-सिंधी दिवस एक अप्रैल को सेलिब्रेट किया जाएगा

-प्रकाश उत्सव के साथ निकलेगी झूलेलाल की झांकी

BAREILLY: शहनाई की धुन पर सिंधी गीत और डांडिया की धूम मचाने के लिए सिंधी समाज के लोग रेडी है। सिंधी समाज की ओर से चेटीचंड यानि सिंधी दिवस एक अप्रैल को सेलिब्रेट किया जाएगा। इस मौके पर विभिन्न इलाकों में झांकी निकाली जाएगी। वहीं ट्रेडिशनल ड्रेस में कल्चरल प्रोग्राम भी प्रजेंट किए जाएंगे। सिंधी समाज के लोग हजारों साल से चेटीचंड जयंती मनाते आ रहे है। इसी दिन से सिंधी समाज के लोग नव वर्ष की शुरुआत भी मानते है। संवत एक हजार सात में नसरपुर सिंध में जन्में झूलेलाल को वरूण देव का अवतार भी माना जाता है।

सिटी में आठ हजार सिंधी

सिटी के सिंधू नगर, राजेंद्र नगर, प्रेमनगर, डेलापीर, नया शहर सहित डिफरेंट एरियाज में सिंधी समाज के करीब आठ हजार लोग रह रहे हैं। लोगों की ऐसी मान्यता है कि विधि-विधान के साथ पूजा करने से सारे दु:खों का नाश होता है। सिंधी समाज के मोहन लाल ने बताया कि झूलेलाल जयंती चेटीचंड लाल साई, उडेरो लाल, अमर लाल जैसे कई नामों से जाना जाता है। सिंधी समाज की रक्षा के लिए पैदा हुए झूलेलाल जी क्फ् साल की उम्र में ही अंर्तध्यान हो गए थें।

मनेगा प्रकाश उत्सव

सिंधी समाज की महिलाएं आज प्रकाश उत्सव मनाएंगी। वहीं एक अप्रैल को सुबह नौ बजे पंडित प्रेम प्रकाश और सुरेश शर्मा अखंड ज्योति प्रज्जवलित करेंगे। उसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। अखंड ज्योति का विसर्जन नकटिया नदी में रात्रि क्0 बजे होगा।

राजस्थान की शहनाई

इस मौके पर राजस्थान अलवर के शहनाई की धुन सुनने को मिलेगी। शहनाई की धुन पर सिंधी समाज के लोग ट्रेडिशनल ड्रेस में छेज (डांडिया) डांस भी करेंगे। झूलेलाल जयंती के मौके पर सभी सिंधी फैमिली के घर के छत पर केसरिया फ्लैग लगाने का भी ट्रेंड है। इस फ्लैग पर ऊं श्री झूलेलाल आया है, लिखा होता है।

निकलेगी मनोहर झांकी

सिंधी समाज की ओर से एक अप्रेल को झूलेलाल की मनोहर झांकी निकाली जाएगी। झांकी सिंधू नगर झूलेलाल मंदिर से स्टार्ट होकर ईसाइयों की पुलिया होते हुए श्यामगंज, ईट पजाया चौराहा, मूर्ति नर्सिग होम, प्रेमनगर चौराहा, रामजानकी मंदिर, शील चौराहा, बांके बिहारी मंदिर, पटेल नगर स्थित झूलेलाल द्वारा पर समाप्त होगी।

जयंती के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। सिटी के बाहर से भी कलाकर बुलाए गए है। झूलेलाल जयंती हर साल धूमधाम से मनाई जाती है। फॉरेन में रह रहे सिंधी समाज के लोग खासकर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए आए हुए है।

- लेखराज मोटवानी, मीडिया प्रभारी, श्री झूलेलाल ट्रस्ट

युवा सिंधी समाज में 70 मेंबर हैं। जो प्रोग्राम के दौरान पूरी व्यवस्थाओं को देखते हैं। इस मौके पर डिफरेंट एरियाज में झांकी निकाली जाएगी।

- जुगल किशोर सुखानी, प्रेसीडेंट, युवा सिंधी समाज

डिवोटेड फॉर सोसाइटी

मुरलीधर पागरानी - जन्म मार्च क्9ब्भ्

सिटी में रह रहे मुरलीधर पागरानी का जन्म सिंध में हुआ। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय क्9ब्7 में जन्म के दो साल बाद ही मुरलीधर अपने परिजनों के साथ इंडिया आ गए। मुरलीधर ने लाइफ में कभी भी हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ने का प्रयास करते रहे। आज इनका खुद का हॉस्पिटल है। गरीब लोगों के लिए ये झूलेलाल और संत गंगाराम दिवस के मौके पर कैंप आयोजित करते हैं। कैंप में लोगों का फ्री चेकअप और मेडिसीन दिया जाता है।

मोहन लाल - जन्म जनवरी क्9फ्म्

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से मोहनलाल की पढ़ाई हाई स्कूल तक ही हो सकी, लेकिन इसके बाद भी इन्होंने समाज के लिए एक नई इबादत लिखी। क्98ख् में इन्होंने मोहनदास के साथ मिलकर सिंधू नगर का नक्शा बनाया। जिसकी संरचना इनके दिमाग में क्978 में बनकर तैयार हो गई थी। ख्00फ् में विधान परिषद के मनोनीत सदस्य भी चुने गए। इतना ही नहीं झूलेलाल द्वार, गुरुनानक द्वार, पंडित दीन दयाल द्वार, गौतम बुद्ध द्वार, श्री राम भक्त शबरी द्वार भी सिटी में बनवाया। सिटी के अलावा दूसरे सिटीज में भी कई सोशल वर्क किए। आयोध्या में भ् साल पहले सिंधू धाम का निर्माण, लखनऊ में सिंधू भवन जैसे कई चीजे शामिल है। आज की डेट में भी ये समाज सेवा से जुड़कर लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए है।

Posted By: Inextlive