Bareilly: पिछले दंगे में शहर को जो जख्म मिले वे अभी तक नहीं भर पाए हैं. जिनकी दुकानें व्हीकल फूंक दिए गए वह अभी तक ठीक से पटरी पर नहीं आ पाए हैं. वहीं संडे को भड़के दंगे ने बरेली को इकोनॉमी के लिहाज से फिर से पीछे ला दिया है. इंडस्ट्रीलिस्ट की माने तो सिटी में दंगा होने से एक तरफ जहां आपसी विश्वास में कमी आती है वहीं शहर का विकास भी विपरीत दिशा में जाने लगता है. नए उद्योग-धंधे और व्यापारी शहर की ओर रुख करने से डरने लगते हैं. ऐसे हालात में अक्सर शहर की अर्थव्यवस्था 5 साल बैक हो जाती है


लेबर नहीं मिल रहेसंडे रात शहर में अचानक दंगा भड़क जाने पर बॉर्डर सील कर दिए गए। बॉर्डर सील हो जाने से सबसे ज्यादा परेशानी और नुकसान व्यापारियों को हो रहा है। अन्य जगहों से इंडस्ट्रीज के लिए आने वाला रॉ मैटीरियल नहीं मिल पा रहा है, वहीं शहर की आबोहवा खराब होने की वजह से लेबर भी अपने घरों से बाहर नहंीं निकल रहे हैं। ऐसे में कारोबार तो प्रभावित होना ही है। वहीं दुकानें बंद रहने से भी रोजमर्रा की ट्रेडिंग भी बंद हो गई है। वहीं बैंक्स के बंद होने से करोड़ों      का व्यापार प्रभावित हो रहा है। ऐसे हालात  में अक्सर शहर की अर्थव्यवस्था 5 साल   पीछे चली जाती है और यहीं हाल यहां दिख रहा है।विश्वास नहीं रहता


इंडियन इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के  केंद्रीय सचिव भारत भूषण शील ने बताया ऐसी घटनाओं से शहर के प्रति लोगों का विश्वास कम हो जाता है। कोई भी शहर में नया प्रोजेक्ट लाने से पहले उसकी छवि के बारे में जानना चाहता है। खराब छवि होने की वजह से इंड्रस्लिस्ट शहर में इंट्रेस्ट नहीं दिखते हैं। शहर में अगर एक बार दंगा हुआ तो कारोबार में 30-35 परसेंट तक का डाउनफॉल आ जाता है।जल्द सामान्य नहीं होते हालात

पश्चिमी उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री तारिक शम्शी ने बताया कि  दंगे की वजह से ही अलीगढ़, मेरठ और मुरादाबाद जैसे शहर बर्बादी की कगार पर आ गए हैं। बरेली की छवि भी पिछले दो साल से बदली है। यहां दो बार दंगे होने से शहर की छवि पर दाग लगा है। शहरवासियों को सब्र से काम लेना चाहिए। त्योहारों का सीजन है ऐसे में कफ्र्यू के बाद भी हालात ठीक होने में काफी समय लगता है। इसके बाद लोग बरेली की बजाए कहीं दूसरे बाजारों की ओर रूख करने लगेंगे।दंगे के दर्द को समझें शहरवासीचैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसीडेंट किशोर कटरू ने बताया कि दंगे में जो लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं, वह रोज कुआं खोदकर पानी पीने वाले हैं। इनकी दुकानों, वाहनों का बीमा भी नहीं होता। छोटी सी चोट से उबरने में भी उन्हें काफी समय लग जाता है। शहर का बिजनेस तो बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि शहरवासी ही इस दर्द को समझने की कोशिश करें और आगे ऐसी स्थितियां न बनने दें।तीज सेलिब्रेशन पोस्टपोन

शहर के बदलते हालात और बिगड़ती परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए आई नेक्स्ट का तीज सेलिब्रेशन अब अपने निर्धारित तारीख से आगे बढ़ाया जा रहा है। अब यह सेलिब्रेशन शहर में अमन-चैन की वापसी होने के बाद ही ऑर्गनाइज किया जाएगा। यह बहुत अफसोसजनक है कि शहर की खुशी पर बदकिस्मती से गम के बादल छा गए हैं। पर जल्द ही हम इससे बाहर आ पाएंगे। शहर के बिगड़ते हालात में भी सेलिब्रेशन को लेकर आई नेक्स्ट के पास तमाम क्वेरीज आई हैं। इन सभी की भावनाओं का ख्याल करते हुए ही इस कार्यक्रम को निर्धारित तारीख से आगे बढ़ाया जा रहा है। बहुत जल्द सब शांत हो जाएगा और आई नेक्स्ट का तीज सेलिब्रेशन जोश के साथ मनाया जाएगा। नई तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी।24 तक बंद रहेगा कोर्टशहर का माहौल तनावपूर्ण होने की वजह से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट 24 जुलाई तक बंद रहेगा। यह आदेश मंडे को डिस्ट्रिक्ट जज मुख्तार अहमद ने दिया। कफ्र्यू की वजह से कोर्ट बंद रहने की सूचना इलाहाबाद हाई कोर्ट को भी दे दी गई है। बंद रहे सभी स्कूल और कॉलेज
सिटी में तनाव और कफ्र्यू के चलते सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश बीती रात को ही दे दिया गया था। जिसके चलते मंडे को कोई भी स्कूल और कॉलेज नहीं खुले। फिलहाल कफ्र्यू हटने तक सभी स्कूल को बंद रखने का आदेश दिया गया है। स्थिति सामान्य होने के बाद ही स्कूल खोले जाएंगे।एमएससी की काउंसलिंग टलीसिटी में कफ्र्यू लगे होने की स्थिति में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने मंडे और ट्यूजडे की काउंसलिंग को पोस्टपोन कर दिया है। दोनों दिन मैथ्स व एप्लाइड मैथ्स की काउंसलिंग होनी थी। अब यह काउंसलिंग 31 जुलाई और 1 अगस्त को होगी। मेरिट रैंक, काउंसलिंग की टाइमिंग और स्थान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फिलहाल 25 जुलाई की काउंसलिंग को पोस्टपोन नहीं किया गया है। इस दिन एंवायरमेंटल साइंस और इंडस्ट्रियल केमेस्ट्री की काउंसलिंग होगी।रोडवेज को 40 लाख का नुकसानरोडवेज डिपार्टमेंट को बरेली में कफ्र्यू घोषित होने की वजह से मंडे को 40 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। बरेली, पीलीभीत, बदायूं डिपो पर डेली करीब 75 हजार पैसेंजर जर्नी करते है, मगर कफ्र्यू की वजह से बसों का संचालन पूरी तरह से ठप रहा। रोडवेज बस में तोडफ़ोड़शहर में तनावपूर्ण स्थिति का असर पीलीभीत में भी दिखा। मंडे को यहां भी लोगों को परेशान होना पड़ा। पीलीभीत रोडवेज की एक बस पर कांवडिय़ों के एक जत्थे ने हमला कर बस के शीशे तोड़ डाले।

Posted By: Inextlive