बरेली कॉलेज को नहीं मिले 'बड़े दिल वाले'
वर्ल्ड थैलासीमिया डे पर प्रस्तावित ब्लड डोनेशन कैंप को नहीं मिला एक भी दानदाता
निराश होकर प्रिंसिपल सोमेश यादव ने कैंप किया कैंसिल BAREILLY: बरेली कॉलेज में एक भी दानवीर नहीं है। इस बात की गवाही सैटरडे को वर्ल्ड थैलासीमिया डे पर आर्गनाइज ब्लड डोनेशन कैंप दे रहा है। ब्लड नाम रजिस्टर कराने एक भी दानदाता नहीं पहुंचा। इसके चलते कॉलेज प्रशासन को कैंप रद करना पड़ा। जहां कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स और स्टाफ की उदासीनता से निराश है। वहीं ब्लड डोनेट करने के प्रति लोगों सोच को कहीं न कहीं उजागर कर रहा है। किसी ने नहीं िकया आवेदनकॉलेज प्रशासन ने वर्ल्ड थैलासीमिया डे के दिन कॉलेज छात्र, शिक्षक व अन्य कर्मियों को समाजिक सरोकारों से जोड़ने के लिए ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करने की योजना बनाई थी। दर्जन भर से अधिक डिपार्टमेंट्स को फ् मई को ही लेटर भेजकर रक्तदान इच्छुक लोगों के नाम मांगे। लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन इंतजार ही करता रह गया। आवेदन न मिलने पर 8 मई को ही कैंप को कैंसिल कर दिया गया।
फेसबुक पर कैंसिलेशन की दी सूचनालॉ डिपार्टमेंट के टीचर प्रदीप कुमार डोनेशन कैंप में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी के लिए अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया, 7 मई को किये इस पोस्ट में प्रदीप कुमार ने अपने फेसबुक साथी शिक्षक व छात्रों को अगली सुबह रक्त दान कर मानवता के लिए काम करने की अपील की। इस पोस्ट पर कॉलेज प्रिंसिपल सोमेश यादव ने कमेंट किया है कि, 'रक्तदान शिविर के लिए नाम मांगे थे, अफसोस के साथ सूचित कर रहा हूं कि कोई नाम प्राप्त न होने के कारण शिविर का आयोजन नहीं हो पा रहा है।
समाजिक सरोकार पर दिखी उदासीनता की हद ताबड़तोड़ परीक्षाओं के दौर से गुजर रहे बरेली कॉलेज के लिए यूं तो इस कैंप का समय बहुत अनुकूल नहीं था, लेकिन ख्भ् हजार ऑनरोल छात्रों वाले इस कॉलेज के बीबीएस, बीसीए, बीएड जैसे डिपार्टमेंट्स में चल रही कक्षाओं और इंटरनल एग्जाम दे रहे छात्र इसमें भागीदारी कर सकते थे। अंबेडकर छात्र सभा के छात्र नेता रजत मिश्रा का कहना है कि किसी भी डिपार्टमेंट में इस कैंप की जानकारी छात्रों को नहीं दी गई थी, वरना हम सब भागीदारी करते। स्टूडेंट लीडर्स, छात्रों और शिक्षकों का ब्लड डोनेशन कैंप को लेकर उदासीनता निराशाजनक। सिर्फ ब्-भ् नाम ही डोनेट करने के लिए मेरे पास पहुंचे। इतनी कम संख्या के कैंप लगाकर कोई फायदा नहीं होता। इसलिए कैंप कैंसिल करना पड़ा।- सोमेश यादव, प्रिंसिपल बरेली कालेज