Bareilly: ग्रीन पार्क के रेजिडेंट्स इन दिनों कुत्तों के आतंक से परेशान हैं. कॉलोनी में हर वक्त 50-60 की तादाद में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं. रात के वक्त तो रेजिडेंट्स का घर से बाहर निकलना दूभर है. झुंड में होकर यह कई बार लोगों पर झपट भी पड़ते हैं. पास से गुजरने वाले बाइक और कार का कई मीटर तक पीछा करते हैं. इनकी भीड़ से पालतू कुत्तों का तो घर से बाहर निकलना बड़ी टेंशन बन गई है. ऐसे में कई लोग तो एयर गन का सहारा ले रहे हैं ताकि इन कुत्तों को भगा सकें और बच सकें.


नींद कर रखी है हराम आवारा कुत्तों ने रेजिडेंट्स का चैन छीन लिया है। दिन भर तो इनके भौंकने से रेजिडेंट्स को परेशानी होती है पर जैस ही शाम होती है, कुत्ते झुंड में आकर रोना शुरू कर देते हैं। रात में इनके शोर मचाने से रेजिडेंट्स की नींद भी खराब हो रही है। वहीं कॉलोनी के लोगों में इनके प्रति ऐसी दहशत बनी हुई है कि लोग अकेले घर से निकलने में भी घबराते हैं। रेजिडेंट्स की मानें तो इनकी वजह से कॉलोनी के बाहर के लोगों के कई तरह के कमेंट्स भी सुनने पड़ते हैं। आवारा कुत्तों की वजह से लोगों के स्टेट्स पर भी असर पड़ रहा है। पहली बार इस कॉलोनी में आने वाला व्यक्ति इतने सारे कुत्तों को देख कुछ न कुछ कमेंट जरूर करता है। कुत्ते यहां खूब गंदगी भी फैला रहे हैं।Air gun बनी सहारा


रेजिडेंट्स के बीच आवारा कुत्तों का डर इस कदर बढ़ गया है कि खुद की सेफ्टी के लिए लोग अब एयर गन रख रहे हैं। रेजिडेंट्स की मानें तो एयर गन की वजह से काफी राहत है। कुत्तों का झुंड जब भी घर के आस-पास नजर आता है लोग एयर गन से फायर कर उन्हें भगा देते हैं।पेट्स पर करते हैं हमला

ग्रीन पार्क में आवारा कुत्तों की इतनी तादाद बढ़ गई है कि वो हर पल पालतू डॉग्स पर भारी पड़ते हैं। मौका मिलते ही ये झुंड बना कर पालतू डॉग्स पर हमला कर देते हैं। यहां की रेजिडेंट रोजलीन चरन कहती हैं कि उनके पास पॉमेलियम ब्रीड का एक डॉगी था। पांच दिन पहले ही आवारा कुत्तों ने उसपर अटैक कर दिया और उसकी गर्दन तोड़ दी, जिससे उसकी मौत हो गई। इतनी अधिक संख्या में कॉलोनी में कुत्ते हैं कि हर पल डर बना रहता है। यह किसी पर भी हमला बोल देते हैं। मैं जब भी स्कूटी लेकर घर से बाहर निकलती हूं यह कुत्ते पीछा करते हैं।-पारूल गंगवार, रेजिडेंटदिन भर शोर-शराबा करते रहते हैं। हम लोगों ने अपनी सेफ्टी के लिए एयर गन भी रखा है। अक्सर यह आवारा कुत्ते ग्रुप में ही घूमते रहते हैं। इस लिए अपने डॉगी को लेकर भी डर बना रहता है की कब उसपर भी न हमला बोल दे।-तृप्ति, रेजिडेंटरात में जब यह रोना शुरू करते हैं तब तो नींद ही नहीं आती। बार - बार भगाए जाने के बाद भी यह घर के पास आ जाते हैं। गेट खुला नहीं की घर में आ जाते हैं।-ज्योति,  रेजिडेंट

गेट से इंट्री करते ही यह कुत्ते बाइक के पीछे लग जाते हैं। कभी -कभी तो यह घर तक पीछा करते हैं। पूरी कॉलोनी में किसी भी जगह जाइए यह टहलते मिल जाएंगे। -विवेक, रेजिडेंटहमने पीलीभीत की प्राइवेट संस्था से संपर्क किया है। बहुत जल्द कुत्तों की नसबंदी के लिए अभियान चलेंगे। इन अभियानों का संचालन गांधी उद्यान से किया जाएगा। -मातादीन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive