300 बेड अस्पताल का प्रयोग करें डिप्टी सीएम के आदेश को हवा में उड़ रहे थे न्यूज छपी तो जागे

बरेली(ब्यूरो)। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने जिले में विजिट के दौरान निर्देश दिए थे कि सरकारी अस्पतालों में बड़े चिकित्सा अधिकारी ओपीडी में मरीजों को देखेंगे, लेकिन इसके बाद भी अगले दिन यानि फ्राइडे को सीएमओ, एसीएमओ, एडीएसआईसी व एडी हेल्थ ने ओपीडी में पेशेंट्स को नहीं देखा था। इसको लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने फ्राइडे को जिला अस्पताल व 300 बेड अस्पताल का निरीक्षण किया। निर्देशों की धज्जियां उड़ाने वाली अधिकारियों की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद सैैटरडे को अधिकारी अलर्ट मोड में आए और ओपीडी में उन्होंने मरीजों का इलाज करते नजर आए।

51 पेेशेंट्स पहुंचे सैटरडे को
सैटरडे को 300 बेड अस्पताल की ओपीडी में कुल 51 पेशेंट्स पहुंचे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। बलवीर सिंह ने बताया कि ओपीडी में अधिकांश पेशेंट्स स्किन, फीवर व अन्य बीमारियों के पहुंचे थे। बता दें मुख्य चिकित्सा अधिकारी टीबी एवं चेस्ट स्पेशलिस्ट हैैं। उन्होंने बताया कि डिप्टी सीएम के निर्देश के अनुसार उन्होंने ओपीडी में पेशेंट्स को देखा। दरअसल थर्सडे को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 300 बेड अस्ताल, जिला अस्पताल समेत अन्य स्थानों पर निरीक्षण किया था। इसमें उन्होंने तीन सौ बेड अस्पताल में ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए थे। साथ ही कहा था कि यहां ओपीडी शुरू होने से जिला अस्पताल पर कम भार पड़ेगा। साथ ही पेशेंट्स को इससे बेहतर सुविधा मिल पाएगी।

आई को परमानेंट शिफ्ट करने का है प्लान
सीएमओ डॉ। बलवीर सिंह ने बताया कि फ्यूचर में जिला अस्पातल से आई ओपीडी को धीरे-धीरे तीन सौ बेड हॉस्पिटल में पूरी तरह से शिफ्ट करने की योजना है। साथ ही बताया कि इसके साथ ही अन्य ओपीडी को भी शिफ्ट किया जाएगा, इसके लिए पब्लिक को पहले अवेयर किया जाएगा। साथ ही तीन सौ बेड में सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा।

तैनात रहे डॉक्टर
तीन सौ बेड अस्पताल में पांच डॉक्टर्स को तैनात किया गया है। सैटरडे को इसमें एक पैथोलॉजिस्ट, एक दंत चिकित्सक व तीन फिजिशियन को तैनात किया गया है। सैटरडे को ओपीडी में तीन सौै बेड चिकित्सा प्रभारी डॉ। वागीश वैश्य व पूर्व चिकित्सा प्रभारी सतीश चंद्रा तैनात के साथ ही सीएमओ डॉ। बलवीर सिंह ने पेशेंट्स को इलाज किया।

नहीं मिल सका रि एजेंट
तीन सौ बेड अस्पताल में सैटरडे को भी रि एजेंट नहीं मिल सका। सीएमएस डॉ। वागीश वैश्य का कहना है कि कुछ रिजेंट यहां मौजूद हैैं। अन्य के लिए लेटर लिखा गया था। इनके जल्द ही मिलने की उम्मीद है। दरअसल रि एजेंट का इस्तेेमाल टायफायड, ब्लड, शुगर, मलेरिया, हिमोग्लोबिन आदि व अन्य में किया जाता है।

Posted By: Inextlive