बरेली आज ब्रश किया क्या
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में जुटने वाले दांत के मरीजों में नहीं सही ब्रशिंग की आदत
70 फीसदी मरीज पायरिया और डेंटल केयरीज से पीडि़त, मुंह के कैंसर का भी खतरा महिलाओं में भी पान मसाला खाने की आदत, बच्चों में भी बढ़ी दांतों की प्रॉब्लम BAREILLY:टीवी में आने वाले तमाम विज्ञापनों की भीड़ में दांतों को चमकाने और हेल्दी बनाने वाले एड की भी भरमार है। किसी के ब्रश में ब्रिसल्स जिग-जैग हैं तो किसी के टूथपेस्ट में नमक मिला है। कुल मिलाकर मुद्दा दांतों को दुरुस्त रखने और मसूढ़ों को मजबूत बनाने के लिए अवेयर करने का है। लेकिन कीटाणुओं से ढिशुम ढिशुम करने की निजी कंपनियों की यह सीख बरेली में कइयों पर असर नहीं डालती। वजह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डेंटल केबिन में जुटने वाली मरीजों में ज्यादातर को दांतों की सही ब्रशिंग का तरीका ही नहीं पता। कई तो दिन में एक बार भी दांत चमकाने की मेहनत नहीं करते तो ज्यादातर रात में सोने से पहले ब्रश करने को ही सिरे से नकारते हैं।
70 फीसदी को पायरियाहॉस्पिटल के डेंटल केबिन में आने वाले मरीजों में 70 फीसदी से ज्यादा को पायरिया और डेंटल केयरीज की परेशानी है। हॉस्पिटल के डेंटल सर्जन डॉ। जीतेन्द्र शाक्य की रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना आने वाले क्0 में से 7 मरीज में पायरिया और डेंटल केयरीज आम समस्या के तौर पर दिखी। यह मरीज अपने दांतों की सफाई के लिए कम जागरूक हैं। रोजाना सही से ब्रशिंग न करना इन मरीजों में दंातों की बीमारियों की सबसे बड़ी वजह दिखी। वहीं कई मरीजों ने रोजाना ब्रश न करने की बात मानी।
पान-गुटखा कैंसर के आसार पान मसाले और गुटखा खाने का शौक बरेली के लोगों के दांतों को सड़ा रहा है। हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों में ज्यादातर पान मसाला खाने के शौकीन हैं। डेंटल सर्जन ने बताया कि पायरिया और डेंटल केयरीज के अलावा जिंजीवाइटिस भी दांतों में होने वाली आम समस्या है। वहीं पान मसाला गुटखा खाने की आदत ओरल सम्यूकस फ्राइब्रोसिस का कारण बनती है। यह एक तरह की प्री कैंसर स्टेज है। जिसमें ओरल कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। महिलाएं भ्ाी लापरवाहसाफ सफाई के मामले में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा अवेयर रहने वाली महिलाएं दांतों को लेकर बेपरवाह हो रही हैं। दांतों की सही से सफाई पर बरेली की महिलाएं भी पिछड़ी दिखीं। बरेली में पान मसाले गुटखे के शौक के चलते दांतों की दिक्कत लेकर आने वाले मरीजों में महिलाओं की तादाद भी खासी बढ़ी है। हॉस्पिटल आने वाली महिला मरीजों में फ्भ् फीसदी से ज्यादा प्रॉपर ब्रशिंग न करने और पान मसाला या गुटखा खाने के चलते पायरिया और डेंटल केयरीज की बीमारी से पीडि़त हैं।
दो बार ब्रशिंग, 99 फीसदी आराम दांतों और मसूढ़ों से जुड़ी परेशानियों की आम वजह दांतों में प्लाक का जमना है। प्लाक खाना खाने के बाद दांतों में जमने वाली एक केमिकल परत है जिस पर बैक्टीरिया पनपते हैं और दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं। प्लाक को दांतों पर जमने से बचाने के लिए दिन भर में दो बार ब्रश करना जरूरी है। डेंटल सर्जन का कहना है एजिंग और एक्सीडेंट को छोड़ रात को खाना खाने और सुबह नाश्ते के बाद किया गया रोजाना ब्रश करना ही 99 फीसदी दांतों की दिकत्तों से दूर रखता है। पाउडर नहीं पेस्ट लेंडेंटल सर्जन के मुताबिक दांतों की सफाई के लिए पाउडर से ज्यादा टूथपेस्ट ही फायदेमंद है। पाउडर खुरदुरा होने के चलते दांतों के इनेमल को घिस देते हैं। जिससे दांत पतले और कमजोर पड़ जाते हैं। ब्रश करने से पहले उसे पानी से सही से भिगो लें जिससे वह मुलायम हो जाए। ब्रश हल्के हाथ से ही करें, जोर लगाकर घिसे नहीं। दातून का इस्तेमाल भी सही है लेकिन उंगली से दांतों की सफाई नहीं होती। बच्चों में शुरू से ब्रशिंग की आदत डलवाएं।
इन्हें याद रखें दांतों की सफाई के लिए दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें रात को खाना खाने के बाद सोने से पहले ब्रश बेहद जरूरी है बच्चों को मीठे व चिपचिपे खाने-पीने की चीजें ज्यादा न दें हर बार खाने के बाद सही से माउथ वॉश जरूर करें हर म् महीने में एक बार दांतों की जांच व सफाई जरूर करवाएं दांतों की सफाई से दांत कमजोर पड़ना एक भ्रम है दांत निकलवाने से आंखों की रोशनी पर कोई असर नहीं पड़ता डाइट में फाइबर या रेशे वाले खाने को जरूर शामिल करें --------------------------------- दांत की तकलीफ से पीडि़त मरीजों में ज्यादातर सही से ब्रशिंग न करने की आदत है। कई रोजाना ब्रश भी नहीं करते। महिलाएं भी पान मसाला गुटखा खाने से दांतों की परेशानी से जूझ रही हैं। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें। दांतों की सफाई में कोई भ्रम न रखे। - डॉ। जीतेन्द्र शाक्य, डेंटल सर्जन