9 के स्टूडेंट्स के लिए सीबीएसई का 'तीसरा'
-क्लास 10 में प्रोमोट करने के लिए एक और सुनहरा थर्ड चांस
-फेल किए जा चुके स्टूडेंट्स के लिए संजीवनी BAREILLY: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन यानि सीबीएसई ने नाइंथ क्लास में फेल हो चुके स्टूडेंट्स के लिए एक और गोल्डेन चांस दिया है। सीबीएसई ने अपने सभी एफिलिएटेड स्कूल्स के स्टूडेंट्स को क्लास 10 में प्रमोट करने के लिए थर्ड चांस दिया है। बता दें सीबीएसई ने पहले दो चांस ही देता था। आनन-फानन में आया बोर्ड का यह आदेश क्लास 9 में फेल हो चुके स्टूडेंट्स के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। प्रजेंट एकेडमिक सेशन में मेंडेटरीसीबीएसई में क्लास 10 तक सीसीई पैटर्न लागू है। बोर्ड ने एकेडमिक सेशन 2013-14 में दोनों समेटिव असेसमेंट (एसए) 1 और 2 को क्वालीफाई करने के लिए 25 परसेंट स्कोर कंपलसरी कर दिया है। ओवरऑल 60 में से 15 मार्क्स लाना कंपलसरी है। इसके साथ ही स्कॉलेस्टिक एरिया के हर 5 सब्जेक्ट में 33 परसेंट मार्क्स कंपलसरी है। इस तरह से दोनों असेसमेंट में अपीयर होना भी अनिवार्य है।
ऐसे मिलता है परफॉर्मेस सुधारने का मौकायदि किसी वजह से कोई स्टूडेंट एसए-1 में अपीयर नहीं हो पाता है तो क्लास 9 में ही 31, अक्टूबर तक स्कूल उसे एसए-1 में दोबारा अपीयर होने का अवसर देता है। एसए-1 में परफॉर्मेस अच्छी नहीं आई तो स्टूडेंट एसए-2 में परफॉर्मेस सुधार सकता है। वहीं एसए-2 में भी सुधार नहीं होने पर स्टूडेंट के लिए बोर्ड ने इंप्रूवमेंट ऑफ परफॉर्मेस (आईओपी) कंडक्ट कराने का निर्देश दिया था। बता दें कि आईओपी रिजल्ट डिक्लेयर होने के 30 दिन के भीतर कंडक्ट होना था।
'स्पेशल एग्जाम' होगा ये चांस बोर्ड ने क्लास 9 से क्लास 10 में प्रमोट करने के लिए स्कूल्स अथॉरिटीज को स्टूडेंट्स को थर्ड चांस देने का निर्देश दिया है। पहला चांस तो दोनों समेटिव असेसमेंट में 25 परसेंट मार्क्स का था। दूसरा चांस आईओपी का था। अब तीसरा मौका होगा स्पेशल एग्जाम। ऐसे स्टूडेंट्स जो क्लास 9 नहीं क्लियर कर पाए हैं, उन्हें जुलाई में स्पेशल चांस देने का निर्देश दिया है। इसके बाद ही यह डिसिजन लिया जाएगा कि उन्हें क्लास 9 को रिपीट करना है या फिर क्लास 10 में प्रमोट करना है। सीबीएसई के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन केके चौधरी ने इसका सर्कुलर भी जारी कर दिया है। पेरेंट्स के दखल पर आया निर्देशदरअसल, बोर्ड ने मौजूदा सेशन से दोनों समेटिव असेसमेंट में 25 परसेंट लाना कंपलसरी कर दिया था। एक अनुमान के अनुसार,नए रूल के बाद करीब 15 परसेंट क्लास 9 के स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं। ऐसे में पेरेंट्स ने बोर्ड से इस रूल का विरोध जताया। पेरेंट्स का तर्क था कि उन्हें कंपलसरी रूप से 25 परसेंट लाने के रूल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इस विरोध के बाद बोर्ड ने स्पेशल थर्ड चांस देने का डिसीजन लिया है।
और स्कूल्स की मुश्किल बढ़ी नए निर्देश के बाद जहां क्लास 9 में फेल हो चुके स्टूडेंट्स में खुशी की लहर है, वहीं स्कूल्स अथॉरिटीज असमंजस में हैं। फिलहाल थर्ड चांस के बारे में स्कूल अथॉरिटीज को इंफॉर्मेशन नहीं है। डीपीएस की प्रिंसिपल और सीबीएसई की रीजनल कोऑर्डिनेटर रजनी सिंह ने बताया कि सेकेंड चांस के रूप में आईओपी कंडक्ट कराने का निर्देश है। थर्ड चांस की कोई इंफॉर्मेशन नहीं है। असल में स्कूल अथॉरिटीज के सामने एक और बड़ी प्रॉब्लम यह है कि प्रजेंट सिचुएशन से कैसे निपटा जाए। अधिकांश स्कूल्स मार्च के एंड में क्लास 9 का रिजल्ट जारी कर देते हैं। ऐसे में फेल छात्र क्लास 9 में ही पढ़ रहे होंगे। ऐसे में उनके लिए दोबारा स्पेशल एग्जाम कंडक्ट कर प्रमोट कैसे किया जाए। rule say? 25% minimum in SA-1 X SA-2 together/ mandatory attendance if a Std IX student fails inSA-1: Can always make up by performing better in SA-2. Students absent due to illness get a chance to appear by October 31
SA-2: Rely on SA-1 marks to cross the 25% mark। Else an IOP exam is held within 30 days of results New rule say? If student fails even in IOP, then just for this year, a special exam will be held in July जो स्टूडेट क्लास 9 में ख्भ् परसेंट स्कोर नहीं कर पाए उनके लिए बोर्ड ने आईओपी कंडक्ट कराने का निर्देश दिया था। थर्ड स्पेशल चांस के बार में उनहें इंफॉर्मेशन नहीं है। यदि ऐसा कोई निर्देश होगा तो इंप्लीमेंट करेंगे। - रजनी सिंह, रीजनल कोऑर्डिनेटर, सीबीएसई बरेली