बरेली : जिम चुरा रहे जवानी, स्टेरॉयड और गलत एक्सरसाइज से बढ़ रही शुक्राणुओं की समस्या
बरेली (ब्यूरो)। आजकल के यूथ जिम में घंटों पसीना बहाकर बॉडी बिल्डर और मॉडल बनने का सपना देख रहे हैं। आप भी अगर उनमें से ही हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि चिकित्सा के मानकों पर ऐसे लोगों का शरीर खोखला निकला। शरीर तो गठीला बन गया, लेकिन अब वे पिता नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में अब वे लोग संतान प्राप्ति के लिए क्लीनिक्स का चक्कर काट रहे हैं। शरीर फुलाने के लिए टेस्टोस्टेरोन का इंजेक्शन लेने से स्पर्म काउंट 20 गुना तक कम हो गए। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि इसके लिए स्टेरॉयड के साथ प्रोटीन सप्लीमेंट इसका मेन कारण हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि अगर आप इस तरह का कोई भी सप्लीमेंट ले रहे हैं या फिर स्टेरॉयड लेते हैं तो बगैर डॉक्टर्स की सलाह के न लें।
टोन्ड बॉडी का शौक
टोन्ड बॉडी का शौक किसे नहीं होता, इसके लिए पुरुष क्या-क्या नहीं करते। देर तक गलत तरह से जिमिंग, एक्सर्साइज और वेट ट्रेनिंग करना उन्हें इनफर्टिलिटी क्लिनिकों में पहुंचा रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा एक्सरसाइज और वेट ट्रेनिंग से स्पर्म कमजोर होते हैं। दरअसल ऐसा करने से स्पर्मेटिक कॉर्ड में वैरिकोज वेन्स बढ़ जाती है, जिससे स्पर्म कमजोर हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इनफर्टिलिटी क्लिनिक्स में आने वाले पुरुषों में से 20 परसेंट पुरुष वैरिकोज वेन्स की समस्या के शिकार होते हैं, जिन्हें सर्जरी करवानी पड़ती है। बगैर ट्रेनर इंस्ट्रक्शन्स के जिम करना युवाओं को भारी पड़ रहा है।
ट्रेनर की सलाह जरूरी
फिजिशयन डॉक्टर नकुल गुप्ता की मानें तो जिम एक्सरसाइज या व्यायाम का अभ्यास आपकी उम्र और शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। जिम में वर्कआउट या एक्सरसाइज करने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से इस बारे में जरूरी जानकारी लेनी चाहिए और एक्सपर्ट की देखरेख में ही एक्सरसाइज का अभ्यास करना चाहिए। सप्ताह भर में कुल 12 घंटे वर्कआउट करना यानी रोजाना 2 घंटे वर्कआउट या जिम में एक्सरसाइज करना पर्याप्त माना जाता है। लेकिन बॉडी-बिल्डिंग करने के लिए सप्लीमेंट्स या स्टेरॉयड्स का सहारा बिलकुल भी नहीं लेना चाहिए। बिना ट्रेनर या एक्सपर्ट की सलाह के खुद से किसी भी तरह की डाइट प्लान नहीं अपनानी चाहिए। बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से न सिर्फ पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है, बल्कि महिलाऐं भी इसका शिकार हो सकती हैं। शारीरिक क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज करने पर शरीर में हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है और ये हॉर्मोन आपकी प्रजनन क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। इसलिए बिना किसी एक्सपर्ट या ट्रेनर की सलाह के एक्सरसाइज या वर्कआउट प्लान नहीं बनाना चाहिए।
जिम जाने वाले अधिकांश युवा प्रोटीन सप्लीमेंट का प्रयोग अधिक करने लगते हैं। इसमें एस्ट्रोजेन का हाई लेवल होता है। इससे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ जाती है। इसके साथ ही जिम में आवश्यकता से अधिक घंटे बिताने, बहुत अधिक भार उठाने या शरीर पर बहुत अधिक दबाव डालने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है। इससे भी शुक्राणुओं की संख्या में और भी कमी आ जाती है। अवेयरनेस की कमी
युवाओं में प्रजनन स्वास्थ्य के संबंध में अवेयरनेस की महत्वपूर्ण कमी भी है। स्वस्थ रहना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अच्छी बात है। कई प्रोटीन सप्लीमेंट एनाबॉलिक स्टेरॉयड से दूषित होते हैं, जो अन्य चीजों के अलावा शुक्राणुओं की संख्या में कमी का कारण बनते हैं। इन सॉल्ट वाली दवाओं ने निकाला दम
टेस्टेस्टेरान, सस्टेनान, नैंड्रोलोन, एपीड्रिन, न्यूराबाल, डायनाबाल व प्रोटीन पाउडर के साथ मिले रसायन।
दुबलापन हटाने के लिए एनाबोल व डायनाबोल देते हैं, जो घातक है। इसे युवक विटामिन समझकर खाते हैं।
मोटे हैं तो फैट जलाने वाली दवा एपीड्रिलिन लेते हैं युवक। इससे &डायरूटिक दवाओं से&य शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
जिम में या फिर अधिक एक्सरासाइज करने वाले यूथ स्टेरॉयड का सेवन करने लगते हैं, जो गलत है। स्टेराइड डॉक्टर्स भी कुछ ही मरीजों के लिए एक मात्रा के अनुसार देते हैं। लेकिन अगर कोई खुद से बगैर डॉक्टर की सलाह के ले रहे हैं तो वह खतरनाक है। क्योंकि अधिक मात्रा में स्टेराइड लेना और उसके बाद छोड़ देने से जो हमारी बॉडी के अंदर काफी इफेक्ट पड़ता है।
डॉ। नकुल गुप्ता, फिजिशियन, जिला अस्पताल
विमल मिश्रा, जिम ट्रेनर
जिम में एक्सपर्ट ट्रेनर होने जरूरी हैं, क्योंकि एक्सरसाइज कितनी देर करना है। आपनी बॉडी के अनुसार ही आपको जिम में वर्कआउट करना चाहिए। लगातार या फिर जिम में अधिक पसीना बहना भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है, इसीलिए जिम में एक मानक के अनुसार ही एक्सरसाइज करना चाहिए।
विक्की, जिम ट्रेनर