BAREILLY NEWS : स्टूडेंट्स के अपग्रेडेशन के लिए अब ट्रेनिंग कैप्सूल
बरेली (ब्यूरो)। कहा जाता है कि शिक्षा हïी सफलता का मूल मंत्र है। हर स्टूडेंट्स को यह समझना जरूरी है और इससे सफलता हासिल करना भी। सरकार भी इस मंत्र को हर स्टूडेंट्स तक पहुुंचाने का प्रयास कर रही है। इसकी मदद से न सिर्फ उनका भविष्य संवरेगा, बल्कि उनके परिवार का भी भला होगा। एमजेपीआरयू के एजुकेशन डिपार्टमेंट में मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की ओर से एक प्रोजेक्ट असाइन हुआ है। इसका उद््देश्य वोकेशनल एजुकेशन को स्टूडेंट्स के लिए इंट्रीग्रेट करना है।
मिनिस्ट्री से मिला प्रोजेक्टमिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के एमजीएनसीआरई की ओर से न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत एजुकेशन में कई चेंजेज किए जा रहे हैैं। इन्हीं में से एक है, स्टूडेंट्स में स्किल को डेवलप करना। जिससे कि स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकें। इसको लेकर ही एमजेपीआरयू को यह प्रोजेक्ट मिला है। प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी कई प्रोफेसर्स को दी गई है।
क्या था मोटिव
प्रोजेक्ट कोऑर्र्डिनेटर डॉ। मिनाक्षी द्विवेदी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को क्लास नाइंथ से लेकर क्लास ट्वेल्थ के सभी स्टूडेंट्स के लिए प्रिप्रेयर किया गया है। इसका मेन मोटिव स्टूडेंट्स के कैरिकुलम में वोकेशनल एजुकेशन को इंट्रीगेट करना है, जिससे स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ अपने पैरों पर खड़े भी हो सकें।
चार सब्जेक्ट का मिला था प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट में चार सब्जेक्ट पर कैरिकुलम प्रिप्रेयर करने के लिए कहा गया था। इसमें मैथ्स, हिंदी, सोशल साइंस और साइंस शामिल हैं। इस कैरिकुलम में हर सब्जेक्ट में 20 चैप्टर्स तैयार किए गए हैं, जिससे कि स्टूडेंट्स डेली लाइफ में चीजों को अप्लाई कर सकें।
1- डॉ। । मीनाक्षी द्विवेदी ने बताया कि मैथ्स स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही टफ बन जाता है, पर इसे ईजी और इंटरेस्टिंग बनाने की कोशिश की गई है। इससे स्टूडेंट्स को ज्योमेेट्री, सेप्स, ट्रैक्स जैसे टफ चैप्टर्स को भी आसान तरह से समझाया गया है। उसी सेप और साइज को किस तरह से आर्टिकल में यूज कर सकते हैं, यह भी बताया गया है। डॉ। मिनाक्षी द्विवेदी ने कहा कि अगर स्टूडेंट टैक्स फिलिंग जैसे टॉपिक को समझ गया तो कम से कम वह कुछ न कुछ अर्न तो करेगा ही। कभी खाली नहीं बैठेगा।
2- साइंस को स्टूडेंट्स थोड़ा टफ मानते हैं, पर इस सब्जेक्ट के प्रति स्टूडेंट्स में रुचि बढ़ाना जरूरी है। इसी लिए इस प्रोजेक्ट में कई ऐसे चैप्टर्स एड किए गए हैैं, जिससे कि वह साइंस का डेली लाइफ में महत्व समझ सकें। डॉ। गौरव राव ने बताया कि इसमें वॉटर हारवेस्टिंग को जोडा गया है। सोलर कुकर के जरिए इंस्टूमेंट प्रीपरेशन को एड किया गया है, सिटिक प्री्रपरेशन के जरिए इलेक्ट्रीसिटी का महत्व बताया गया है।
3-सोशल साइंस के फैक्ट्स के जरिए लोगों को कैसे अपग्रेेड करें, यह भी बताया गया है। जैसे कि हैंडी क्राफ्ट, खाना, एग्रीकल्चर, स्टोन एज के जरिए नेकलेस प्रीपरेशन आदि। इस प्रोजेक्ट का मेन मकसद स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ अर्निंग के लिए भी मोटीवेट करना है। स्टूडेंट्स को हर तरह से मल्टी टास्किंग, मल्टी डिसिप्लिनरी और क्रिएटिव बनाना ही है।डॉ। मीनाक्षी द्विवेदी, असिस्टेंट प्रोफेसर, एमजेपीआरयू मेरी एक्सपर्टाइज हिंदी में है। मैने हिंदी के कुछ ऐसे चैप्टर्स प्रिपेयर किए हैं, जिसके जरिए स्टूडेंट्स कमाई भी कर सकें।
डॉ। रामबाबू सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, एमजेपीआरयू इस प्रोजेक्ट को तैयार करते वक्त सिर्फ एक चीज का ध्यान रखा जा रहा था की किस तरह से स्टूडेंट्स को ट्रेंड किया जाए की वे पढ़ाई के साथ अर्न भी करें।
डॉ। गौरव राव, एसोसिएट प्रोफेसर, एमजेपीआरयू सोशल साइंस एक ब्रॉडर सेक्टर है। इसमें कई बार स्टूडेंट्स का इंटरेस्ट नहीं रहता है। इस सब्जेक्ट को स्टूडेंट्स के लिए इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए कई टॉपिक एड किए गए हैैं।
डॉ। सुरेंद्र सिंह, असिसटेंट प्रोफेसर, अलीगढ़