पुलिस भी नहीं खुलवा सकी बरेली कॉलेज का ताला
बीसीबी के अस्थाई कर्मचारी स्ट्राइक खत्म करने के मूड में नहीं
पुलिस-प्रशासन किसी की नहीं सुनी BAREILLY: बरेली कॉलेज के अस्थाई कर्मचारी किसी भी तरह अपनी स्ट्राइक खत्म करने के मूड में नहीं हैं। कॉलेज ने ऑफिस का ताला खुलवाने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। यही नहीं उन्होंने डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की भी नहीं सुनी। मंडे को ताला खुलवाने गई पुलिस भी उनके आंदोलन के सामने बेबस नजर आई। वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर तालाबंदी कर धरने पर बैठे कर्मचारियों की वजह से कॉलेज में एग्जाम कंडक्ट कराने की व्यवस्था फिलहाल ध्वस्त हो गई है। कॉलेज मैनेजमेंट की लाख कोशिशों के बावजूद एग्जाम्स से रिलेटेड कोई भी तैयारी शुरू नहीं हो पाई है। इसमें सबसे ज्यादा प्रॉब्लम स्टूडेंट्स को फेस करनी पड़ रही है। Police को रोका महिलाओं नेवेतन बढ़ाने की मांग को लेकर अस्थाई कर्मचारियों ने एक महीने पहले भी प्रदर्शन किया था। काफी दिनों तक चली स्ट्राइक के चलते डिस्ट्रिक्ट एडिमिनिस्ट्रेशन को दखल देना पड़ा और 4,300 व 5,550 वेतन को बढ़ाने पर सहमति बनी। इसे वित्त समिति के बाद लागू करने के लिए मैनेजमेंट के हाथ में छोड़ दिया गया। मैनेजमेंट के हाथों लिखित में डिसीजन लेने की मांग को लेकर दो हफ्तों से ज्यादा दिनों से कर्मचारी हड़ताल पर हैं। एक हफ्ते से उन्होंने कॉलेज के ऑफिस में तालाबंदी कर सारे काम ठप कर दिए हैं। कॉलेज और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने ताला खुलवाने की सारी कोशिशें कर डालीं लेकिन ताला नहीं खुलवा सके। इसी कड़ी में मंडे को एसपी सिटी ने भारी पुलिस बल के साथ कर्मचारियों ऑफिस का ताला खुलवाने की कोशिश की। इस दौरान प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह भी थे। पहले उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की। वे नहीं माने तो जबरन ताला खुलवाने का आदेश दिया। इसके बाद कर्मचारियों के परिवार की महिलाएं प्रदर्शन पर उतर आई और पुलिस के सामने हो लीं। इस वजह से पुलिस को पीछे कदम उठाने पड़े। कर्मचारी कल्याण सेवा समिति के प्रेसीडेंट जितेंद्र मिश्रा और सेक्रेट्री हरीश चंद्र मौर्य ने बताया कि इस बार मैनेजमेंट के आश्वासन के आगे नहीं झुकेंगे। शाम को कर्मचारियों ने बीसीबी से कैंडिल मार्च निकाला जो अयूब खां चौराहे से होते हुए चौकी चौराहे पर जाकर खत्म हुआ।
Exam preparations का पता नहींकर्मचारियों की स्ट्राइक से एग्जाम्स कंडक्ट कराने की पूरी व्यवस्था ध्वस्त होती नजर आ रही है। कर्मचारियों ने पहले ही अल्टीमेटम दिया है कि वे ना तो एडमिट कार्ड बांटेंगे और ना ही प्रैक्टिकल्स कंडक्ट होने देंगे। ऐसे में क्भ् फरवरी से पहले के प्रैक्टिकल्स को पोस्टपोन कर दिया गया। क्भ् के बाद कई और प्रैक्टिकल्स शेड्यूल थे लेकिन उसे डिक्लेयर नहीं किया गया। वहीं एडमिट कार्ड का बंडल कॉलेज में वैसे के वैसे ही पड़ा हुआ है। अगर अभी नहीं बंटे तो आगे चलकर हजारों को एक साथ बांटने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।