शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अरबों रुपए खर्च किए जा चुके हैै लेकिन अफसर शाही की सरपरस्ती में चल रही स्मार्ट सिटी योजना कई जगह शून्य साबित हो रही है. शहर के स्मार्ट बनने के बाद भी कई जगह पर बुरा हाल है कहीं लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है.

बरेली (ब्यूरो)। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अरबों रुपए खर्च किए जा चुके हैै, लेकिन अफसर शाही की सरपरस्ती में चल रही, स्मार्ट सिटी योजना कई जगह शून्य साबित हो रही है। शहर के स्मार्ट बनने के बाद भी कई जगह पर बुरा हाल है, कहीं लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। आज भी शहर में कई जगह पर बिजली के तारों को मकड़ जाल फैला हुआ है। हालत यह है कि तारों के मकडज़ाल से आसमान तक देखना मुश्किल हो रहा है। इसी का सहारा लेकर आसपास के लोग खुले से बिजली के तारों से खुलेआम बिजली चोरी कर रहे है। शहर में फैले हुए तारों के मकडज़ाल और बिजली चोरी के खेल को लेकर हाल फिलहाल में सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कर काफी कमेंट किए जा रहे है।

सेंटिंग का खेल
शहर से लेकर देहात तक बिजली चोरी का बड़ा खेल चल रहा है। बरेली शहर की स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद भी यह खेल रुका नहीं है। स्मार्ट सिटी की टीम ने शहर के बाहरी हिस्सों में बिजली के वायर को अंडरग्राउंड कर दिया है। लेकिन शहर के किला के केला बाग, जखीरा, लीची बाग, किला अनाज मंडी, संदल खां बजरिया, बाकरगंज, कटघर, स्वालेनगर, छावनी, सीफि टोला, गढ़ी इसके अलावा पुराने शहर मेंं मदीना शाह इमाम बाड़, काकाटोला, सैलानी, श्यामगंज, सेमलखेड़ा, जगतपुर, मीरा की पैठ, संजयनगर, त्रिमूर्ति, दूर्गानगर समेत अन्य क्षेत्र में तारों का मकडज़ाल फैला हुआ है। ऐसे एरिया में बिजली के फैले हुए तारों का मकडज़ाल सच्चाई बयां कर रहा है। पांच साल से ज्यादा समय स्मार्ट सिटी के घोषित होने के बाद भी बिजली की व्यवस्था जस की तस है। आज भी शहर के कई इलाकों में बिजली के तारों का मकड़ जाल फैला हुआ है। जहां से खुलेआम बिजली चोरी हो रही है। बिजली चोरी की जानकारी होने के बाद भी बिजली विभाग ऐसे क्षेत्र में सेटिंग के चलते कार्रवाई नहीं करता है।

कार्रवाई के नाम पर उगाही
बता दें की बिजली विभाग की अलग-अलग टीम में समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाती रहती है। इस दौरान बिजली चोरों को पडक़र बिजली विभाग की टीमें उनके खिलाफ कार्रवाई करती है। इसके तहत पकड़े गए उपभोक्ताओं से जुर्माना और बिल वसूल किया जाता है। लेकिन बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई और जुर्माना वसूलने की बजाय कार्रवाई करने वाली टीम उनसे मोटी रकम वसूल कर मामला रफा दफा कर देती है। मौके पर सेटिंग के साथ-साथ कार्रवाई स्थल पर भी विजिलेंस और बिजली विभाग की अन्य टीम में सेटिंग कर लेती है। यही वजह है कि हर समय बिजली के अलग-अलग विभागों के साथ-साथ विजिलेंस दफ्तर में पीडि़त लोगों के साथ-साथ दलालों का जमावड़ा रहता है।

Posted By: Inextlive