बसों को पैसेंजर्स का इंतजार
(बरेली ब्यूरो) : कोरोना संक्रमण तेजी से हर पैर पसार रहा है। इसकी वजह से लोगों में डर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे लोग सावाधानी बरत रहे हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ दिनों में रोडवेज की बसों में भी पैसेंजर्स की संख्या में खासी कमी आई है। पहले यात्रियों को बस का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन 1 जनवरी से बसों को यात्रियों का इंतजार करना पड़ रहा है। बसों में सफर करने वालों की संख्या 45 परसेंट रह गई है। वहीं दिल्ली सेे आने वाली बसों में यात्रियों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
15 दिनों में गिरा ग्राफ
बसों में यात्रियों की संख्या पिछले 15 दिनों से लगातार कम होती जा रही है। इसमें एक ही डिपो की नहीं बल्कि पूरे मंडल के डिपो की बसें प्रभावित हैं। किसी भी डिपो की बस में भरपूर मात्रा में पैसेंजर्स सफर नही कर रहे हैं। ऐसे में रोडवेज को इससे नुकसान भी हो रहा है। जब से कोविड की गाइड लाइन लागू हुई है। तब से लोगों ने सावधानी बरतनी शुरु कर दी है। कोविड के बढ़ते हुए केसों की वजह से लोगों ने घरों से निकलना भी कम कर दिया है।
ठंड भी है वजह
बसों में पैसेंजर्स कम होना कोविड तो एक वजह है ही साथ ही इसकी एक वजह ठंड भी है। क्योंकि ठंड की वजह से भी लोगों ने घरों से निकलना कम कर दिया हैै। पिछले दिनों में लोग अदर जगहों पर घूमनेे के लिए गए। लेेकिन इस बार पहले बारिश उसके बाद ठंड बढऩे के चलते लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं।
दिल्ली, लखनऊ व उत्तराखंड रूट सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसे कोरोना का खौफ कहें या बढ़ती सर्दी का असर कि इन दिनों लंबे रूट पर लोग कम ही निकल रहे हैं। बरेली से दिल्ली की ओर जाने वाली बसों में पैसेंजर्स नहीं मिल रहे हैं तो वहीं दिल्ली से आने वाली ज्यादातर बसें फुल आ रही हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना की वजह से लोगों ने घरों को लौटना शुरु कर दिया है। वहीं लखनऊ और उत्तराखंड जाने वाली बसों में भी पैसेंजर्स की संख्या काफी कम हो गई है।
कोविड गाइड लाइन के साथ चल रहीं बसें
मंडल के सभी डिपो को कोविड गाइड लाइन के अनुसार चलाया जा रहा है। जिले व मंडल में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोविड के केसों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसे देखते हुए सरकार ने जो भी कोविड गाइड लाइन जारी की है उसी के अनुसार बसों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें बसों में बिना मास्क के एंट्री न होना व सोशल डिस्टेंस को मेनटेेन रखना। जिससे किसी भी पैसेंजर्स को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा सभी बस स्टॉप पर कोविड हेल्प डेस्क बने हैं। जहां पर सैंपलिंग भी की जा रही है। विशेषतौर से बाहर से आने वालों की जिससे उनकी वजह सेे किसी और को समस्या न हो।
550 बसें मंडल के चारों डिपो में हैं
200 बसें बरेली डिपो में
168 बसें बदायूं डिपो में
84 बसें पीलीभीत डिपो
193 बसें रोहिलखेड डिपो में अनुबंधित बसें
30 बसें बरेली डिपो में बसें
38 बसें बदायूं डिपों में
15 पीलीभीत डिपों मेंंंं बसें
27 बसें रोहिलखंड डिपो में 29 जनरथ एसी बसें
21 शताब्दी एसी बसें
200 बसें हैं दिल्ली जाने वाली
70 बसें उत्तराखंड जाने वाली
66 बसें लखनऊ जाने वाली
45 परसेंट कम हुए यात्री
25 लोग ही रोज कर रहे ट्रेवल
वर्जन
मंडल के सभी डिपो में लगभग 45 परसेंट यात्रियों का अभाव है। जिससे सबसे ज्यादा लंबे रूट की बसों में है, जिनमें दिल्ली से वापस आने वाली बसों में तो यात्रियों की संख्या होती है। लेकिन जाने वाली बसों में पर्याप्त यात्री नहीं होते। कोविड के सभी नियमों को फॉलो किया जा रहा है।
राजेश यादव, एआरएम