बिजली बिल काउंटर का 'शटर डॉउन'
-काउंटर बंद होने से कंज्यूमर्स परेशान
BAREILLY: बिजली विभाग की मनमानियां कंज्यूमर्स को एक के बाद एक 'शॉक' देती ही जा रही हैं। पहले ही बिजली कटौती की वजह से बरेलियंस के दिमाग को फ्यूज कर रहे विभाग ने अब फिर लोगों में गुस्से का करंट दौड़ा दिया है। एक तरफ बिलिंग कंपनी बिल बनाने में लेट लतीफी कर रही हैं तो दूसरी तरफ विभाग ने भी बिल बनाने से पल्ला झाड़ लिया है। विभाग ने कॉउंटर पर बिल बनाना ही बंद कर दिया है। इसके चलते भरी गर्मी में विभाग पहुंच रहे कंज्यूमर्स का दिमाग और गर्म हो रहा है। Billing counter closedसर्किट हाउस स्थित बिजली विभाग में कई कॉउंटर बनाए गए हैं, ताकि लोग यहां आकर अपना बिजली बिल अपडेट करवा लें। लेकिन प्रजेंट टाइम में काउंटर को बंद कर दिया गया है। डेली दूर-दराज से जो कंज्यूमर्स अपनी समस्या लेकर बिलिंग कॉउंटर पर पहुंच रहे हैं, उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है। कर्मचारी इन सभी लोगों को बिल से रिलेटेड काम के लिए 20 जून के बाद आने के लिए कह रहे हैं। इज्जतनगर एरिया से बिल बनवाने आए रमेश शर्मा ने बताया कि गर्मी में इतनी दूर से आए हैं, लेकिन कर्मचारी बिल बनाने से मना कर रहे हैं।
Company भी अपने में मस्त
ऑफिसर्स की लापरवाही का ही नतीजा है कि बिलिंग कंपनी भी अपनी मनमानी करती दिख रही है। फिलहाल दो महीने से बिलिंग का काम साई कंपनी देख रही है। इसके पहले बिलिंग का काम एन सॉफ्ट कंपनी देख रही थी। लोगों ने बताया कि बिलिंग कंपनी कभी टाइम पर घर में रीडिंग के लिए नहीं आती है। इसके चलते हम लोगों को विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन यहां आने के बाद भी कर्मचारी और ऑफिसर्स अपने धुन में ही मस्त रहते हैं। कोई ठीक ढंग से बात करने को तैयार ही नहीं होता। Updation का बहाना अपने काम से पीछा छुड़ा रहे विभागीय लोगों का कहना है कि इस टाइम डाटा अपडेशन का काम हो रहा है। इसके कारण काउंटर बंद किए गए हैं, लेकिन उनकी इस बात में भी झोल है। आपको बता दें कि अभी दो महीने पहले ही विभाग द्वारा डाटा अपडेट करने के बाद विभाग ने ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की थी। बिल बनवाने के लिए आए थे, लेकिन कर्मचारियों ने मना कर दिया। बोल रहे हैं कि एक वीक बाद बिल बनेंगे। ओमवीर सिंह, कर्मचारी नगरमेरा बिल गड़बड़ बना है, जिसे सही कराने आया था, लेकिन कर्मचारियों ने लौटा दिया। इतनी गर्मी में लोग दूर-दराज से आ रहे हैं, कर्मचारियों को समझना चाहिए।
पीटर मैसी, गायत्री नगर