-एक जनवरी से 31 मार्च तक चली थी योजना मात्र 800 लोग को ही मिल सका छूट का लाभ. 60 करोड़ रुपए जमा कराने का था टारगेट मात्र 2.20 करोड़ रुपए ही वसूले जा सके


(बरेली ब्यूरो)। नगर निगम द्वारा बरेलियंस को हाउस टैक्स में राहत देते हुए वन टाइम सैटलमेंट यानि ओटीएस की सुविधा दी गई थी। इस स्कीम से नगर निगम को काफी उम्मीद थी। लेकिन, वह इसे सफल कर पाने में पूरी तरह असफल सिद्ध हुआ। योजना जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। दिसंबर में अधिकारियों ने 60 करोड़ रुपए जमा करवाने का टारगेट रखा था। लेकिन, अवधि पूरी होने तक केवल 800 मकानों से 2.20 करोड़ रुपए ही वसूले जा सके हैं।

सामने आई थीं से प्रॉब्लम्स
हाउस टैक्स पर ओटीएस का लाभ लेने वालों के लिए लोगों को कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा था। कभी साइट पर टैंिक्नकल प्रॉब्लम आ रही थी तो कभी ओटीएस लाभार्थी की दो-दो आईडी क्रिएट हो जा रही थीं। इसके साथ ही ओटीएस पर ïिवशेष छूट न मिलने की वजह से अपेक्षाकृत कम लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया। अब निगम के अधिकारी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैैं कि वे लोगों को अपेक्षाकृत लाभ नहीं पहुंचा पाए। अधिकारियों का यह भी दावा है कि उन्होंंने ओटीएस का लाभ लेने के लिए विभिन्न माध्यमों से पब्लिक को सूचित किया। स्कीम का समय समाप्त होने के साथ ही निगम के दावों की पोल खुल गईं। निगम में ओटीएस के लाभ लेने वालों की संख्या करीब आठ सौ रही हैैं। साथ ही निगम ने ओटीएस के जरिए करीब दो करोड़ बीस लाख रुपए की ही आय की हैं।

ओटीएस का लाभ
इस योजना का लाभ नगर निगम क्षेत्र में मकान बनवाकर रहने वाले उन लोगों को मिलना था, जो किसी कारण से हाउस टैक्स जमा नहीं कर पा रहे थे। एक जनवरी से लागू हुई इस स्कीम को लेने वाले लोगों को मूल बकाया पर लगा सरचार्ज जमा नहीं करना था यानि उनका काम सिर्फ बकाया का एमाउंट जमा कर देने से हो जाता। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह के अनुसार इस योजना में पार्ट पेमेंट का कोई प्रोवीजन नहीं था। बकाया का पूर्ण भुगतान करने वालों को ही योजना का लाभ मिला हैै। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ओटीएस के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमने लाभ पहुंचाने का प्रयास किया।

स्कीम में ये नहीं थे शामिल
-सरकारी भवन
-अद्र्ध सरकारी भवन
-कमर्शियल भवन

दो अरब बकाया, 3.5 परसेंट जमा
नगर निगम कोरोना काल के बाद वित्तीय रूप से कमजोर हुआ है। निगम की इनकम पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। मनी फ्लो कमजोर होने का इंपैक्ट एरिया में होने वाले विकास कार्यों पर भी है। निगम चाहता था कि ऐसी योजना लागू हो, जिससे इनकम बढ़ जाए। इससे विकास कार्यों को गति दी जा सके। दिसंबर में अधिकारिेयों ने करीब दो अरब रुपए बकाया होने की बात कही थी। इसमें सरचार्ज भी शामिल हैै। निगम ने योजना के अंतर्गत 60 करोड़ रुपए जमा करवाने का टारगेट रखा गया था। इस स्कीम के जरिए निगम अपेक्षाकृत ओटीएस का साढ़े तीन प्रतिशत लाभ ही ले पाया है। अब इस मामले में ऑफिसर्स मुंह खोलने के लिए तैयार नही हैं।

Posted By: Inextlive