-डीआईओएस ने पांच एफआईआर, तीन सेंटर डिबार की संस्तुति और 15 इंविजिलेटर पकड़े

-18 फरवरी से शुरू हुए थे यूपी बोर्ड के एग्जाम

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

यूपी बोर्ड की परीक्षा का जब शंखनाद हुआ, तो प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नकलविहीन परीक्षा कराने का दावा किया था, लेकिन दावे की हवा नकल माफिया निकाल दिए। जिन पर बिना नकल की परीक्षा संपन्न कराने की जिम्मेदारी थी, वह नकल माफिया के साथ मिल गए। यही वजह रही कि चेकिंग के दौरान अब तक डीआईओएस को पांच एफआईआर दर्ज करानी पड़ी। साथ ही तीन सेंटर्स को डिबार करने की संस्तुति शासन को भेजी और 15 इंविजिलेटर्स नकल कराते हुए पकड़े।

18 फरवरी से शुरू हुए थे एग्जाम

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस साल इतिहास रचते हुए पहली बार सीबीएसई से पहले एग्जाम करा लिए। इसके लिए 18 फरवरी से एग्जाम शुरू हुए। ताकि आगामी शैक्षिक सत्र फिर से सीबीएसई की तर्ज पर अप्रैल से शुरू किया जा सके। परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के लिए प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी की थीं। इसी के बल पर नकलविहीन परीक्षा कराने के दावे ठोंके जा रहे थे। लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग से एक चूक हो गई, उसे अपने ही साथियों का साथ नहीं मिला और परीक्षा की गोपनीयता तार-तार हुई। इसकी का नतीजा रहा कि पहले 23 फरवरी को शेरगढ़ के गांव हौंसपुर स्थित महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज पर हाईस्कूल के होमसाइंस का पेपर आउट हुआ। इस पर डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने केन्द्र व्यवस्थापक सियाराम गंगवार, छात्रा लक्ष्मी और इंविजिलेटर अनीता समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। 29 फरवरी को कैंट थाना स्थित आरएन टैगोर इंटर कॉलेज के इंविजिलेटर अमित यादव की जेब से इंटर के केमिस्ट्री के पेपर की सॉल्व कॉपी मिली। इस पर भी डीआईओएस ने कानून का सहारा लिया। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक सेंटर्स पर मारे गए छापे में 15 इंविजिलेटर्स सब्जेक्ट टीचर निकले, जिन्हें डीआईओएस ने तत्काल प्रभाव से हटाया दिया था। वहीं आरएन टैगोर इंटर कॉलेज, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज और सर्वोदय इंटर कॉलेज को डिबार करने की संस्तुति सरकार को भेजी हैं। इसी बीच नौ मार्च को हाईस्कूल की परीक्षा खत्म हो चुकी हैं और 21 मार्च को इंटर की भी परीक्षा का दि एंड हो जाएगा।

एक्शन एक नजर में:

-पांच एफआईआर दर्ज कराई

-तीन सेंटर्स को रद्द करने की संस्तुति की

-15 इंविजिलेटर्स को हटाया।

-1000 से अधिक स्टूडेंट्स बिना रजिस्ट्रेशन के मिले

-हरी ओम सिंह राठौर इंटर कॉलेज पर फर्जी मेडिकल ऑफिसर पकड़ा।

वर्जन

परीक्षा की सुचिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो कोई भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

गजेन्द्र कुमार, डीआईओएस

Posted By: Inextlive