लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए फॉर्म में जुड़ेगा एक्स्ट्रा कॉलम

बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल व एजेंसी की देनी होगी जानकारी

एजेंसी से न जुड़ने वालों की होगी पहचान, लाइसेंस होगा कैंसिल

>BAREILLY:

बायो मेडिकल कचरे पर शहर के तमाम प्राइवेट हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स नगर निगम के निशाने पर आ गए हैं। हर साल नगर निगम से लाइसेंस के लिए रिन्यूअल कराने वाले सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स को अब अपने यहां प्रोड्यूस होने वाले बायो मेडिकल कचरे से जुड़ी जानकारी भी निगम से साझा करनी होगी। लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म के प्रोफार्मा में बदलाव किया जा रहा है। प्रोफार्मा में बायो मेडिकल कचरे का भी एक कॉलम अलग से जुड़ेगा। जिसमें हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स किस एजेंसी को अपना बायो मेडिकल कचरा देती हैं, इसकी जानकारी भरनी होगी। इसमें यदि वह फेल होते हैं तो हॉस्पिटल के लाइसेंस से भी हाथ धोना पड़ जाएगा।

सख्त हुआ नगर निगम

बरेली शहर को इसके प्राइवेट हॉस्पिटल्स व हेल्थ सुविधाओं के लिए मेडिकल हब का दर्जा मिला है। शहर में करीब ढाई सौ से ज्यादा निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिंग होम्स नगर निगम सीमा के अंदर आते हैं, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट से लेकर नगर निगम तक शहर के ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बायो मेडिकल कचरे के सही डिस्पोजल की व्यवस्था लागू न होने से चिंतित है। जनवरी में सीएमओ डॉ। विजय यादव ने निजी हॉस्पिटल्स को बायो मेडिकल कचरे के सही डिस्पोजल के लिए चेतावनी जारी की थी। जिसके बाद अब निगम ने इस गंभीर मुद्दे पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स पर सख्ती बरतने का मूड बनाया है।

नियम तोड़ने वालों की पहचान

शहर के करीब ब्0 फीसदी से ज्यादा निजी हॉस्पिटल्स अपने यहां से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरे का सही से डिस्पोजल नहीं कराते। न ही हॉस्पिटल्स बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल के लिए कोई एजेंसी हायर की गई है, लेकिन नए नियम के तहत निजी हॉस्पिटल्स को बायो मेडिकल कचरा डिस्पोज कराने वाली अपनी एजेंसी का न सिर्फ ब्योरा देना होगा। बल्कि साल ख्0क्ब्-क्भ् में एजेंसी को भुगतान किए गए बिल की रसीद भी दिखानी होगी। जिससे हॉस्पिटल्स के दावों को परखा जा सके। नई व्यवस्था लागू होने से ऐसे हॉस्पिटल्स की पहचान हो जाएगी, जो नियम तोड़कर खुले में अपना बायो मेडिकल कचरा डंप कर रहे हैं।

तो लाइसेंस हाेगा कैंसिल

लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए तैयार किए जा रहे नए प्रोफार्मा में जो हॉस्पिटल्स अपने बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल व हायर की गई एजेंसी का नाम न दे सकेंगे। उनके लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराएं जाएंगे। शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स को हर साल निगम से अपना लाइसेंस रिन्यूअल कराना पड़ता है। साल ख्0क्भ्-क्म् के तहत जो हॉस्पिटल अपना लाइसेंस रिन्यूअल न करा सके, उनका पुराना लाइसेंस अपने आप कैंसिल हो जाएगा। ऐसी सिचुएशन में प्राइवेट हॉस्पिटल्स अपने यहां मरीजों को इलाज नहीं दे सकेंगे। निगम की ओर से ऐसे हॉस्पिटल्स के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी हो सकती है।

--------------------

निजी हॉस्पिटल्स के लाइसेंस रिन्यूअल के लिए नया प्रोफार्मा तैयार हो रहा है। मेयर से अनुमति मिल गई है। प्रोफार्मा में हॉस्पिटल्स को बायो मेडिकल कचरा उठाने वाली एजेंसी का नाम व जानकारी देनी होगी। जो हॉसिपटल्स ऐसा न कर सकेंगे। उनका लाइसेंस कैंसिल हो जाएगा। - उत्तम कुमार वर्मा, एनवॉयरमेंट इंजीनियर

Posted By: Inextlive