एग्जाम और रिजल्ट को लेकर अगर आपका बच्चा तनाव में है या फिर टेंशन ले रहा है तो इसे हल्के में न लें. क्योंकि यह समस्या स्टूडेंट्स को इस समय अधिक आ रही है. जिला अस्पताल के मन कक्ष में इस तरह की समस्या लेकर ऐसे स्टूडेंट्स आ रहे हैं. जिन्हें रिजल्ट में परसेंटेज कम आने या फिर नीट एग्जाम की तैयारी को लेकर परफार्मेंस एंजाइटी का शिकार हो रहे हैं.

बरेली (ब्यूरो)। एग्जाम और रिजल्ट को लेकर अगर आपका बच्चा तनाव में है या फिर टेंशन ले रहा है तो इसे हल्के में न लें। क्योंकि यह समस्या स्टूडेंट्स को इस समय अधिक आ रही है। जिला अस्पताल के मन कक्ष में इस तरह की समस्या लेकर ऐसे स्टूडेंट्स आ रहे हैं। जिन्हें रिजल्ट में परसेंटेज कम आने या फिर नीट एग्जाम की तैयारी को लेकर परफार्मेंस एंजाइटी का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो इस समस्या के कारण स्टूडेंट्स अपनी परफार्मेंस भी बेहतर नहीं दे पाते हैं। इस तरह की कंप्लेंट होने पर तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें। इसे नजरअंदाज न करें। एग्जाम और परफॉर्मेंस को लेकर टीनएजर्स के दिमाग में कई बातें घूमती रहती हैं। इस दौरान बेस्ट करने के चक्कर में कई स्टूडेंट्स डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। एंजाइटी और ज्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से टीनएजर्स की मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर बुरी तरह असर पड़ता है।

ये हैं लक्षण
जब आप टेंशन महसूस करते हैं तो आपको तेजी से विचार आ सकते हैं, लेकिन शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे सांस लेने में कठिनाई, मांसपेशियों में तनाव, कांपना, तेजी से दिल की धडक़न और आपके पेट में दर्द और सूजन। ये सभी टेंशन लेने के कारण होता है। जब शरीर &लड़ाई या उड़ान&य की तैयारी करते समय कोर्टिसोल छोड़ता है। इससे टेंशन आदि की समस्या हो जाती है।

बातचीत से करें शुरुआत
अगर आपको परफॉर्मेंस को लेकर थोड़ा डर और स्ट्रेस फील हो रहा है तो इससे निपटने का सबसे पहला तरीका है, बातचीत करना। पार्टनर या पेरेंट्स से नॉर्मली बात करें। एक-दूसरे को कंफर्ट फील कराएं और इसके बाद ही पार्टनर से अपनी एंग्जाइटी के बारे में शेयर करें। अगर आपका पार्टनर अंडरस्टैडिंग हैं, तो वो जरूर आपकी परेशानी को समझेगा। काफी हद तक संभावना है बातचीत से इस परेशानी का हल निकल जाएगा।

अपने बारे में न सोचें
परफॉर्मेंस को लेकर आपके मन में जो कुछ भी है उससे थोड़ा सा ध्यान हटाकर अच्छा और परिवार के बारे में और यादगार पलों को सोचें। इमोशनल कनेक्शन, फिजिकल टच और एक-दूसरे की खुशियों पर फोकस करें, क्योंकि इसका कनेक्शन डायरेक्ट आपके दिमाग से होता है और जब दिमाग शांत रहेगा, तो जाहिर सी बात है एंग्जाइटी की प्रॉब्लम होगी ही नहीं। इसके साथ ही एंजायटी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है माइंड को रिलैक्स करना है। जिसके लिए आप मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।

केस1 : परसेंटेज को लेकर टेंशन
पुराना शहर निवासी एक 12वीं का स्टूडेंट्स जिला अस्पताल के मन कक्ष में पेरेंट्स के साथ पहुंचा। पेरेंट््स ने बताया कि बेटा माक्र्स को लेकर टेंशन ले रहा है। सीबीएसई इंटरमीडिएट का रिजल्ट आने वाला है, लेकिन अभी से माक्र्स को लेकर परेशान है। कहीं माक्र्स कम न आएं, परसेंटेज डाउन हो जाएगी, क्योंकि आगे नीट की स्टडी करना है। इसको लेकर वह काफी परेशान था। कई दिन से उलझन में था तो परेशान पेरेंट्स उसे डॉक्टर्स के पास लेकर गए, लेकिन उन्हें भी जब काउंसलिंग के लिए लेकर पहुंचे तो पता चला कि यह बीमारी नहीं काउंसलिंग से दूर होने वाली समस्या है। काउंसलिंग के बाद उसे समझाकर घर भेज दिया।

केस 2 : नीट एग्जाम कैसे होगा क्लीयर
-नीट की तैयारी करने वाले राजेंद्र नगर निवासी एक स्टूडेंट्स के पेरेंट्स ने बेटे की समस्या को बताया। इस पर उससे बात की गई तो पता चला कि उसे आगामी मई माह में होने वाले नीट के एग्जाम की तैयारी को लेकर टेंशन हो रही है। यानि कहा जाए तो उसे भी परफॉर्मेंस एंज्याटी की समस्या हो रही है। स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की गई तो पता चला कि वह कुछ समय से वह काफी-काफी देर स्टडी करने के बाद टेंशन में अधिक था। इस पर पेरेंटस ने उसके लिए डॉक्टर्स से सलाह और काउंसलिंग कराई तो कहीं राहत मिलनी शुरू हुई।

केस 3 : 10वीं में परसेंटेज डाउन न हो
शहर के सिविल लाइंस निवासी एक युवती ने आईसीएसई से हाईस्कूल का एग्जाम दिया। एग्जाम के बाद अब रिजल्ट आने की बारी आई तो युवती को अपने साथियों से कम परसेंटेज न आए इसकी टेंशन होने लगी। इसको लेकर वह काफी परेशान सी रहने लगी। पेरेंट्स ने जब उससे पूछा तो उसने समस्या बताई। पेरेंट्स ने समझाया लेकिन फ्रि भी उसकी टेंशन कम नहीं हुई। परेशान होकर उन्होंने ऑनलाइन सलाह ली तो पता चला कि परफार्मेंस एंज्याटी की समस्या है। काउंसलिंग कराने पर उसे भी राहत मिली।

एंजाइटी से ऐसे बचें
एंजाइटी की समस्या से बचने के लिए एग्जाम से पहले ही तैयारी शुरू करें
तैयारी पहले से बेहतर होगी तो आपको एंजाइटी नहीं होगी
पढ़ाई के दौरान आप छोटे ब्रेक लें, इससे तनाव कम होगा
पढ़ाई के साथ साथ अपनी मनपसंद खेल न भूलें
खेलने से दिमाग फ्र होता है और पढ़ाई में भी मन लगेगा
जो सब्जेक्ट कठिन है उसके बारे में अधिक न सोचें, बल्कि उसकी पढाई पहले से ही शुरू कर दें
कठिन सब्जेक्ट की पहले तैयारी करने से एग्जाम में मेहनत कम करनी होगी, और आपको तनाव भी नहीं होगा
रैंक, रिजल्ट और करियर के बारे में सोचने की बजाय अपना ध्यान सिर्फ अपनी पढ़ाई पर लगाएं
पूरी रात बैठकर पढऩे से बचें, इससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा
हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें, इससे आपकी मेंटल हेल्थ बेहतर होगी

क्या है एग्जाम एंजाइटी
एग्जाम और रिजल्ट से कुछ दिनों पहले स्टूडेंट्स के अंदर बोर्ड की परीक्षा को को लेकर डर, बेचैनी और घबराहट पैदा हो जाती यही जिसे परफार्मेंस एंजाइटी कहा जाता है। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स इसकी वजह से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। कुछ बच्चों को अत्यधिक चिंता और घबराहट की वजह से पैनिक अटैक भी आ जाता है। ऐसे में जरूरत होती है कि इस एंजाइटी से बचा जाए और एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन किया जाए।

ऑनलाइन भी ऑप्शन
अगर किसी भी स्टूडेंटस को परफार्मेंश एंज्याटी की समस्या हो रही है तो वह ऑनलाइन या फिर जिला अस्पताल के मन कक्ष में आकर अपनी समस्या बता सकता है। यहां पर काउसंलिंग और दवाएं आदि के माध्यम से उसकी समस्या का समाधान किया जाएगा। एक्सपर्ट की माने तो इसके लिए जरूरी है कि पेरेंट्स इस समस्या को नजर अंदाज न करें क्योंकि इस समस्या को नजर अंदाज करने से यह समस्या और बढ़ सकती है।

माक्र्स के लिए न बनाए प्रेशर
एक्सपर्ट की माने तो पेरेंट्स को भी ध्यान रखना चाहिए कि वह बच्चों पर अच्छे माक्र्स के लिए उसका उत्साहवर्धन करें। माक्र्स के लिए प्रेशर नहीं बनाएं।


अगर किसी स्टूडेंट्स में परफार्मेंस एंज्याटी की प्रॉब्लम आ रही है तो तुरंत उसकी काउंसलिंग कराए। इसके लिए ऑनलाइन भी कॉल पर काउंसलिंग कराई जा सकती है। अगर ये समस्या पहले भी आ चुकी है तो इससे नजर अंदाज न करें।
डॉ। आशीष सिंह, मनोरोग विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive