स्मार्टली बदलेगी 'बेसिक फोंस' की लाइफ
- 2005 से बेसिक फोन के 60 हजार कनेक्शन कटे
- बीएसएनएल कर रहा कंज्यूमर्स को जोड़ने की कवायद - 40 सदस्यों की बनायी गई टीम कर रही रिपोर्ट तैयारBAREILLY: किसी जमाने में अपनों से मिनटों में जोड़ देने वाले बेसिक फोन को आज लोगों ने बिल्कुल दूर कर दिया है। पहले नॉर्मल मोबाइल और आज स्मार्टफोन के आगे बरेलियंस अपने पुराने 'चैटिंग पार्टनर' लैंडलाइन फोन को भूलते गए। आलम में ये है कि डिस्ट्रिक्ट में 2005 में बेसिक फोन के 80,000 कंज्यूमर्स 2014 में सिर्फ 20,000 ही रह गए हैं। लेकिन इस सबके बावजूद बीएसएनएल ने हार नहीं मानी है। मोबाइल फोन के बूम से लड़खड़ाई बेसिक फोन सर्विस को फिर से पटरी पर लाने के लिए बीएसएनएल एडमिनिस्ट्रेशन ने एक नया प्लान तैयार किया है। कंज्यूमर्स को फिर से जोड़ने के लिए नई कवायद शुरू की गई है। इसके तहत टीम बनाकर डिपार्टमेंट कंज्यूमर्स से यह जानने की कोशिश करेगा कि आखिर क्यों वे बेसिक फोन से दूर हो गए हैं। इतना ही नहीं बीएसएनएल ने सर्विस चार्ज भी कम कर दिया गया है।
2005 से शुरू हुई उल्टी गिनतीकभी सिर्फ बेसिक फोन पर ही डिपेंड रहने वाले बरेलियंस 2005 से इससे दूर होने लगे। ऑफिसर्स ने बताया कि 2005 में बरेली डिस्ट्रिक्ट में बेसिक फोन कंज्यूमर्स की संख्या 80,000 थी, लेकिन पिछले 9 सालों में इसमें से 60,000 कंज्यूमर्स घट गए। पे्रजेंट टाइम में डिस्ट्रिक्ट में सिर्फ 20,000 लोगों के यहां लैंडलाइन कनेक्शन है। बेसिक फोन का कनेक्शन कटवा चुके राजेंद्र नगर के चमन ने बताया कि इस फोन पर आवाज बहुत क्लियर होती है, लेकिन अक्सर सर्विस ठप हो जाती है, इसलिए इसका कनेक्शन हटवा दिया।
Mobile बना सबसे बड़ा reason लोगों के घरों से धड़ाधड़ बेसिक फोन के कनेक्शन कटने की वजह मोबाइल फोन बना। जबसे लोगों की लाइफ में मोबाइल फोंस ने इंट्री ली, सबने लैंडलाइन से किनारा करना शुरू कर दिया। बेसिक फोन के कंपैरिजन में मोबाइल को कैरी करना बेहद ईजी है। वहीं मोबाइल में बात करने के अलावा भी कई फैसिलिटीज अवेलबल होती हैं, जोकि बेसिक फोन में नहीं मिलती। प्रेजेंट टाइम में आए स्मार्टफोंस ने तो ये गैप और बढ़ा दिया है। हालांकि इस सबके बावजूद ऑफिसर्स और कुछ कंज्यूमर्स बेसिक फोन को बेटर मानते है। सीनियर सिटीजन की पहली पसंद अब भी बेसिक फोन ही है, क्योंकि उन्हें मोबाइल फोन से ज्यादा ईजी टू यूज बेसिक फोन लगता है। Officers कर रहे नई कवायदबेसिक फोन से कन्नी काट चुके कंज्यूमर्स को वापस जोड़ने के लिए ऑफिसर्स नई तैयारियों में जुट गए हैं। इसके लिए 40 सदस्यों की ग्रुपवाइज टीम तैयार की गई है। इनका काम सिटी के डिफरेंट्स एरियाज में लोगों के बीच जाकर यह क्वेरी करना है कि उन्होंने बेसिक फोन क्यों हटा दिया या वे फिर से नया कनेक्शन क्यों नहीं लेना चाहते। कंज्यूमर्स जो भी प्रॉब्लम्स बताएंगे, उसके बेसिस पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर उन सारी दिक्कतों को निपटाने की कोशिश की जाएगी, ताकि कंज्यूमर्स की संख्या में इजाफा किया जा सके। इसके अलावा रोड्स की मरम्मत के दौरान केबिल कटने से बेसिक फोन ठप होने की समस्या से निपटने के लिए विभाग ने पहले ही वाइमैक्स सर्विस स्टार्ट कर दी है, ताकि केबल कटने का झंझट ही ना रहे।
Service charge भी कमकंज्यूमर्स को वापस बेसिक फोन की तरफ अट्रैक्ट करने के लिए डिपार्टमेंट ने सर्विस चार्ज करीब 34 फीसदी कम कर दिया है। अब साल भर के लिए एक मुश्त 1540 रुपए देने पर 12 महीने सर्विस मिलेगी। इसके पहले कंज्यूमर्स को एक साल के 2340 रुपए देने पड़ते थे। इस प्लान के तहत लोगों को 195 रुपए मंथली की जगह 128 रुपए देने पड़ेंगे। 90 दिन के लिए लागू की गई इस योजना में जो कंज्यूमर्स शामिल हो जाएंगे उन्हें इस प्लान करी सर्विसेस टाइम ड्यूरेशन बीत जाने के बाद भी मिलेगा।
Online billing facility इतना ही नहीं लैंडलाइन फोन का बिल जमा करना भी अब बेहद आसान हो गया है। पहले कंज्यूमर्स के घर डाक के जरिए बिल भेजे जाते थे, लेकिन अब ऑनलाइन भी बिल जमा किया जा सकता है। ऑनलाइन बिल जमा करने पर क् परसेंट का छूट भी कंज्यूमर्स को मिलेगी। इस सर्विस का लाभ लेने के लिए विभाग की साइट पर जाकर अकाउंट ओपेन करना होगा। इसके अलावा बिल कब जमा करना है, बिल जमा करने की आखिरी डेट कब है, ये सारी डिटेल कंज्यूमर्स के मोबाइल पर आ जाएगी। वहीं कोई दिक्कत आने पर कंज्यूमर्स विभाग द्वारा जारी हेल्प लाइन नंबर क्भ्00 पर फोन कर इंक्वॉयरी कर सकते हैं। बॉक्स - ख्00भ् में बेसिक फोन के कंज्यूमर्स - 80,000. - ख्0क्ब् में बेसिक फोन के कंज्यूमर्स - ख्0,000. बेसिक फोन के फायदे - इसके बिल को आईडी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। - डायरेक्टरी के जरिए नंबर का पता लगाया जा सकता है। - चार्जिग का झंझट नहीं। - हेल्थ हैजार्ड नहीं होता।- एक जगह फिक्स होने से गुम होने की दिक्कत नहीं।
- झूठ बोलने की संभावना कम। बेसिक फोन कंज्यूमर्स की संख्या काफी कम हुई है। कंज्यूमर्स को जोड़ने के लिए टीम बनायी गई है, ताकि यह पता चल सके कि किस रीजन से लोग इस सर्विस से नहीं जुड़ना चाहते। -मणिराम, सीनियर जनरल मैनेजर, बीएसएनएल