सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम से लैस हुआ तीन बेड अस्पताल
- कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारी
- आक्सीजन जनरेशन प्लांट एक हजार लीटर प्रति मिनट बनाएगा आक्सीजन बरेली : कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यवस्थाएं मुकम्मल कर ली हैं। तीन बेड अस्पताल अब पूरी तरह सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम से लैस हो गया है। यहां आक्सीजन के दो प्लांट लगे हैं, वही हफ्ते भर में नया आक्सीजन बनाने वाला प्लांट भी लगने की उम्मीद जताई जा रही है। ऑक्सीजन की थी कमीजिले में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना संक्रमण के कुछ ही मामले सामने आए थे। महीने के बीच में आते-आते संक्रमण तेजी से बढ़ा। फिर पूरा एक महीना कोरोना संक्रमण पीक पर रहा। अस्पताल में भर्ती होने के लिए बेड और आक्सीजन की दिक्कत रही। तीन सौ बेड अस्पताल में 135 बेड तैयार किए गए, लेकिन वहां भी आक्सीजन की भरपूर मात्रा नहीं उपलब्ध हो पाई। वहां आक्सीजन के दो मैनीफोल्ड प्लांट लगे। छोटे प्लांट में 20 सि¨लडर और बड़े प्लांट में 45 सि¨लडर लगाकर आक्सीजन सप्लाई की गई।
सभी बेड पर सुविधाइधर, संक्रमण का आंकड़ा कम हुआ है। तीन सौ बेड अस्पताल में अब मात्र तीन मरीज ही भर्ती हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने वहां आगे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अस्पताल के सीएमएस डा। वागीश वैश्य ने बताया कि अस्पताल में तीन सौ बेड तैयार किए गए हैं। सभी बेड पर आक्सीजन की सुविधा दी गई है। सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम लग गया है।
जल्द लगेगा प्लांट सि¨लडर वाले दो प्लांट के साथ ही आक्सीजन जनरेशन प्लांट भी लगाने की तैयारी चल रही है। करीब हफ्ते भर का काम बचा है। उस प्लांट से एक हजार लीटर प्रति सेकेंड के हिसाब से आक्सीजन वातावरण से बनेगी, जो सीधे मरीजों के लिए सप्लाई होगी। उन्होंने बताया कि तीन सौ बेड पर आक्सीजन सप्लाई लगातार देने के लिए तीनों प्लांट पूरी तरह सक्षम हैं। जल्द डीआरडीओ की टीम आकर आक्सीजन प्लांट लगाएगी।