- नगर निगम बोर्ड की बजट की बैठक में पार्षदों ने संपत्तियों पर कब्जे समेत तमाम मुद्दों पर अधिकारियों को घेरा

- संपत्तियों की जांच को बनाई जाने वाली समितियों की रिपोर्ट सामने आने को कहा

- टैक्स के बिल जारी नहीं होने पर नाराजगी, महापौर ने टैक्स बढ़ाने के दिए निर्देश

बरेली : नगर निगम बोर्ड की बजट की बैठक गुरुवार को काफी हंगामेदार रही। पार्षदों ने आय के ¨बदुओं को गहराई तक कुरेदा। तमाम मदों पर आय बढ़ाने को लेकर हीलाहवाली बरतने पर अधिकारियों को जमकर घेरा। तमाम संपत्तियों पर हुए कब्जों और टैक्स वसूली सही नहीं होने पर नाराजगी जताई। वही, कई मदों में प्रस्तावित किए गए अत्याधिक व्यय को कम किया। इसके साथ ही जनसमस्याओं के मुद्दे पर भी पार्षद एकजुटता के साथ उग्र दिखाई दिए। पांच घंटे चली सदन की कार्रवाई में शहर के विकास को साढ़े चार अरब का बजट पास किया गया।

पांच घंटे चली बैठक

आइएमए सभागार में गुरुवार सुबह 11 बजे नगर निगम बोर्ड की बजट बैठक कोविड प्रोटोकाल के साथ शुरू हुई। सदन का कोरम पूरा होने पर महापौर डा। उमेश गौतम ने आय-व्यय पर चर्चा शुरू करने को कहा। इस पर लेखाधिकारी अनुराग सिंह ने वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट के ¨बदुओं को सदन के सामने रखा। शुरुआत नगर निगम को होने वाली आय की मदों से हुई। 14वें वित्त के कामों का भुगतान नगर निगम निधि व अन्य मद से करने की बात पर सपा पार्षद नेता राजेश अग्रवाल ने विरोध जताया।

सपा पार्षद ने किया विरोध

उन्होंने 14वें वित्त आयोग के कार्यों के भुगतान 15वें वित्त आयोग की रकम से ही करने को कहा। इसके बाद पार्षदों ने सवालों की झड़ी लगा दी। पार्षद सतीश चंद्र मम्मा ने कहा कि अब तक लोगों को टैक्स के बिल ही जारी नहीं किए गए हैं। नरेश शर्मा बंटी ने कहा कि हमारे वार्ड में कई व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाया ही नहीं गया है। महापौर ने 60 दिन में सभी के बिल जारी करने, वार्ड में पार्षद के साथ जाकर टैक्स लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। विज्ञापन पर सतीश चंद्र ने कहा कि एक अप्रैल के बाद नए ठेके नहीं हुए हैं। पुराने को हटाया नहीं गया है। अब्दुल कय्यूम मुन्ना ने अवैध यूनिपोल लगाने की जांच को कमेटी नहीं बनने की बात कही। महापौर ने विज्ञापन का बजट आठ करोड़ से तीन करोड़ करने को कहा। छंगामल मौर्य ने जांच नहीं होना बताया।

इसके बाद पार्षदों ने खुली भूमि पर कब्जे को लेकर अधिकारियों को घेरा। पूछा, कितनी खुली भूमि को नोटिस दिए, निगम की 72 भूमियां कहां है। पार्षद राजकुमार गुप्ता ने कहा कि कमेटी ने जब निरीक्षण किया तो खुली भूमि पर शोरूम बना देखा है। उस हिसाब से टैक्स वसूली नहीं हो रही। मुकेश मेहरोत्रा ने बताया कि 31 लोग चेक जमा कराने आए लेकिन रकम जमा नहीं हुई। छंगामल मौर्य ने नावेल्टी की आठ दुकानों का मामला उठाया। बोले, निगम की बेशकीमती भूमियां खुर्द-बुर्द कर दी गई हैं। बिना अनुमति वहां छत के ऊपर निर्माण करा लिया है। पार्षद दीपक सक्सेना ने कहा कि संपत्तियों की जांच को तमाम कमेटियां बनी, लेकिन किसी की रिपोर्ट सामने नहीं आई। सतीश चंद्र ने निगम की संपत्तियां कब्जाने वालों पर एफआइआर की मांग की। कहा, अधिकारी सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी जानते हैं। आय बढ़ाने के लिए शिथिलता बरती जा रही है। इसका असर निगम की आय पर पड़ रहा है। बैठक में नगर आयुक्त अभिषेक आनंद, अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह, मुख्य अभियंता बीके सिंह, सहायक नगर आयुक्त निशा मिश्रा आदि मौजूद रहे।

