बेसिक स्कूल हो गए स्मार्ट, फिजिकली हैंडीकैप्ड के नहीं बने टॉयलेट
-कायाकल्प योजना के तहत जिले के स्कूलों का कराया जा रहा है सौंदर्यीकरण
-14 पैरामीटर पर रिपोर्ट तैयार होने पर सामने आए आंकड़े बरेली : आपरेशन कायाकल्प के तहत बरेली के बेसिक स्कूल्स को तेजी से चमकाया जा रहा है। बहुत से स्कूलों की सूरत भी बदल गई। पीने का पानी, बिजली, ब्लैक बोर्ड, सामान्य शौचालय सहित तमाम सुविधाएं तो दे दी गईं। बस, एक कमी रह गई। वह है दिव्यांगच्बच्चों के लिए टॉयलेट की। डिस्ट्रिक्ट के 2,485 स्कूलों में से 2,323 स्कूलों में दिव्यांगच्बच्चों के लिए अभी सुलभ शौचालय नहीं बने हैं। क्लास रूम में टायल्स लगाए जाने में भी 1320 स्कूल पीछे हैं। रॉन्ग डिटेल्स की फीडबेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारियों से कायाकल्प योजना के अंतर्गत 14 प्वाइंट पर मांगी रिपोर्ट की समीक्षा की तो कमियां सामने आईं। पता चला कि कुछ शिक्षकों ने पैरामीटर की सूचनाएं भी गलत फीड कर दीं। उन्होंने शिक्षकों से बात कर खामियां दूर करने के सख्त निर्देश जारी किए।
इतने चल रहे स्कूल बरेली में संविलियन के बाद 2485 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। कक्षा एक से आठ तक में 3,50,9च्8 बच्चे पंजीकृत हैं। बीएसए कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक इनमें 7,2च्4 बच्चे विशिष्ट आवश्यकता वाले हैं। कुछ स्कूलों में हर गईं कमियांशुद्ध पेजयल से छूटे स्कूल 173
बालक शौचालय से छूटे : 33 स्कूल बालिका शौचालय नहीं : 77 स्कूल शौचालय का टाइलीकरण नहीं : 972 स्कूल मल्टीपल हैंड वा¨शग यूनिट का अभाव : 92 स्कूलों में मिड-डे-मील के लिए रसोई घर नहीं : 80 क्लास रूम में फर्श का टाइलीकरण नहीं : 1320 रंगाई पुताई न होने वाले स्कूल : 88 विद्युतीकरण से बचे हुए स्कूल : 130 बिजली कनेक्शन से रह गए स्कूल : 170 आपरेशन कायाकल्प के तहत 14 पैरामीटर पर सभी स्कूलों में काम हुआ है। स्थलीय निरीक्षण कर इसका सत्यापन भी कराया गया है। शुद्ध पेयजल सहित ज्यादातर चीजें पैरामीटर पर हैं। कई शिक्षकों ने सूचनाएं गलत फीड कर दीं, जिन्हें सुधारा जा रहा है। जहां गुणवत्ता पूर्ण रंगाई-पुताई नहीं हुई, उसे फिर से करवायाच्गया है। दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय बनवाने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी के साथ समन्वय बनाकर कार्य करवाया जा रहा है। -विनय कुमार, बीएसए, बरेली