-यूपी बोर्ड के कॉलेजेज में बायोमेट्रिक से लगेगी अटेंडेंस

-पहले चरण में एडेड स्कूल्स में पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगी शुरूआत

BAREILLY : यूपी बोर्ड के स्कूलों में स्टूडेंट्स को यश सर /मैम बोलकर उपस्थिति दर्ज कराने से छुटकारा मिलने वाला है। शासन स्तर से इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गई। नई प्रक्रिया के तहत स्टूडेंट्स की उपस्थिति अब बायोमेट्रिक से लगाई जाएगी। पहले राउंड में इस प्रक्रिया को पायलट प्रोजेक्ट के तहत 9-12वीं तक के एडेड कॉलेजेज में शुरू किया जा रहा है। लेकिन बायोमेट्रिक मशीन लगने से स्टूडेंट्स को कॉलेज आना जरूरी होगा, वह कॉलेज बगैर आए अपनी अटेंडेंस टीचर्स से साठगांठ करके नहीं बढ़वा सकेंगे।

 

तो क्लास अटेंड करना होगा जरूरी

मेन एग्जाम में बैठने के लिए स्टूडेंट्स की उपस्थिति 85 फीसदी अनिवार्य होती है। बावजूद इसके ज्यादातर स्टूडेंट्स की उपस्थिति पूरी नहीं होती है इसके बाद भी वह एग्जाम में शामिल होते हैं। इसके लिए कॉलेज टीचर्स और संचालक उपस्थिति बढ़ाने का भी खेल करते हैं और कम अटेंडेंस वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम दिला देते हैं। इस समस्या को दूर करने और क्लास में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाने के लिए शासन ने 9 से 12 तक के कॉलेजेज में स्टूडेंट्स की उपस्थिति बायोमेट्रिक थम्ब इंप्रेशन मशीन लगाने के फैसला लिया है।

 

2 माह तक सेव रहेगा रिकॉर्ड

जानकारों के मुताबिक एक मशीन में कम से कम एक हजार लोगों की उपस्थिति का रिकार्ड दो माह तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसकी प्रक्रिया पूर्ण कर अनुमति लेने की कार्रवाई जारी है। शासन के निर्देशानुसार टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं कॉलेज स्टाफ की उपस्थिति दर्ज करने के लिए एक अलग से मशीन लगाई जाएगी।

 

 

मनमानी पर लगेगी लगाम

-मेन एग्जाम में 85 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराने वाले ही बैठ सकेंगे

-कॉलेजेज की धांधलेबाजी पर अंकुश लगाना

-एडमिशन कराने के बाद स्टूडेंट्स को समय से कॉलेज आना होगा

-एग्जाम में उपस्थिति बढ़ाने के नाम पर वसूली होगी बंद

-स्टूडेंट्स कॉलेज स्टाफ और पेरेंट्स से नहीं बोल सकेंगे झूठ

 

फैक्ट्स एंड फिगर

78-एडेड स्कूल में होगी बायोमेट्रिक मेट्रिक की शुरूआत

53-सरकारी स्कूल्स को अगले चरण में रखा गया है

60-स्टूडेंट्स पर लगेगी एक मशीन

1-मशीन टीचर्स के लिए अलग से लगेगी

 

एडेड स्कूलों में जुलाई में ही बायोमेट्रिक मशीन लगाई जानी हैं क्योंकि इसकी समीक्षा भी अगस्त से शुरू होनी है।

डॉ। अचल कुमार मिश्रा, डीआईओएस

Posted By: Inextlive