बरेली : कोहरे से विजिबिलिटी हुई जीरो, मौसम विज्ञानी बोले चार दिन रहेगा सर्दी का सितम
बरेली (ब्यूरो)। 15 दिनों से लगातार बढ़ रहे कोहरा और शीत लहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है। बढ़ते कोहरा से शहर का एक्यूआई 300 तक पहुंच गया है। बढ़ते एक्यूआई ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अधिक कोहरा और धुंध के कारण विजिबिलिटी भी घट कर 10 मीटर तक ही रह गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि शीतलहर, कोहरा और बढ़े एक्यूआई में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक करने से लोगों को बचना चाहिए। खासकर बच्चों और बुजुर्गो को अधिक समस्या हो सकती है, इसलिए इन्हें सावधानी अधिक बरतनी चाहिए।
26 दिसंबर से कोहरा
जिले में 26 दिसंबर से कोहरा लगातार बढ़ता जा रहा है। कोहरा के कारण कई ट्रेनें भी निरस्त हो चुकी हैं। इससे पैसेंजर्स की तो समस्या बढ़ी ही है, इसके साथ ही सबसे अधिक उनको समस्या हो रही है, जिनकी ट्रेनें दो से चार घंटा तक डिले चल रही हैं। वहीं रोडवेज ने भी अधिक कोहरा होने पर बसों को संचालन रोकने के भी ड्राइवर को निर्देश दिए थे। इसके साथ उड़ाने भी कई प्रभावित हो चुकी हैं।
शाम होते ही रोड खाली
संडे को अक्सर लोग परिवार संग शॉपिंग करने, खाने-पीने और घूमने के लिए निकलते हैं। इस बार सुबह को अधिक कहरा के कारण लोग कम निकले, लेकिन दोपहर को हल्की धूप की चमक दिखाई दी तो लोगों का मार्केट में कुछ आना-जाना शुरू हुआ, लेकिन कुछ ही टाइम में धूप गायब हो गई और कोहरा का आना फिर से शुरू हो गया। चार बजे से कोहरा ने पूरा शहर ढक लिया। अधिक कोहरा होने के कारण शहर की सडक़ों पर शाम से ही सन्नाटा होने लगा। वहीं हाईवे पर भी शाम होते ही रोड पर दौडऩे वाले ट्रक ढाबा और पेट्रोल पंप पर साइड से लगे हुए नजर आए। अधिक सर्दी और शीत लहर के कारण स्ट्रीट डॉग और पेट डॉग की भी समस्या बढ़ी है। रोड पर दिखाई देने वाले जानवर भी बैठने का ठिकाना तलाशते नजर आए।
हो जाता है इन्फेक्शन
फिजिशियन डॉ। सुदीप सरन के अनुसार कोहरा के मौसम में डस्ट और कार्बन के जो पार्टिकल होते हैं, वो सांस लेने पर नाक के जरिए फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं, क्योंकि आद्रता कम होती है। इससे एक्यूआई भी बढ़ता है और कुछ लोगों में इंफेक्शन भी हो जाता है। इस मौसम में सांस का दौरा, निमोनिया, आंखों का लाल हो जाना, नजला छींक होना, बीपी बढ़ जाता है। इतना ही नहीं ऐसे मौसम में रक्त गाढ़ा जाता है, और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। डायबिटिक पेशेंट्स में ब्लड शुगर लेवल बढऩे के साथ फालिज और सर्वाइकल, कंधा जाम होना आदि की समस्या होती है।
-रोहित सिंह, रीजनल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अधिकार सर्दी बढऩे पर कार्बन के कण और डस्ट ऊपर तक नहीं जा पाते हैं। स्मॉग और फॉग दोनों मिल जाते हैं। इसका मेन कारण है वायु में नीचे के कार्बन के पार्टिकल मैटर और गैस हवा में जो होती हैं, उन्हें तब तक ऊपर उठने का रास्ता नहीं मिलता, जब तक तेज हवा और बारिश का योग नहीं बनता।
प्रो। डॉ। आलोक खरे, पर्यावरणविद