Bareilly: ट्यूजडे का दिन बरेली के लिए काफी खास रहा. यंग ब्रिगेड ने अलग-अलग फील्ड में अपना झंडा बुलंद किया. दो ने खेल के मैदान में विपक्षियों को मात देकर गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया जबकि तीसरे ने केरल में आयोजित कार्टून कॉम्पिटिशन में पार्टिसिपेट कर अपना परचम लहराया. तीनों ने अपने कौशल और प्रतिभा के बल पर बरेली का नाम रौशन किया है.


कार्टून विधा का 'दिवाकर'अपनी कला को कैनवास पर उकेरने में माहिर हैं दिवाकर। नेशनल अवार्ड विजेता दिवाकर आर्य केरल के कोच्चि से राष्ट्रीय केरल कला संगम सम्मान लेकर ट्यूजडे को शहर लौट आए। यह सम्मान कार्टून विधा की उत्कृष्ट निपुणता एवं राष्ट्रीय कार्टून प्रदर्शनी में सहभागिता करने के दौरान        वरिष्ठ कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण द्वारा दिया गया। Cartoonists का जमावड़ाकेरल के कोच्चि में 7 से 9 दिसंबर को कोच्चि आर्ट गैलरी में नेशनल लेवल के कार्टून एग्जिबिशन का आयोजन किया गया था, जिसमें देशभर के ख्याति प्राप्त लोगों ने शिरकत की। इस आयोजन में डिफरेंट न्यूज पेपर्स के एडीटर्स एवं कार्टूनिस्ट पहुंचे। तीन दिवसीय इस एग्जिबिशन में देश के डिफरेंट रीजन के कार्टूनिस्ट्स ने पार्टिसिपेट किया। इसमें यूपी से एकमात्र बरेली के कार्टूनिस्ट दिवाकर आर्य ने पार्टिसिपेट कर शहर का नाम रौशन किया। तीन बार मिला award


राष्ट्रीय केरल कला संगम- 2011 में में कई लोगों ने पार्टिसिपेट किया। दिवाकर ने बताया कि जब आयोजन के मंच से बरेली का नाम पुकारा गया तो कई लोग आश्चर्यजनक मुद्रा में देखने लगे। दिवाकर आर्य को नेशनल लेवल का यह सम्मान तीसरी बार मिल है। इससे पहले उन्हें 2005 में बीएचयू से तथा सन 2008 में आगरा कार्टून फोरम से मिल चुका है। वे आज भी तितली मैग्जीन के लिए फ्री ऑफ कास्ट काम कर रहे हैं। दिवाकर पेशे से फ्री लांसर आर्टिस्ट के साथ-साथ केंद्रीय विद्यालय अईवीआरआई इज्जतनगर में आर्ट टीचर हैं.  योगेंद्र और रिजवान ने किया कमालमकसद एक है। सपना एक है। तरीका भी एक है लेकिन किस्मत अलग-अलग है। यहां हम बात कर रहे हैं शहर में रहने वाले योगेंद्र और रिजवान की। दोनों ने अपने प्रदर्शन से शहर का नाम रौशन किया है। 9 से 11 दिसंबर के बीच एमपी के तात्या टोपे में आयोजित सेंट्रल जोनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में योगेंद्र ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया तो वहीं रीजवान ने सीनियर मीडिल वेट में ब्रॉन्ज पर कब्जा किया। गेम के प्रति जुनूनशहर के रहने वाले योगेंद्र और रिजवान का सपना भी एक है। दोनों अपने शहर के साथ-साथ देश का भी नाम रौशन करना चाहते हैं। दोनों एक दूसरे से अलग न केवल खेल के मामले में बल्कि फाइनेंशियल मामले में भी हैं। जहां योगेंद्र बरेली कॉलेज से बीए पार्ट फस्र्ट का स्टूडेंट है। वहीं रिजवान ने इंटर के बाद शहर के एक रेस्टोरेंट में काम शुरू किया लेकिन उनमें जो एक समानता है वो है   गेम्स के प्रति जुनून। यही जुनून दोनों समानता लाती है.  पुलिस में जाना चाहता है

