बरेलियंस को भा रहा बेंत व बांस का फर्नीचर
बरेली (ब्यूरो)। शहर की पहचान बांस से ही है। इसीलिए इसे बांस बरेली को नाम से जाना जाता है। यहां के बांस और वेंत से बने फर्नीचर शहर से बाहर भी लोगों को पसंद आते हैं। जिनमें सबसे ज्यादा सोफे की डिमांड रहती है। जिसे लोग ज्यादातर गार्डन में डालते हैं। रॉकिंग चेेयर की भी काफी डिमांड है। झूले का बच्चों को बहुत क्रेज रहता है। इसके अलावा बांस और वेंत के कई और डिजाइनर आइटम भी बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इस व्यापार से युवाओं को रोजगार भी मिलता है। बरेली से आसपास के शहरों के साथ ही देश के अन्य प्रदेशों में भी बरेली के बांस और वेंत के फर्नीचर की खासी डिमांड है।
टेबल लैम्प के साथ ट्रे की स्पेशल डिमांड
महिलाओं को स्पेशल तौर पर ट्रे पसंद आ रही हैं। ट्रे की कई वैरायटी और कई साइज भी हैं। जिनमें कप रखने वाली ट्रे सबसे ज्यादा ट्रेंड है। घरों को ज्यादा सुन्दर दिखाने के लिए टेबल लैम्प व कार्नर को भी बहुत पसंद किया जा रहा है। कार्नर मेें कई कॉलम होते हैं। जिनमें फोटो फ्रेम व पॉट भी रखे जाते हैं।
नार्मल सौफे से ज्यादा निडिल सौफे का बड़ा क्रेज
नार्मल सोफे ही लोगों को ज्यादातर पसंद आते थे। हालांकि इन दिनों निडिल के सोफे का क्रेज बहुत ज्यादा हो गया है। लोगों की डिमांड पर ही यह सोफे तैयार किए जाते हैं। इन्हे बनाने में टाइम भी नार्मल सोफे से ज्यादा लगता है।
झूमर की भी कई डिजाइन हैं जिनमें कुछ डिजाइन महिलाओं को बहुत पसंद आ रही है। जिनमें सबसे ज्यादा गोल झुमर ट्रेंड में है। जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लटकन वाले झूमर का क्रेज भी है। दूसरे शहरों में भी है डिमांड
बरेली के बेंत के फर्नीचर की डिमांड शहर में ही नहीं बल्कि शहर से बाहर भी है। जिनमें लखनऊ, आगरा, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पटना, विहार, ही नहीं बल्कि पूरे भारत में ही इसकी डिमांड है। यह फर्नीचर लोगों को वहुत ज्यादा पसंद आता है। फैक्ट एंड फिगर
फर्नीचर रेट
सोफा नॉर्मल- 7000-10,000
निडिल सोफा-10,000-15000
रॉकिंग चेयर-1500-2600
सिंगल चेयर-1000-1500
स्टूल- 300-450
लैम्प-400-800
टेबल लैम्प-350-600
बास्केट-80-250
गार्डन चेयर-5000-8000
झूले-1200-1500
झूमर -1000-1500
ट्रे-50-400 बेंत का फर्नीचर लोगों को ज्यादातर पसंद आता है। घरों में इस फर्नीचर रखने का क्रेज बढ़ रहा है। फेस्टिवल सीजन में डिमांड बढ़ जाती है।
राजन
कोरोना के बाद से व्यापार एक साथ डाउन हो गया। अभी भी लोग बहुत कम आ रहे हैं। व्यापार में मंदी चल रही है। उम्मीद है कि इस बार पिछली समस्याओ का समाधान हो जाएगा।
मुज्जकिर हूसैन, व्यापारी
राजू, व्यापारी