जनसुविधाओं के मुद्दों पर भी तीखी बहस

शहर में करीब 1.42 लाख करदाता होने के बावजूद अब तक उनके पास टैक्स के बिल नहीं पहुंचे हैं। इससे उन्हें टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। महापौर ने साठ दिन में सभी बिल जारी करने के निर्देश दिए। 1.09 लाख घरों तक डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन होने की बात पर महापौर ने अधिकारियों को इसे बढ़ाने के निर्देश दिए। जोन तीन में हफ्ते भर में सभी व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाने के निर्देश जोन प्रभारी विवेक त्रिपाठी को दिए। नहीं होने पर शासन को लिखने की चेतावनी दी। पार्षद मुकेश ¨सघल ने संपत्तियों के म्यूटेशन का मामला उठाया। पार्षदों ने जनता की समस्याओं का निस्तारण नहीं होने का भी आरोप लगाया। बैठक में सफाई, निर्माण, स्ट्रीट लाइट, सड़क, पानी, नाली समेत आय-व्यय के तमाम मुद्दों पर पार्षद और अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई।

पहले बार बजट का डिजिटल प्रजेंटेशन

नगर निगम बरेली प्रदेश में बजट का डिजिटल प्रजेंटेशन करने वाले पहला नगर निगम बन गया है। यहां पार्षदों को डिजिटल स्क्रीन पर बजट से संबंधित सभी ¨बदुओं को दिखाया गया। इसके साथ ही पावर प्वाइंट स्लाइड्स बनाकर पहली बार बैठक का एजेंडा सभी पार्षदों के मोबाइल फोन पर भेजा गया।

कुत्तों पर शुल्क वसूली को करेंगे टेंडर

शहर में कुत्ते पालने के शौकीन कई लोग हैं, लेकिन उनका शुल्क नगर निगम में जमा नहीं कराया जा रहा है। निगम ने सिर्फ दस रुपये शुल्क रखा है, लेकिन कुछ ही लोग यह टैक्स जमा कराते हैं। सदन में मामला उठने पर तय हुआ कि जल्द टेंडर निकालकर एजेंसी तय की जाएगी जो कुत्ते पालने वालों से शुल्क वसूल करेगी।

भाजपा पार्षद विकास शर्मा ने बताया घाटे का बजट, दिया फार्मूला

भाजपा पार्षद विकास शर्मा ने प्रस्तावित बजट को घाटे का बजट बताया। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि अगले साल निगम को करीब 12 करोड़ रुपये बचेंगे। इस बार आमदनी 4.01 अरब दिखाई गई है और खर्च 4.59 अरब। पिछले साल रिकार्ड वसूली होने के बावजूद लक्ष्य से 27.97 करोड़ कम वसूली हो पाई है। पिछली बार लक्ष्य पूरा नहीं हुआ, इस बार खर्च अधिक है। इस आधार पर यह घाटे का बजट साबित होगी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए उन्होंने एजेंसी के बजाय घरों से सफाई कर्मचारियों से ही कूड़ा उठाने और वसूली का फार्मूला दिया। बोले, इसके बदले कर्मचारियों समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कमिशन दिया जाए। कमीशन मात्र 13 फीसद होगा, जिसमें करीब 32 लाख ही खर्च होंगे। जबकि निगम अब तक ठेकेदार को 3.84 करोड़ रुपये भुगतान कर चुका है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 का मूल बजट

प्रारंभिक अवशेष (अनुमानित) - 70.53 करोड़

वर्ष की कुल अनुमानित आय - 4.01 अरब

कुल योग - 4.71 अरब

अनुमानित व्यय - 4.59 अरब

अनुमानित अंतिम अवशेष - 12.64 करोड़

Posted By: Inextlive