दोनों विश्व के पटल पर चमकाना चाहते हैं। पांच बहनों में सबसे छोटे योगेंद्र को फरवरी में सूरत में होने वाले नेशनल सेंट्रल जोनल कॉम्पिटिशन में पार्टिसिपेट करने जाना है। उसका सपना स्पोट्र्स कोर्ट के अंतर्गत पुलिस में ज्वाइन करना है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने बरेली ताइक्वांडो एसोसिएशन के सेक्रेटरी एवं कोच हरीश पाल को देते हैं। उसने बताया कि वह प्रैक्टिस उत्तराखंड के काशीपुर स्थित स्पोट्र्स एकेडमी ऑफ इंडिया से की है।शहर में सम्मान नहींरिजवान का सपना भी योगेंद्र से कुछ अलग नहीं है। तीन भाई और दो बहनों में बीच के रिजवान को दुख है तो सिर्फ इस बात का कि दूसरे खिलाडिय़ों के समान उसे शहर में सम्मान नहीं मिलता है। वह उनकी तरह फेमस नहीं है। उसने बताया कि पैसे की तंगी के कारण पिछले महीने शहर के डीएम से जोनल कॉम्पिटिशन में पार्टिसिपेट करने के लिए मुख्यमंत्री कोष से 20 हजार रुपये की सहायता मिली थी। इसी के बाद वह कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले पाया था। योगेंद्र कुमार पटेलपिता - शांति स्वरुप कनौजिया, बिजनेसमां - विद्या देवी, हाउस वाइफ Achievements-एमपी के तात्याटोपे में थर्ड सेंट्रल जोन ताइक्वांडो के जोनल मैच में गोल्ड मेडल हासिल किया

-9 से 11 दिसंबर  के दौरान रांची में आयोजित नेशनल ताइक्वांडो कॉम्पिटिशन में ब्रॉन्ज मेडल तथा 25 हजर रुपए का चैक मिला। -जून 2011 में हुए स्टेट लेवल ताइक्वांडो कॉम्पिटिशन में गोल्ड मेडल.  रिजवान खानपिता - महबूब खान, हाईडिल से रिटायरमां - सबरा बेगम, हाउस वाइफAchievements-एमपी के तात्याटोपे में थर्ड सेंट्रल जोनल ताइक्वांडो मैच में सीनियर मीडिल वेट में ब्रॉन्ज मेडल।सुयश ने beat किया NSTSEबिशप कोनराड के स्टूडेंट सुयश शर्मा ने नेशनल लेवल साइंस टैलेंट सर्च एग्जाम में शहर में टॉप पोजीशन हासिल की है। सुयश बिशप कोनराड सेकेंड्री स्कूल में क्लास 7 का स्टूडेंट है। उसने 834 माक्र्स स्कोर किए हैं। इस अचीवमेंट के लिए उसे बिशप एंथोनी फर्नांडीज ने सम्मानित किया। सुयश बीसीबी में साइकोलॉजी की लेक्चरार डॉ। सुविधा शर्मा और एसआई सुनील दत्त शर्मा के बेटे हैं। सुयश इस सफलता का क्रेडिट अपने मां-पापा के साथ अपने टीचर विवेक मिश्रा को देते हैं। वह कहते हैं कि प्लान्ड प्रिपरेशन के साथ साइंस के करंट अफेयर्स की नॉलेज की हेल्प से उन्होंने यह पोजीशन अचीव की है। बिशप कोनराड के प्रिंसिपल फादर ग्रेगरी मस्करेनस ने सुयश को बधाई दी और उसके ब्राइट फ्यूचर की कामना की।

Posted By: Inextlive