बरेली : इस तरह तो कभी नहीं बनेगा सिटी स्मार्ट, पार्क से बेंच के सरिया तक ले गए चोर
बरेली (ब्यूरो)। शहर अच्छा दिखे और लोगों के लिए सुविधाएं भी मिले, इसके लिए स्मार्ट के तहत कई कार्य कराए गए और कराए भी जा रहे हैं। इन सभी सुविधाओं का यूज करते करते हुए उनकी देखरेख भी करना है उन चीजों को सुरक्षित भी रखना है, शायद यह ही बात हम सब भूल गए। इस का ही नतीजा है कि स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए कार्य को कुछ लोगों ने नष्ट करना शुरू कर दिया है। बरेली क्लब रोड और 300 बेड हॉस्पिटल रोड पर रिनोवेशन कर उस पर टाइल्स व पत्थर लगवाए गए, लेकिन यहां से कई पत्थर चोरों ने चोरी कर लिए। इतना ही नहीं रोड साइड लगवाई गई लाइट्स चोरी करने के साथ उनकी केबल तक चोर ले गए। एडीजी आवास के सामने पार्क में लगी लाइट्स चोरी करने के बाद अब वहां पर लगाई गई बेंच से सरिया निकालने के लिए चोरों ने बेंच को ही तोड़ दिया।
केबल काट ले गए चोर
स्मार्ट सिटी के तहत रोड के साइड में रोशनी के लिए लाइट्स लगाई गई थीं ताकि रात में पैदल निकलने वालों को भी दिक्कत न हो। चोरों ने इन लाइट्स को तो चोरी किया ही, इनमें लगी केबल भी काट ले गए, जिससे यह लाइट जलना तो बंद हो गईं। 300 बेड हॉस्पिटल की दीवार के पास लगी लाइट्स की केबल भी कई जगह से काट दी गई है, जिससे ये लाइट्स बंद पड़ी हैं और इन लाइट्स का आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत रोड साइड में पत्थर लगाए गए थे, जिससे रोड पर सुंदरता बढ़े। बरेली क्लब रोड और अक्षर विहार पार्क के पास रोड साइड पत्थर लगवाए गए थे। यह ग्रेनाइट के पत्थर भी चोर उखाड़ कर ले गए। इससे रोड की सुंदरता भी बदहाल हो गई और जिस दीवार पर पत्थर लगाए गए वह भी अब गिरने लगी है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।
पहले लाइट चोरी, अब चेयर तोड़ी
कुछ माह पहले एडीजी जोन, एसएसपी आवास और कमिश्नर आवास के सामने वाले पार्क में कुछ माह पहले लाइट चोरी हो गई, जो अभी तक भी नहीं लग पाई हैं। इसके उपरांत एक के बाद एक चोर सीमेंटेड बेंच को तोड़ कर उनकी सरिया निकाल ले गए हैं। पाक्र्स को सुंदर बनाने के लिए स्मार्ट सिटी की तरफ से काम किया जाता है, लेकिन चोर चोरी कर ले जाते हैं। ऐसा करने वालों को सोचना चाहिए कि यह ही हाल रहा तो कभी भी अपना सिटी नहीं बन पाएगा।
शरद श्रीवास्तव पार्क में बैठने के लिए चेयर बनी हुई थीं। लोग बच्चों के साथ पार्क में घूमने आते थे तो कुछ देर चेयर पर बैठकर आराम भी कर लेते थे। चोरों ने चेयर्स को तोड़ कर सरिया ही निकाल लिया। इससे पार्क लगभग उजड़ सा गया है।
माधव गुप्ता मैं 10 साल से इस पार्क में आ रहा हूं। जिस बेंच पर मैं अपना बैग पानी की बोतल और एक्ससाइज करके थक कर रेेस्ट करता था। उसे जाने किन लोगों ने तोड़ दिया है। इसको लेकर मुझे दिल से पीड़ा हुई।
आशुतोष पाराशरी
शाम के टाइम मैं पार्क में वॉक करने आती थी। क्योंकि यहां का माहौल बहुत शांत होता है। वॉक करने के बाद चेयर पर बैठकर हम लोग रेस्ट करते थे। देखते ही देखते सारी चेयर्स टूट गई हैं। चोरों ने अधिकतर चेयर की सरिया निकाल ली हैं।
डॉ। पायल