सीबीएसई ने जारी की सारांश वेबसाइट, स्कूल्स की परफॉर्मेस रिकॉर्ड होगा अपलोड

बस स्कूल्स मैनेजमेंट के लिए ही है वेबसाइट

BAREILLY: अब सीबीएसई स्कूल ओनर्स अपने स्कूल के एकेडमिक एक्सिलेंस का झूठा प्रचार नहीं कर पाएंगे। बोर्ड ने देश के सभी स्कूल्स की उनकी 'औकात' बता दी है। बोर्ड ने अलग से एक वेबसाइट जारी की है, जिसमें सभी स्कूल्स की परफॉर्मेस दी गई हैं। एक तरह से बोर्ड ने सभी स्कूल्स का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। एकेडमिक के सभी मापदंडों का आंकलन कर स्कूल्स का परफॉर्मेस रिकॉर्ड जारी किया है। इससे स्कूल्स खुद ही अपना आंकलन कर पाएंगे कि वर्तमान में वे कहां पर स्थित हैं। वे खुद ही समझ जाएंगे कि उनके यहां पर क्वालिटी की कितनी कमी है और उन्हें कितना और इंप्रूव करने की जरूरत है। यह वेबसाइट पूर्ण रूप से स्कूल्स मैनेजमेंट के लिए है। वे ही इसे लॉगइन कर पाएंगे।

सारांश में दिखा स्कूलों का रिपोर्ट कार्ड

बोर्ड ने जो वेबसाइट जारी की है उसका नाम सारांश रखा गया है। वह इसलिए कि यह वेबसाइट स्कूल्स को सभी एकेडमिक पैरामीटर्स पर ब्रीफ और कॉम्प्रहेंसिव वे में आईना दिखाती है। बोर्ड का मानना है कि यह वेबसाइट एक तरह का औजार है, जिसके माध्यम से स्कूल्स जांच कर पाएंगे कि स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल्स में क्वालिटी इंप्रूवमेंट की कितनी गुंजाइश है। उसी के अनुसार वे सुधार के लिए अपने स्तर से जरूरी कदम उठा सकेंगे। बोर्ड ने भले ही इस वेबसाइट का नाम सारांश रखा हो लेकिन बोर्ड का यह दावा है कि यह वेबसाइट स्कूल्स को आईना दिखाने के लिए अपने आप में कंप्लीट पैकेज है।

पिछले 7 वर्षो का है रिकॉर्ड

वेबसाइट में देश के सभी सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल्स का पिछले 7 वर्षो का रिकॉर्ड है। क्लास 9 और क्लास क्0 के सीसीई पैटर्न पर वर्ष ख्007 से समीक्षा की गई है। जबकि क्लास क्क् और क्लास क्ख् के पीएसए पैटर्न की वर्ष ख्009 से समीक्षा दी गई है। बोर्ड का यह दावा है कि हर एक स्कूल के सभी स्टूडेंट्स की परफॉर्मेस के आधार पर एक्सपर्ट द्वारा लेटेस्ट एकेडमिक सेशन तक की समीक्षा दी गई है।

एकेडमिक के सभी पहलुओं को छुआ

बोर्ड ने एकेडमिक के सभी पैरामीटर्स पर कंप्लीट समीक्षा की है स्कूल के अंतिम छात्र की परफॉर्मेस के बेस पर। स्कोलेस्टिक और कोस्कोलेस्टिक एरिया की गहन समीक्षा दी गई है। वह भी चार्ट और ग्राफ के माध्यम से ताकि स्कूल्स को अपनी परफॉर्मेस को समझने में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। स्कोलेस्टिक एरिया में इंग्लिश, हिंदी, मैथ्स, होम साइंस, पेंटिंग, म्यूजिक जैसे सब्जेक्ट्स आते हैं। वहीं कोस्कोलेस्टिक एरिया में स्टूडेंट्स की एक्स्ट्रा करिकुलर स्किल्स को परखा जाता है। एसे राइटिंग, पोस्टर मेकिंग, डिबेट, समेत बोर्ड के निर्देश पर जितनी भी एक्टिविटीज कंडक्ट कराई जाती हैं वह इसी के अंतर्गत आती हैं।

एक दूसरे से कर सकेंगे कंपेयर

वेबसाइट पर एक और इंपॉर्टेट सेक्शन दिया गया है। स्कूल्स के विभिन्न मापदंडों के आधार पर दूसरे स्कूल्स के साथ अपनी तुलना भी कर सकते हैं। ऑल इंडिया, रीजनल, स्टेट, केवी, गवर्नमेंट, प्राइवेट समेत कई कैटेगरीज दी गई हैं। बोर्ड का मानना है कि इससे स्कूल्स को तुलनात्मक स्टडी करने में ज्यादा आसानी होगी। यही एक फीचर है, जिससे उन्हें मालूम चल जाएगा कि बाकी स्कूल्स के मुकाबले वे कहां पर खड़े हैं। इससे उनमें सुधार करने का स्वत: ही इंट्रेस्ट जागेगा।

कमर्शियल परपज पर है बैन

बोर्ड ने सभी स्कूल्स की परफॉर्मेस रिपोर्ट तो जारी कर दिया लेकिन उसके कमर्शियल परपज पर बैन भी लगा दिया है। बोर्ड ने साफ हिदायत दी है कि कोई भी स्कूल इस रिपोर्ट के आधार पर पब्लिक में अपना प्रचार-प्रसार ना करे। फ्यूचर में उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

Posted By: Inextlive