शारीरिक रूप से अक्षम स्टूडेंट्स के प्रति अब यूनिवर्सिटीज नहीं अपना सकेंगी गैर जिम्मेदाराना रवैया

यूजीसी ने ग्रांट का एक हिस्सा फिजिकली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स की सुविधाओं पर खर्च करने का दिया आदेश

BAREILLY: शारीरिक रूप से अक्षम स्टूडेंट्स के प्रति अब यूनिवर्सिटीज गैर जिम्मेदाराना रवैया नहीं अपना सकतीं। उन्हें अपने कैंपस में कंपलसरी रूप से सुविधाएं प्रोवाइड करानी ही होंगी। हालांकि सुविधाएं प्रोवाइड कराने का आदेश तो बहुत पहले से है पर अक्सर यूनिवर्सिटीज ग्रांट का रोना रोते हुए इससे बचती आई हैं। लेकिन अब ग्रांट ना होने की रुकावट भी खत्म हो गई है। यूजीसी ने इस रोड़े को खत्म करने के लिए कंपलसरी रूप से ग्रांट का एक हिस्सा फिजिकली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स की सुविधाओं पर खर्च करने का आदेश दिया है। यही नहीं इस पर सभी यूनिवर्सिटीज से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगा है।

बैरियर फ्री एनवायरमेंट

कैंपस में फिजिकली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स को बैरियर फ्री एजूकेशन प्रोवाइड करने के लिए काफी समय से आदेश व दिशा-निर्देश जारी होते रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार क्9 वर्ष तक की एज ग्रुप के करीब क्.म्7 परसेंट स्टूडेंट्स फिजिकली चैलेंज्ड हैं और उनमें से आधों को भी कैंपस में एजूकेशनल फैसिलिटीज प्रोवाइड नहीं कराई जाती हैं। उनके लिए क्लासरूम में जाने के लिए रैंप की सुविधा, लिफ्ट, वॉशरूम फैसिलिटीज, व्हील चेयर्स, कम्यूनिकेशन असिस्टेंस के लिए सुविधा समेत तमाम यूटिलिटी सेवाएं प्रोवाइड कराने के लिए कई बार आदेश पारित किए जा चुके हैं ताकि उन्हें बैरियर फ्री एजूकेशन मिल सके। बिल्कुल आम छात्रों की तरह, लेकिन इसे लागू करने में सबसे बड़ी प्रॉब्लम ग्रांट की कमी की आती है। इसी की कमी का बहाना बताकर यूनिवर्सिटीज पूरी तरह से फैसिलिटीज प्रोवाइड करने में अपने को अक्षम बताती आई हैं।

क् लाख रुपए तक करना होगा खर्च

कैंपस में एनवायरमेंट क्रिएट करने में ग्रांट की कमी के बैरियर का यूजीसी ने हल निकाल लिया है। अब हर यूनिवर्सिटी को कम से कम क् लाख रुपए फिजिकली चैलेंज्ड स्टूडेंट्स के लिए सुविधाएं प्रोवाइड करने में खर्च करने ही होंगे। यूजीसी के सेक्रेट्री प्रो। डॉ। जसपाल एस संधु ने आदेश जारी कर इसे कंपलसरी कर दिया है। इसके लिए यूजीसी ने जनरल डेवलपमेंट असिस्टेंस में व्यवस्था की है। यह ग्रांट हर यूनिवर्सिटी को यूजीसी की तरफ से दी जाती है। इसी में से सभी को कम से कम क् लाख रुपए खर्च करने होंगे।

कोर्ट की फटकार के बाद उठाया कदम

यूजीसी ने कोर्ट की फटकार के बाद यह व्यवस्था की है। मुंबई हाई कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान सेंट्रल गवर्नमेंट को निर्देश जारी कर मार्च ख्0क्भ् तक एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस में बैरियर फ्री एनवायरमेंट बनाने को कहा है। इससे पहले भी कोर्ट कई बार डायरेक्शंस जारी कर चुका है, लेकिन इस बार यूजीसी ने इसके लिए अलग से व्यवस्था कर सारे बहानों को किनारा कर दिया। यही नहीं यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी से क्भ् दिन के अंदर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।

Posted By: Inextlive