बिजली से राहत तो कम लेकिन पसीना अधिक बहाना पड़ रहा है... कागजों में ही सप्लाई फुल मिल रही है...महोदय बिजली के साथ ऑफिस से अफसर भी गायब हो जाते हैं. जी हां कुछ इसी तरह के कमेंट्स मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की सोशल साइट एक्स पर कंज्यूमर्स ने किए हैं.

बरेली (ब्यूरो)। बिजली से राहत तो कम लेकिन पसीना अधिक बहाना पड़ रहा है कागजों में ही सप्लाई फुल मिल रही हैमहोदय बिजली के साथ ऑफिस से अफसर भी गायब हो जाते हैं। जी हां कुछ इसी तरह के कमेंट्स मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की सोशल साइट एक्स पर कंज्यूमर्स ने किए हैं। दरअसल सीएम के आदेश के बाद विद्युत वितरण निगम सहित अन्य विभागों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल को एक्टिव किया और हर छोटी बड़ी अपडेट कंज्यूमर्स के लिए देना शुरू की है। इसके साथ ही कंज्यूमर्स की आने वाली कंप्लेंट को भी रिप्लाई कर समाधान करने का भी काम शुरू किया है। सोशल साइट एक्स पर बरेलियंस ने अपने अपने एरिया की बिजली समस्या को लेकर तरह तरह के कमेंट्स भी की हैं। पढि़ए पूरी रिपोर्ट।

डेली की समस्या
शहर के अलग-अलग एरिया में बिजली की समस्या डेली बनी रहना अब आम बात हो गई है। बरेली की बिजली समस्या से निपटने के लिए सरकार की तरफ से करोड़ों का बजट विधुत वितरण निगम को दिया गया। इसका मकसद था कि बरेलियंस को निर्बाध बिजली मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ कि कटौती से निजात मिल सके। लेकिन सरकार से मिली रकम को विभाग ने गर्मी शुरू होने से पहले ही खर्च कर लिया। उसके बाद जब गर्मी शुरू हुई तो समस्या जस की तस ही रही। यानि बरेलियंस को बिजली कटौती से कुछ भी निजात नहीं मिल सकी। ये समस्या बारिश शुरू हो चुकी है उसके बाद भी बनी हुई है। लोगों को इससे परेशानी हो रही है।

प्लानिंग की कमी
एक्सपर्ट की माने तो विधुत वितरण निगम की तरफ से हर बार गर्मी से पहले प्लानिंग जो की जाती है उसके लिए भारी भरकम बजट तो मांगा जाता है। मिल भी जाता है लेकिन उसके लिए सही तरह से मरम्मत और क्षमता बढ़ाने पर जोर नहीं होता है। सिर्फ रुपए खर्च करने पर जोर होता है। इसीलिए गर्मी शुरू होते ही पहले से अधिक बदतर हाल हो जाता है। इसीलिए हर बार बिजली के लिए त्राहि-त्राहि करते हुए कंज्यूमर्स सब स्टेशन तक पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो कंज्यूमर्स सब स्टेशन कर्मचारी से अभद्रता भी करते हैं। लेकिन बाद भी उन्हें किसी तरह समझाया जाता है।

विभाग को भी नुकसान
बिजली की बार बार खराबी मरम्मत के बाद भी होने से निगम को भी नुकसान होता है। इससे कर्मचारियों को भी समस्या होती है। लेकिन चंद जिम्मेदार ही इसके लिए पूरी परेशानी खड़ी करते हैं जो खुद बजट को खर्च करने के लिए पहले से प्लानिंग कमजोर रखते हैँ। वह निगम के साथ कंज्यूमर्स के लिए भी मुश्किल खड़ी करते हैं।

अफसर भी मिलीभगत
बिजली की समस्या का मेन कारण है ओवरलोडिंग होना। इसके लिए अफसरों के साथ कर्मचारी भी जिम्मेदार हैँ जो अपने एरिया में ओवरलोडिंग की जानकारी नहीं रखते हैं। इसके लिए अफसरों और कर्मचारियों को जमीन पर उतरकर काम करना होगा ताकि उन्हें ओवरलोडिंग की समस्या को दूर कर सकें। इसके लिए चेकिंग के बाद उस कंज्यूमर्स को लोड का बढ़ाया जाए जो कम लोड के कनेक्शन पर अधिक यूज करते हैं।

Posted By: Inextlive