BAREILLY: चोरी ऊपर से सीना जोरी. कुछ ऐसा ही वाकया सिटी के पटेल चौक पर संडे को देखने को मिला. बिजली के बिल की जांच करने पहुंची हाइडिल डिपार्टमेंट की टीम पर दुकानदार ने बंदूक तान दी और जान से मारने की धमकी भी दी. इतना ही नहीं जब टीम ने अपने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को मौके पर बुलाया तो उन पर भी कुर्सी से हमला कर दिया गया. गनीमत यह रही कि वह इस हमले से बच गए. घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. टीम की तहरीर पर पुलिस ने दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं इस मामले में दुकानदार का कहना है कि टीम के लोग रिश्वत की डिमांड कर रहे थे. एक सप्ताह में विभाग की टीम पर हमले की ये दूसरी घटना है.


13 हजार का है बकायाजानकारी के अनुसार संडे दोपहर सवा बारह बजे जूनियर इंजीनियर पवन चंद्रा अपनी टीम के साथ पटेल चौक स्थित बरेली आटो मोबाइल्स पर बिजली के बिल की चेकिंग के लिए गए थे। दुकान का मालिक रामाधार है। रामाधार की दुकान का 13 हजार का बिजली का बिल बकाया है। टीम में इंजीनियर प्रशांत सिंह (सब डिवीजनल आफिसर) लाइन मेन शाहिद अली व अन्य लोग थे। पवन चंद्रा का आरोप है कि जब उन्होंने दुकान के मालिक रामाधार सिंह से बिजली का बिल दिखाने को कहा तो उसने इंकार कर दिया। इसके बाद मीटर की रीडिंग दिखाने की बात पर वह गाली-गलौज पर उतर आया।

दुकान में रखी थी गन


गाली-गलौज का विरोध करने पर रामाधार ने दुकान में रखी बंदूक टीम पर तान दी और उन्हें लौट जाने की बात कहने लगा। इस घटना से टीम के लोग सकते में आ गए और आसपास लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। टीम ने तुरंत इसकी सूचना एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एलवी सिंह को दी। सूचना पा कर एलवी सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे। वह मामले की छानबीन करने लगे तो रामाधार ने उनसे भी गाली-गलौज करनी शुरू कर दी। विरोध करने पर उसने एलवी सिंह पर भी कुर्सी से हमला कर दिया और अपने नौकर के साथ इंजीनियर प्रशांत सिंह के साथ मारपीट भी की। पूरी घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। पुलिस ने टीम की तहरीर पर रामाधार के खिलाफ सरकारी काम में व्यवधान, जान से मारने की धमकी समेत अन्य कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।टीम पर पहले भी हो चुका है हमला बिजली विभाग की टीम पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी बिजली विभाग की टीम पर हमले की घटनाएं हो चुकी हैं। बीते 26 नवंबर को कोतवाली एरिया में चौकी मठ के पास बिजली विभाग की टीम पर हमला किया जा चुका है। टीम उस वक्त भी वहां पर दो दुकानदारों कैलाश व अबरार के घर में बिजली बिल व मीटर की चेकिंग के लिए गई थी। दोनों दुकानदारों ने अपने साथियों को मौके पर बुलाकर टीम की घेराबंदी कर ली और टीम के साथ मारपीट की थी। इस मामले में भी टीम की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।साथ क्यों नहीं जाती पुलिस

बिजली विभाग की टीम पर बार-बार हमले से कई सवालिया निशान भी खड़े होते हैं। अगर इस तरह के हमले हो रहे हैं तो बिजली विभाग की टीम अपने साथ पुलिस क्यों नहीं लेकर जाती। अगर टीम के किसी मेंबर के साथ कोई बड़ी घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। कोतवाली पुलिस का कहना है कि टीम को अगर छापेमारी करनी तो उन्हें इसकी सूचना पहले पुलिस को देनी चाहिए जिससे उन्हें प्रोटेक्शन मुहैया कराया जा सके।

Posted By: Inextlive