देख हॉस्पिटल एडमिनिसट्रेशन ने पुलिस को बुला लिया। दूसरी ओर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने पूर्वी के पैरेंट्स पर मारपीट का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्ची के पैरेंट्स को मार्निंग में 7.30 बजे के करीब बच्ची की डेथ के बारे में जानकारी दे दी गई थी। उन पर हॉस्पिटल का काफी बिल बकाया था, जिसको चुकाने से बचने के लिए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात लोगों से बदसलूकी की


तथा पीडियाट्रिक्स डॉ। रवि अदला खां के चेकअप रूम में बिना परमीशन घुसकर जमकर तोडफ़ोड़ की। इस संबंध में पूर्वी के बाबा ने कोतवाली में 304 (१) के तहत ट्रीटमेंट में लापरवाही बरतने का मुकदमा दर्ज करवाया है। Injection से बिगड़ी हालत

खुर्रमगौटिया की रहने वाले सुनील पाल तथा ममता पाल की एक वर्ष की इकलौती बेटी बुखार और निमोनिया हो गया था। ट्रीटमेंट के लिए उसे मिशन हॉस्पिटल में 5 दिसंबर को एडमिट कराया गया था। परिजनों के मुताबिक 8 तारीख को उसकी तबियत में सुधार हो गया था, जिसके कारण उन्होंने डॉक्टर से पूर्वी को छुट्टी देने की बात कही लेकिन डॉक्टर ने छुट्टी देने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि वेडनेसडे की सुबह 6 बजे डॉ। इरफान ने दो नर्सों की मौजूदगी में बच्ची को एक इंजेक्शन लगाया। उसके बाद से उसकी तबियत और बिगड़ गई। कुछ समय बाद ही उसकी डेथ हो गई और फिर हंगामा हो गया।इस संबंध में पूर्वी के परिजनों के द्वारा डॉक्टर के  खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। -अतुल सक्सेना, एसपी सिटीपूर्वी को डॉ। गिरीश अग्रवाल के यहां से ही गंभीर हालात में मिशन हॉस्पिटल लाया गया था। हॉस्पिटल में एडमिट किए जाने के दौरान ही बच्ची के पैरेंट्स को उसकी वास्तिवक कंडीशन के बारे में बता दिया गया था। पूर्वी को मॉर्निंग में अमीनो एसिड का इंजेक्शन दिया गया था। - डॉ। डीके बाजपेईएमएस, मिशन हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive