बरेली : स्टूडेंट्स को पोर्टल पर मिलेगा समाधान
बरेली (ब्यूरो)। एग्जाम के दौरान अधिकतर स्टूडेंट्स की मार्कशीट में कुछ न कुछ गलती हो ही जाती है। इस को लेकर स्टूडेंट्स काफी परेशान हो जाते हैं। अब तक उन्हेें इसे ठीक कराने के लिए डेली यूपी बोर्ड ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यूपी बोर्ड ने स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए समाधान पोर्टल शुरू किया है। इससे स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ये मिलेंगी सेवाएं
माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन शाहजहांपुर से लेकर बिजनौर तक के नौ जिले आते हैं। इसमें बरेली, पीलीभीत, बदायूं, संभल, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा आदि भी शामिल है। पोर्टल पर मिलने वाली सुविधाओं में मूल प्रामाण पत्र और मार्कशीट जारी करना, प्रमाण पत्र और मार्कशीट की सेकंड प्रति जारी करना, निरस्त प्रमाणपत्र और मार्कशीट जारी करना। निरस्त और रोके गए परीक्षाफल का निराकरण, अपूर्ण और त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल का संशोधन, बोर्ड की वेबसाइट पर 2003 से प्रजेंट वर्ष की एग्जाम से संबंधित डाटा अपडेट करना, माइग्रेशन प्रमाणपत्र जारी करना आदि हैं।
तय हुई जिम्मेदारी
इस पोर्टल में समस्या समाधान के लिए 15 दिन का टाइम फिक्स किया गया है। इस दौरान प्रॉब्लम को रजिस्टर कराते ही एक केस नंबर मिल जाएगा। उसे ट्रैक करते हुए अपनी शिकायत की कंडीशन को देख सकते हैं। अगर 15 दिनों में प्रॉब्लम का सॉल्यूशन नहीं निकला तो संबंधित अफसर की जिम्मेदारी होगी।
पहले यह थी प्रॉसेस
पहले अगर किसी स्टूडेंट की मार्कशीट में गलती हो जाती थी तो करेक्शन के लिए छात्रों को डीआईओएस ऑफिस के अलावा रीजनल ऑफिस या प्रयागराज स्थित हेड ऑफिस में जाकर चक्कर लगाने पड़ते थे। एक बार में समस्या का समाधान नहीं होता था। स्टूडेंट्स को बार-बार जाने में कठिनाई होती थी। इसके बाद भी टाइम पर काम नहीं हो पाता था।
समाधान पोर्टल में समस्या दर्ज करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पर क्लिक करके ईमेल और फोन नंबर के माध्यम से ओटीपी डाल कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद लॉगइन कॉलम में प्रॉब्लम रजिस्टर करनी होगी। इस दौरान किन डॉक्यूमेंट्स और फॉर्मेलिटीज की आवश्यकता होगी, वह सब जानकारी इस पोर्टल पर ही उपलब्ध होगी।
समाधान पोर्टल से स्टूडेंट्स को सीधा फायदा मिल रहा है। इस पोर्टल में एक खासियत यह है कि इसमें 15 से 30 दिनों में समाधान हो जाता है। पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करते ही स्टूडेंटस को नंबर मिल जाएगा, जिससे वे वर्क की प्रगति को देख सकते हंै।
डॉ। नीरज पाण्डेय, क्षेत्रीय कार्यालय सचिव
देवकी सिंह, डीआईओएस