BAREILLY NEWS : सर्दी में लीजिए अंडे की कुल्फी का मजा, कुपोषण से लडऩे में मददगार होंगे साबित
बरेली (ब्यूरो)। सेहत का खजाना अंडा अब कई दूसरे रूप में भी खाने को मिल सकता है। सर्दियों में आप अंडे की कुल्फी का आंनद ले सकते हैं, इसके बिस्किट खा सकते हैं और टोमेटो सॉस की तरह ही अंडे के सॉस का भी स्वाद ले सकते हैं। प्रोटीन से भरपूर यह एग प्रोडक्ट स्वाद के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होंगे। हालांकि अभी तक अंडा या तो ब्वॉयल करके खाया जाता है या इसका आमलेट बनता है या एग करी बनाई जाती है। सीएआरआई यानी केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान इज्जनगर के वैज्ञानिकों ने अंडा से कई नए तरह के प्रोडक्ट्स तैयार किए हैं, जो लोगों को पंसद भी आ रहे हैं। सीएआरआई ने अंड से चिकन बड़ी, रस-मलाई, कुल्फी और सॉस के साथ मल्टीग्रेन और शुगर फ्री बिस्किट भी तैयार किए हैं।
पोल्ट्री मांस के भी प्रोडेक्ट
सीएआरआई के वैज्ञानिक डॉ। जयदीप रोकड़े जयवंत ने बताया कि चिकन मीट बड़ी को पोल्ट्री मांस, पेठा, सफेद दाल, सफेद कागज आदि का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इसको तैयार करने के लिए पहले सामग्री को मिक्स कर उसे आकार दिया जाता है फिर 12 घंटे के लिए 55-60 डिग्री सेल्सियस डिग्री टेंपरेचर पर सुखाया जाता है। इस प्रोडक्ट की न्यूट्रिशनल वैल्यू 100 ग्राम बड़ी में प्रोटीन 55.67 परसेंट, फैट 7.69 परसेंट, फाइबर 3.31 परसेंट है। इसे कमरे के तापमान पर चार महीने से अधिक समय तक संग्रहीत किया जा सकता है।
अंडे का सॉस बनाने के लिए तरल अंडे की सामग्री और अन्य सामग्री जैसे लौंग पाउडर और इलाइची पाउडर को एक अनुपात में मानकीकृत करने के लिए कई फार्मूलेशन में शामिल और परीक्षण किया गया है। मीठे अंडे सॉसेज की अंतिम मानकीकृत संरचना सामग्री में अंडा, सूखे मेवे, पाउडर चीनी, दूध पाउडर, लौंग पाउडर, इलाइची पाउडर आदि है। यह बेहतर स्वाद देता है। कुपोषण से बचाने में कारगर
एक्सपर्ट के मुताबिक अंडा अधिक दिन तो नहीं रखा जा सकता है। इसीलिए प्रोटीन, फाइबर और खनिजों से भरपूर दो मूल्य वर्धित प्रोडेक्ट मल्टीग्रेन अंडा बिस्किट, शुगर फ्री अंडा बिस्किट तैयार किए गए हैं। लंबी सेल्फ-लाइफ वाले ये उत्पाद प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जरूरत को पूरा करने और बच्चों में कुपोषण से लडऩे में मददगार साबित होंगे। इसके साथ ही सीएआरआई ने प्रोटीन युक्त उत्पाद कैरी अंडा, रबड़ी-मलाई, अंडा कुल्फी और अंडा पेड़ा भी तैयार किए हैं।
दी जाती है ट्रेनिंग
सीएआरआई अपने इन एग प्रोडक्ट्स को मार्केट में उपलब्ध कराने के लिए इनको तैयार करने का तरीका भी दूसरों को सिखाता है। इसके लिए संस्थान में ही ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाती है। इस हर प्रोडक्ट तो बनाने की पूरी डिटेल दी जाती है और प्रैक्टिकल भी कराया जाता है।
- डॉ। जयदीप रोकड़े जयवंत, वैज्ञानिक, सीएआरआई