बरेली : ठंडे पानी के नाम पर गर्म हो रही जेब
बरेली (ब्यूरो)। रेलवे जंक्शन पर ठंडे पानी के नाम पर जेब गर्म की जा रही है। 15 रुपए की पानी की बोतल खुलेआम 20 रुपए में बेची जा रही है। इसको लेकर लगातार दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को सूचना मिल रही थी। इसकी सच्चाई जाने के लिए आई नेक्स्ट की एक टीम जंक्शन पहुंची। यहां एक पानी की बोतल खरीदी। इस स्टॉल पर मौजूद वेंडर ने पानी की बोतल दी। जिसके पैसे पूछने पर युवक वेंडर ने बीस रुपए मांगे। जिसका ऑनलाइन भुगतान किया गया। इस खेल में रोजाना यात्रियों से हजारों रुपए की लूट हो रही है। इसमें जंक्शन के स्टॉल से लेकर ट्रेनों में सामान बेचने वाले वेंडर भी प्रति पानी की बोतल पर पांच रुपए ज्यादा वसूल कर रहे है।
यात्रियों से हजारों की लूट
बरेली जंक्शन से रोजाना हजारों यात्री सफर करते है, जबकि हजारों की संख्या में ही यात्रियों को यहां से गुजरना भी होता है। इस दौरान यात्री रेलवे जंक्शन से खानी पीने का सामान खरीदते हैं। गर्मी के मौसम में खासकर पानी सभी को ज्यादा से ज्यादा चाहिए होता है। ऐसे में जंक्शन पर सबसे ज्यादा पानी बिक रहा है। भारतीय रेल ने ट्रेन और जंक्शन पर बिकने वाले रेल नीर की किमत 15 रुपए तय की है। इसके साथ ही पानी की बोतल पर भी एमआरपी 15 रुपए ही लिखी गई है। बावजूद इसके पानी की बोतल 20 रुपए क बेची जा रही है।
थर्सडे की शाम 4:15 बजे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम बरेली जंक्शन पहुंची। यहां पर सबसे पहले टी मैसर्स गुरदित सिंह जगजीत सिंह के स्टॉल पर पहुंची। लेकिन यहां पर कोई भी वेंडर नहीं मिला। इसके बाद पास से दूसरे स्टॉल पर 4:31 बजे टीम पहुंची। जहां पर टीम ने एक पानी की बोतल मांगी। स्टॉल पर मौजूद वेंडर ने रेल नीर की पानी बोतल दी। पैसे पूछने पर वेंडर ने बीस रुपए मांगे। इसके बाद टीम के एक सदस्य ने स्टॉल के बाहर लगे क्यूआर कोड स्केन कर ऑनलाइन बीस रुपए का पेमेंट किया। इस दौरान मौके पर दूसरा वैंडर भी आ गया। पेमेंट होने पर वेंडरों ने पेमेंट की रिपोर्ट देखी। पेमेंट सक्सेसफुट होने पर उन्होंने कहा ओके। 4:31 पर विशाल कश्यप के ऑनलाइन पेमेंट किया गया।
जिम्मेदारों की भुमिका संदिग्ध
जंक्शन पर चल रहे इस खेल को लेकर जिममेदारों की भी भूमिका संदिग्ध है। जंक्शन पर 20 से ज्यादा स्टॉल हैं। इसमें से ज्यादातर पर इस तरह का खेल चल रहा है। चर्चा है कि इस बावत जिम्मेदारों को भी जानकारी रहती है। बावजूद इसके कार्रवाई नहीं होती है। वेंडर यात्रियों को देखकर उसे महंगे रेट में सामान बेच देते है।
- राकेश सिंह, सीएमआई, बरेली जंक्शन