बरेली: ...तो ट्रेनों से हो रही मादक पदार्थ की तस्करी
बरेली (ब्यूरो)। जंक्शन और ट्रेनों में जीआरपी समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाती है। इस वजह अपराधियों पर समय-समय पर कार्रवाई होती रहती है। लेकिन जंक्शन के प्लेटफार्म और जंक्शन के बाहर कई तस्कर गिरफ्तार हुए है। यही वजह है कि अब चर्चा होने लगी है कि तस्कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर मादक पदार्थ की तस्करी ट्रेनों के जरिए कर रहे है। बीते दिनों इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद से ही जीआरपी और आरपीएफ ने घटनाओं ने चेकिंग बढ़ा दी है। दोनों ही थानों की फोर्स संयुक्त रूप से सघन चेकिंग करती हैं।
प्लेटफार्म से पकड़ी थी महिला
बरेली जंक्शन के प्लेटफार्म नगर पांच से बीते माह जीआरपी ने विशारतगंज की रहने वाली मोबिना पत्नी शमीम को 435 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। इसके कुछ समय पहले ही 17 मार्च को जीआरपी की टीम ने 11 किलो ग्राम डोडा के साथ अजीत सिंह पुत्र धर्मपाल सिंह निवासी ग्राम सिरोही भमोरा को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ही तस्कर जीआरपी पुलिस की रूटीन चेकिंग में पकड़ गए थे। इसके बाद से ही जंक्शन से ट्रेनों के जरिए लोगों मादक पदार्थ की चर्चाएं आम हैं। बरेली जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर पांच के अलावा जंक्शन के बाहार से भी तस्कर पकड़े जा चुके हैं। कैंट पुलिस ने जंक्शन रोड से आंवला कस्बे के आरिफ पुत्र मुमताज अहमद को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपित के पास से स्मैक बरामद की थी।
मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में बरेली को गढ़ माना जाता है। बरेली से दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में मादक पदार्थ की तस्करी की जाती है। जिले में इसको लेकर फतेहगंज पश्मिची, फतेहगंज पूर्वी, मीरगंज और फरीदपुर काफी बदनाम है। हालत यह है कि इन थाना क्षेत्रों में हमेशा ही दूसरे प्रदेशों के अलग-अलग थानों की फोर्स दबिश देने आती रहती है। यह मादक पदार्थ
स्मैक, डोडा, चरस, गांजा, अफीम जैसे मादक पदार्थों की तस्करी की जाती है। यहां मादक पदार्थ जिले में झारखंड, नेपाल और बिहार से पहुंचाए जाते है