बरेली : प्रोजेक्ट्स तैयार, लंबा हो सकता है इंतजार
बरेली (ब्यूरो)। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कई प्रोजेक्ट्स बनकर तैयार हो चुके हैं, लेकिन इनका इनॉग्रेशन अब नहीं हो सका है। इससे बरेलियंस की बेचैनी बढ़ रही है। बेचैनी बढे भी क्यों न, किसी भी समय आचार संहिता का आनाउंस हो सकता है। ऐसा होने पर इन नए प्रोजेक्ट्स के इनॉग्रेशन को लेकर आचार संहिता के हटने तक इंतजार करना पड़ेगा। सिटी में स्काई वॉक, कुतुबखाना पर बना महादेव फ्लाईओवर, आदिनाथ चौक सहित अन्य प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जिनके इनॉग्रेशन का इंतजार बरेलियंस बेसब्री से कर रहे हैं।
महादेव फ्लाईओवर
कुतुबखाना मार्केट में महादेव फ्लाईओवर बनकर तैयार हो चुका है। इस के बनने के बाद लाइट, व्यू कटर और पेंटिंग का काम भी पूरा हो गया। यहां तक कि इस फ्लाईओवर के टेस्टिंग की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक इसका इनॉग्रेशन नहीं हो सका है। बरेली स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 1305.75 मीटर लंबा महादेव सेतु बनकर तैयार हो गया है। 105 करोड़ की लागत से पुल को बनाया गया है। पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय तिवारी, बरेली स्मार्ट सिटी के सहायक अभियंता सुशील सक्सेना, सेतु निगम के डीपीएम अरुण कुमार और राइट्स की टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने सडक़ की मजबूती को परखने के लिए कोर कटिंग कराई। पुल के जो ज्वाइंट को निकट से देखा।
105 करोड़ रुपए से तैयार हुआ महादेव फ्लाईओवर
1305.75 मीटर लंबा बनाया गया है फ्लाईओवर
51 पिलर के ऊपर तैयार हुआ है फ्लाईओवर
2022 अप्रैल में शुरू हुआ था फ्लाईओवर बनना
स्काई वॉक
स्मार्ट सिटी के तहत पटेल चौक पर स्काई वॉक बनाया गया है। स्काईवॉक का भी काम लगभग अब लास्ट फेज में हैं। इस पर 11.34 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद यहां पैदल चलने वाले लोग चौराहे पर गए बिना बरेली कॉलेज रोड, हनुमान मंदिर, चौकी चौराहा व चौपुला की ओर सुगमतापूर्वक आ-जा सकेंगे। कई बार तो स्काई वॉक का डिजायन बदला गया, लेकिन अब बनकर तैयार हो चुका है। अफसरों का कहना है कि यहां पर स्काई वॉक के ऊपर ही मार्केट भी बनाई जाएगी। एक नजर में स्काईवॉक
2021 में प्रस्ताव को मिली थी मंजूरी
2022 में स्काईवॉक का शुरू हुआ था निर्माण
6 जनवरी 2024 में पूरा होना था काम
11.34 करोड़ रुपए की आ रही लागत
आदिनाथ चौक
शहर के डेलापीर चौराहा को आदिनाथ चौक का नाम दिया गया। यहां पर डमरू लगाने का प्रस्ताव भी पास हुआ और डमरू लगाने का काम शुरू किया गया। डमरू लगाने से पहले कई बार इसकी डिजायन आदि को बदला गया। 400 किलोग्राम का डमरू लगाया भी गया, लेकिन चौराहा के हिसाब से यहां पर डमरू छोटा बताया गया। इसके बाद महाशिवरात्रि पर नया और बड़ा डमरू लाकर स्थापित कर दिया गया। इसका भी अब तक इनॉग्रेशन नहीं हो सका है।
08 फिट ऊंचे स्तंभ पर लगा है डमरू
04 टन का लगा था पहले डमरू
08 मार्च को लगाा गया चौराहा पर लगाया बड़ा डमरू