तेज रतार कार ट्रक में घुसी, ३ दोस्तों की मौत
बरेली (ब्यूरो)। एक बार फिर तेज रतार तीन दोस्तों के जीन के लिए काल बन गई। गुरुवार की देर रात करीब डेढ़ बजे दोस्त की शादी में शामिल होने आए तीन दोस्तों की कार बारादरी थाना क्षेत्र में बरेली क्लब के सामने सडक़ किनारे ाड़े ट्रक में जा घुसी। कार की रतार इतनी तेज थी कि कार में सवार तीन दोस्तों की ऑन द स्पॉट मौत हो गई, जबकि कार में सवार अन्य लोग गंाीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही परिजन वहïां पहïुंच गए। वहïां का माहïौल देा उन में कोहराम मच गया।
कार में सवार थे छह लोग
कैंट थाना क्षेत्र के बुाारा गांव निवासी देशदीपक पटेल पुत्र रामऔतार सिंह की गुरुवार की रात कैंट स्थित युगवीणा बैंकट हॉल एंड लाइब्रेरी में शादी थी। गांव कांधरपुर निवासी 18 वर्षीय अरविंद पुत्र देवदत्त, गांव झील गौटिया निवासी 35 वर्षीय सुरेंद्र यादव पुत्र तुलाराम, बुाारा गांव निवासी 23 वर्षीय विशाल पुत्र ागवानदास, सुरेंद्र का 15 वर्षीय ाांजा विनय पुत्र उमेश निवासी बिशारतगंज थाना क्षेत्र के गांव सिसौना मझगंवा और 25 वर्षीय अनिल पुत्र छोटेलाल शादी में शामिल हुए थे।
कार से गए पहïुंचाने
देर रात करीब एक बजे देश दीपक पटेल का बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के बालीपुर निवासी रिश्तेदार 25 सौरा पुत्र काविंद्र घर जाने लगा, जिस पर देशदीपक का दोस्त सुरेंद्र अपने बहनोई उमेश की कार से उसे छोडऩे जाने लगा। साथ ही उसके दोस्त अरविंद, विशाल, अनिल और विनय ाी उसके साथ चले गए। करीब डेढ़ बजे बारादरी थाना क्षेत्र में बरेली क्लब के सामने उनकी तेज रतार कार ाड़े ट्रक में पीछे से जा घुसी। हादसे में कार सवार अरविंद, सुरेंद्र और विशाल की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सौरा, विनय और अनिल गंाीर रूप से घायल हो गए।
हादसे में मृतक सुरेंद्र के पिता की मौत हो चुकी है। वह ोती कर परिवार का गुजारा कर रहा था। उसके परिवार में पत्नी मीरा देवी के अलावा एक बूढ़ी मां, दो बड़े ााई शेरसिंह और विजेंद्र हैं। जैसे ही हादसे की ाबर परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। साथ ही उसकी ससुराल सुााषनगर थाना क्षेत्र के ऊंचा गांव हादसे की ाबर पहुंची तो ससुराल में ाी कोहराम मच गया। वहीं मृतक अरविंद और विशाल की तो आी शादी ाी नहीं हुई थी।
रो-रो कर हुआ बुरा हïल
अरविंद की मौत के बाद पिता देवदत्त, मां कृष्णा देवी और दो ााई अर्जुन व अनुज को रो-रोकर बुरा हाल था। उधर दूसरी ओर विशाल के पिता ागवानदास ोतीबाड़ी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। वहीं मृतक विशाल जियो फाइबर लाइन की ठेकेदारी कर परिवार का ार्च चलाने में पिता का हाथ बंटाता था। विशाल की मौत के बाद पिता और उनकी मां के साथ अन्य परिजनों को ाी गहरा सदमा लगा है। इस दौरान परिचित उन्हïें ढाढस बंधाते नजर आए।